रिपब्लिक टीवी के एडिटर अर्न गोस्वामी और टीवी रेटिंग एजेंसी BARC के पूर्व सीईओ पार्थ दासगुप्ता की व्हाट्सऐप चैट को लेकर देश में बवाल मचा हुआ है। व्हाट्सएप चैट में जो सबसे बड़ी बात सामने आ रही है वह है कि आखिर अर्नब गोस्वामी को 3 दिन पहले कैसे पता चला कि पुलवामा में हुए हमले के बाद बालाकोट पर भारतीय वायुसेना की स्ट्राइक होने वाली है? अर्नब ने अपनी चैट में लिखा है कि ‘इस बार पाकिस्तान के खिलाफ कोई बड़ा एक्शन होगा।’ फिर लिखा कि, ‘अच्छा ही होगा इस मौसम में बिग मैन के लिए, वह चुनाव जीत जाएंगे।’ यहां बिग मैन से मतलब को स्पष्ट समझा जा सकता है, जिसे बताने की जरूरत नहीं।
इस व्हाट्सएप चैट को लेकर पाकिस्तान के पीएम इमरान खान का भी बयान आया है। इमरान खान ने अर्नब के चैट में बालाकोट का जिक्र होने को लेकर ट्वीट करते हुए लिखा है कि मैंने 2019 में ही कहा था जो कि एक बार फिर सामने आया है। भारत की मोदी सरकार आतंक को बढ़ावा दे रही है ताकि वो चुनाव में इसका फायदा ले सके।
इमरान खान ने कहा है, मोदी सरकार ने चुनावी फायदे के लिए बालाकोट को अंजाम दिया। मैंने 2019 में ही संयुक्त राष्ट्र में दिए अपने भाषण में ये कहा था। इस मामले से मोदी सरकार और भारतीय मीडिया के बीच एक गंदे रिश्ते का भी पता चलता है जो परमाणु हथियारों से लैस इस क्षेत्र को संघर्ष की आग में झोंकना चाहता है। मोदी सरकार फांसीवादी रवैया अपना रही है और उनकी सरकार इसका खुलासा करती रहेगी। इमरान ने दुनिया से मांग की है कि भारत के सैन्य एजेंडे को रोका जाए नहीं तो उपमहाद्वीप मुश्किल में आ जाएगा। इससे पहले पाकिस्तानी के विदेश मंत्रालय ने अर्नब गोस्वामी की चैट को लेकर कहा था कि ये भारत के भयावह सोच को उजागर कर दिया है।
बता दें कि अर्नब गोस्वामी और ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल के पूर्व सीईओ पार्थ दासगुप्ता के बीच हुई कथित व्हाट्सऐप चैट लीक हुई है। ये व्हाट्सऐप चैट 23 फरवरी, 2019 की हैं। इससे पता चलता है कि अर्नब को पहले से पता था कि भारतीय सेना का बालाकोट में स्ट्राइक का प्लान है।
मामले में महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि सरकार ने वर्गीकृत सैन्य जानकारी पर अर्नब गोस्वामी के व्हाट्सएप चैट को गंभीरता से लिया है। इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों और कानूनी जानकारों से सलाह ली जा रही है कि क्या उनके खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत मामला दर्ज करके उनकी गिरफ्तारी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि हम देश की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं कर सकते हैं। ये पता लगाना बहुत ज्यादा जरूरी है कि जब अर्नब को तीन दिन पहले वायुसेना की ओर से बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक की जानकारी थी, तो उन्होंने किन-किन लोगों से इसको साझा किया।
देशमुख के मुताबिक ये भी पता लगाना जरूरी है कि अर्नब के पास वो जानकारियां कहां से आईं। उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में मुंबई पुलिस टीआरपी घोटाले की जांच तो कर ही रही है, जिसमें ये चैट सामने आई। इस मामले में महाराष्ट्र सरकार की ओर से जो भी संभव होगा वो करेंगे। वहीं बुधवार को कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री देशमुख से मुलाकात करके अर्नब के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
अब ऐसे में सबकी निगाह बीजेपी और प्रधानमंत्री के ऊपर टिकी हैं। क्या सरकार को अर्नब पर त्वरित कार्रवाई नहीं करनी चाहिए।