पंजाब निकाय चुनाव का आज रिजल्ट आया है। इस बार के चुनाव के रिजल्ट से साफ हो गया कि पंजाब के लोगों के अंदर बीजेपी के खिलाफ किस कदर गुस्सा है।
पंजाब निकाय चुनाव के परिणामों पर किसान आंदोलन का पूरा प्रभाव देखने को मिला। कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों का खुलकर समर्थन कर रही कांग्रेस ने निकाय चुनावों में बड़ी बढ़त हासिल कर ली है। दूसरी ओर, अकाली दल से अलग होकर पहली बार चुनाव मैदान में उतरी भाजपा को कृषि कानूनों को लेकर प्रदेश में चल रही गुस्से की लहर का खामियाजा भुगतना पड़ा है।
भाजपा का प्रदर्शन इन चुनाव में निराशाजनक रहा। वहीं बेअदबी के आरोपों से घिरे अकाली दल ने निकाय चुनाव में दूसरे नंबर पर रहकर न सिर्फ अपनी साख बचा ली है, वहीं यह भी साबित कर दिया है कि केंद्रीय कृषि कानून लागू करने में निभाई उनकी भूमिका को पंजाब के लोगों ने माफ कर दिया है।
वहीं कृषि कानूनों के खिलाफ आम आदमी पार्टी लगातार मुखर रही। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आंदोलन कर रहे किसानों को कई तरह की मदद भी मुहैया करवाई। इसके बावजूद पंजाब की जनता ने उन्हें नकार दिया। मतगणना में आप तीसरे स्थान पर दिखाई दे रही है। नगर निगमों के साथ-साथ नगर परिषद व पंचायत चुनाव में भी कांग्रेस को जनता ने जोरदार फतवा दिया है।
बुधवार को पंजाब की सात नगर निगमों अबोहर, बठिंडा, बटाला, कपूरथला, होशियारपुर, पठानकोट और मोगा के अब तक आए परिणाम के अनुसार, अबोहर में कांग्रेस ने 50 में से 49 वार्ड जीत लिए हैं जबकि अकाली दल को एक वार्ड मिला है। होशियारपुर को अकाली-भाजपा का गढ़ माना जाता रहा है। वहां कांग्रेस ने 50 में से 31 वार्ड जीत लिए हैं। भाजपा को 4 और आप को 2 वार्डों में जीत हासिल हुई है। इस बार यहां अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी खाता भी नहीं खोल सके।