इस दिवस पर इसी सबको ध्यान में रखते हुए स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी ने अपनी ज्ञान कविता के माध्यम से जनसंदेश देते कहा है कि,
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व भर में गंभीर संक्रामक रोगों से लगभग 20 लाख से 30 लाख शिशुओं की मौत हो जाती है। जिसे सम्पूर्ण टीकाकरण के माध्यम से आसानी से रोका जा सकता है। इसे ही ध्यान में रखते हुए प्रत्येक वर्ष 10 नवम्बर को विश्व टीकाकारण दिवस World Immunization Day मनाया जाता है।
यो इसी सबको ध्यान में रखते हुए स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी ने अपनी ज्ञान कविता के माध्यम से जनसंदेश देते कहा है कि,
विश्व व राष्टीय टीकाकरण दिवस पर ज्ञान कविता
घट रही शारारिक क्षमता
घिर रहा मनुष्य हर रोग।
खानपान दिनचर्या दूषित
मर रहा नित बिन स्वास्थ वियोग।।
सब्जी अन्न दूध पानी
सबमें मिलावट रासायनिक।
जो खाये पचे पेट ना
रोगी आज है गरीब धनिक।।
रोग प्रतिरोधक क्षमता
घटती जा रही दिन दर दिन।
सतही स्तर खाने लज़ीज सब
खाते ही रोग बढ़ते नए गिनगिन।।
शरीर बन गया शुद्ध रासायनिक
यो शरीर भर है कीटाणु जीव।
जीवाणु भी हो गए विकृत
कैसे संतुलित जीवे मानुष जीव।।
यो रासायनिक पदार्थ खुराक हमारी
बिन उसके नहीं जी पाएं।
उसी की ख़ुराक़ टीकाकरण बन गए
वह लगवाने जरूर हर मनुष्य जाएं।।
इसी संदर्भ में सरकार प्रयत्न
सदा चलती टीकाकरण अभियान।
रोग प्रतिरोधक शरीर बने हर जन
यो अवश्य आवश्यक टीकाकरण ज्ञान।।
हानि लाभ दोनों दे टीका
रासायन के कुछ विपरीत असर।
खोज चलती इन्हीं टीकाकरण से
तभी निकलता स्वास्थ समाधान निखर।।
पोलियों मिटा टीकाकरण कारण
कोरोना भी मिटेगा टीका
लगवाओ टीका स्वस्थ रहने को
औरों को भी दो टीका सम्बंधी ज्ञान।।
यो अपनेअवश्य लगवाओ टीका
जब भी घोषणा करें सरकार।
स्वस्थ रहोगे इस विधि लाभ पा
यो दिवस मनाओ टीकाकरण हर बार।।
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
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