Breaking News
BigRoz Big Roz
Home / Breaking News / गरुड़ासन की सही विधि से पाएं स्वास्थ लाभ और मन चित्त की एकाग्रता और आत्मिक शक्ति का जागरण, बता रहे हैं सद्गुरु स्वामी सत्येंद्र जी महाराज

गरुड़ासन की सही विधि से पाएं स्वास्थ लाभ और मन चित्त की एकाग्रता और आत्मिक शक्ति का जागरण, बता रहे हैं सद्गुरु स्वामी सत्येंद्र जी महाराज

गरुड़ासन (Garudasana) या ईगल पोज (Eagle Pose), प्राचीन भारतीय योगियों की योग विज्ञान में बहुत ही महत्वपूर्ण खोज के रूप में अद्धभुत आसन है। गरुड़ संस्कृत भाषा का शब्द अर्थ है अद्धभुत उड़ान वाला और महान उडाकू, इसे हिंदी में चील भी कहा जाता है। गरुड़ को दुनिया भर की सभ्यताओं में बुरी शक्तियों से जैसे विषैले सर्प आदि से लड़ने वाले प्रतीक के तौर पर ओर भारतीय भगवान विष्णु जी का वाहन गरुड़राज के रूप में चित्रों में देखा जाता है।
योग​ विज्ञान के अनुसार, गरुड़ासन खड़े होकर किए जाने वाले प्रमुख आसनों में से मुख्यासन है। गरुड़ासन के निरंतर अभ्यास से शरीर को अनेकों लाभ होने के साथ ही उच्चतर स्ट्रेंथ स्टेमिना ओर स्ट्रेच भी मिलता है। गरुड़ासन के अभ्यास से पेट नाभि ओर कमर कूल्हों का ढीलापन व दर्द और गुर्दे और जितने भी पुरुष या स्त्री में जनेन्द्रिय सम्बन्धित गुप्त रोगों होते है,जैसे-लिंग या योनि में ढीलापन,योन उदासीनता,वीर्य रज दोष अंडकोषों का असंतुलन,जिससे वीर्य रज के मुख्य अंडे या हार्मोन्स कम बनते है,उन सबमे असाधारण लाभ मिलता है।
इसीलिए इस आर्टिकल में मैं आपको गरुड़ासन क्या है, के अलावा गरुड़ासन के फायदे, गरुड़ासन करने का सही तरीका, विधि और सावधानियों के बारे में जानकारी दूंगा।

गरुड़ासन की विधि कैसे करें-How to do Garudasana:-
अपने योग मेट पर आप अपने स्वर को जांचकर सीधे ताड़ासन में खड़े हो जाएँI
अब अपना जो स्वर चल रहा है,उसी साइड के अपने घुटनों को मोड़े जैसे दांया स्वर चल रहा है तो दांया पैर सीधा रखें और बाएँ पैर को उठा कर दाहिने पैर के ऊपर घुमा लेंI
ध्यान दें की दाहिना पैर जमीन पर अच्छे से टिका हो और बायाँ जांघ दाहिने जांघ के ऊपर होI बाएँ पैर की उंगलिया जमीन की ओर होनी चाहिए।
अपने हाथों को सामने की ओर जमीन के समांतर रखते हुए सामने की ओर लायें।
दाहिने हाथ को बाएँ हाथ के ऊपर क्रॉस करें और अपने कोहनी को जमीन से ९० डिग्री के कोण में मोड़े I यहां ध्यान ये रखे की, हाथों के पिछले हिस्से एक दुसरे की ओर रहें।
धीरे से हाथों को इस तरह घुमाएँ की हथेलियाँ एक दुसरे के सामने आ जाएँI
हथेलियों को एक दुसरे के ऊपर अंदर की ओर दबाते हुए उन्हें ऊपर की ओर उठाएं ओर वहीं स्थिर करे रहें।
अपनी दृष्टी को सामने की ओर को स्थिर रखते हुए इसी स्थिती में कम से कम 10 सेकेंड से लेकर के 30 सेकेंड तक स्थिरता बनाये बने रहें और साँस धीरे से लेते और धीरे से छोड़ते हुए अपनी सांसों पर ध्यान को केंद्रीत कर बने रहे लेते रहें यहां सांस 5 या 10 बार ले।
अब धीरे से हाथों को छोड़े और अपने बगल में ले आएं।
बाएँ पैर को धीरे से उठाते हुए जमीन पर रखें और पुनः सीधे हो जाएँI
ठीक यही आप अब दूसरे पैर और हाथों की मुद्राएँ बदलकर करें।
अभ्यास केवल दोनों ओर का मिलाकर केवल दो बार ही करें और देर तक करने का ही अभ्यास बढ़ाएं,तभी सम्पूर्ण लाभ मिलेगा।
सावधानियां:-
गरुड़ासन में केवल सावधानी यही रखनी है कि,जिनके पैरों का घुटने या कूल्हे या डिस्क का हाथ का ऑपरेशन या अत्यधिक समस्या है,वे नही करें और करे तो इसका आधा भाग ही करें या ताड़ासन ही करें।

!!यो करें गरुड़ासन!!
रहें स्वस्थ कर रोग नाशन!!

जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
महायोगी स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
www.satyasmeemission.org

Follow us :

Check Also

Chhattisgarh के सभी 10 निगमों में BJP के महापौर, निकाय चुनावों में Congress का सूपड़ा साफ

छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनावों के परिणाम घोषित हो गए हैं। वोट काउंटिंग में शुरूआत …

Leave a Reply

error

Enjoy khabar 24 Express? Please spread the word :)

RSS
Follow by Email
YouTube
YouTube
Set Youtube Channel ID
Pinterest
Pinterest
fb-share-icon
LinkedIn
LinkedIn
Share
Instagram
Telegram
WhatsApp