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विश्व उड़ान परिचर दिवस International flight attendant day 31 मई पर सद्गुरु स्वामी सत्येंद्र जी महाराज की ज्ञान कविता

इस दिवस पर अपनी ज्ञान कविता के द्धारा स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी इस प्रकार से कहते है कि

उड़ान परिचर या कहे केबिन कर्मीदल,जिन्हें हम विमानकर्मी या विमान परिचारिका व परिचारक भी कहते हैं।ये हवाई जहाजों में नियुक्त सेवा कर्मी होते हैं जिनकी नियुक्ति किसी विमान सेवा के द्वारा मुख्य रूप से किसी व्यवसायिक यानी वाणिज्यिक उड़ान के दौरान सफर करते यात्रियों की सुरक्षा और उनके लगभग सभी प्रकार के आराम के लिए की जाती है। इसके अतिरिक्त ये कर्मिजन कुछ व्यवसायिक जेट विमानों और कुछ सैन्य विमानों में भी उड़ानों के दौरान अपनी सेवायें प्रदान करते है।
सन 1949-50 में अमेरिकन ओवरसीज़ एयरलाइन की एक विमान परिचारिका जो कि विश्व की पहली विमान परिचारिका को 1930 में यूनाइटेड एयरलाइंस द्वारा नौकरी पर रखा गया था जो,की एक 25 साल की नर्स थी, जिसका नाम एलेन चर्च था। इसकी देखा देखी में अन्य दूसरी विमान सेवाओं ने भी ऐसी ही नर्सों को विमानों में यात्रियों के लिए नौकरी पर रख कर सेवाएं प्रदान की।
यह एक प्रबंधक व्यवस्था है जो यात्रियों के बोर्डिंग तथा एक मनोवैज्ञानिक ओर एक सेवा विशेषज्ञ और यात्रा सम्बन्धित सभी चरम मामलों में एक लाइफगार्ड को व्यवस्थित कर सकता है। इस व्यवसायिक से लेकर व्यक्तिगत कार्य के उद्भव का इतिहास 1928 में प्रारम्भ हुआ, जब उन्होंने उड़ान के दौरान सेवा प्रदान करने के लिए विमान में एक अलग व्यक्ति को सवार करना प्रारम्भ कर दिया, यानी एक स्टूवर्ड के रूप में।जो कि मुख्य रूप से वेटर थे – इसे हम कह सकते है-महंगे रेस्तरां के महंगे पुरुष। इससे पहले,जो सह-पायलट यात्रियों की सेवा में लगे हुए थे,जो की उस उपयोगिता को देखते हुए बहुत सुविधाजनक नहीं था।आज के समय में, उड़ान परिचर का कार्य कुछ विशेष नहीं बदला है।इस सब सम्बन्धित मुख्य बात व कार्य यह है कि इनका मुख्यतौर पर सभी यात्रियों के लिए उड़ान की सुविधा सम्बन्धित कार्य करना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इस व्यवसायिकता के साथ रोमांटिक,परन्तु मुश्किल कार्यक्षेत्र के लिए समाज के द्धारा सम्मान के लिए, इस दिवस के मनाने के साथ साथ ओर इन सबके श्रेष्ठ कार्यकुशलता आदि में इनके जीवनदायी उपयोगिता भरे जीवन बलिदान को किये कार्यो के रूप में श्रद्धांजलि स्वरूप में भी,”फ्लाइट अटेंडेंट डे 12 जुलाई” को ये दिवस भी मनाया जाता है।
यों इन सब महत्त्वपूर्ण जनकार्यो को लेकर इन उड़ान परिचरों पर ज्ञान कविता इस प्रकार से है कि,

!!💐उड़ान परिचर दिवस International flight attendant day 31 मई पर ज्ञान कविता💐!!

.

उड़ान परिचर या केबिन कर्मीदल
या कहे विमानकर्मी जनसेवार्थ।
विमान परिचारिका नारी शक्ति
जिसका बड़ा दायित्व जनसाहयतार्थ।।
विमान यात्रीगण सेवा सहायता
उनकी यात्रा सम्बंधित परेशानी ज्ञान।
कैसे उसे समझाए सहयोगी बन
बिन उखड़े व्यवहारिक निजमान।।
नए यात्री सहमे नहीं यात्रा
टॉयलेट हो या समस्या व्यक्तिगत।
उन्हें पूछने में झिझक को तोडें
ओर जोड़े सहज बना हवाई पथ।।
कोई परेशानी हो स्थान पर उनको
या हो पड़ोसी से कोई असहजता।
उन्हें समझाबुझा कर शांति देती
मुस्कराहट भरती बिन महजता।।
गरजते बिगड़ते मौसम बीच
या विपदाकाल हो कोई कैसा।
धैर्य संयम रखती बना सभी संग
ओर दे मनोविज्ञान समर्थन उन वैसा।।
चाय नाश्ता ड्रिंक ओर जल पान
जिसको जो चाहिए सुविधा देकर।
तृप्ति अनुभव करती उन सेवा
ओर सदा खिली मुस्कान झरकर।।
अपनापन कैसे हो यात्रिजन से
ओर कैसे हो मधुर व्यवहार।
उनकी यात्रा सविधाजनक बने
यही अनेक प्रकार से करती सुधार।।
जन सामान्य हो या देश सैन्यबल
सबको देकर अपनी सेवा।
सभी उड़ान विमान आकाश पथ
सुरक्षा वाणिज्यिक सेवक बन खेवा।।
इन्ही सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं से
इन उड़ान परिचर महत्व जान।
इन्हें देते सर्वजन प्रेमांजली
ये खिले खिलाये हम संग विमान।।

जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
www.satyasmeemission.org

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