व्हाट्सएप पर निगरानी, व कॉल मैसेज हैक के मामले में खुद की किरकिरी होने के बाद सरकार ने एक बड़ा खुलासा किया है और सबसे बड़ी कि यह खुलासा आपको चौंका सकता है।
सरकार अभी तक कहती आयी है कि वो न तो किसी का व्हाट्सअप हैक करवाती है और न ही किसी की कॉल रिकॉर्ड करवाती है।
लेकिन अब सरकार ने इस पर बड़ा खुलासा किया है।
बता दें कि वॉट्सऐप कॉल और संदेशों की टैपिंग विवादों के बीच भारत सरकार ने उन एजेंसियों के नामों का खुलासा किया है कि जो जरूरत पड़ने पर किसी का भी फोन टैप कर सकती हैं। बस उन्हें सक्षम प्राधिकारी से इस काम के लिए अनुमति लेनी होगी।
सक्षम प्राधिकारी संबंधित व्यक्ति और विभाग की जानकारी सार्वजनिक नहीं कर सकता है। सरकार ने यह भी बताया कि देश में केवल 10 एजेंसियों के पास यह अधिकार है कि वे किसी का भी फोन टैप कर सकें।
इस बात की जानकारी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के जवाब में दी। उन्होंने यह भी बताया कि फोन कॉल पर किसी की निगरानी करने से पहले केंद्रीय गृह सचिव की मंजूरी लेनी होती है।
जी किशन रेड्डी ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69 केंद्र सरकार या किसी राज्य सरकार को देश की संप्रभुता या अखंडता के हित में किसी कंप्यूटर संसाधन के माध्यम से उत्पन्न, प्रेषित, प्राप्त या संग्रहित सूचना को बीच में रोकने, उस पर निगरानी रखने या उसके कोड को पढ़ने के लिहाज से बदलने का अधिकार प्रदान करती है।
उन्होंने कहा कि कानून, नियमों और मानक परिचालन प्रक्रियाओं के प्रावधानों के तहत ही इस पर नजर रखने के अधिकार का क्रियान्वयन किया जा सकता है।
सरकार की तरफ से यह भी बताया गया कि केंद्र सरकार के मामले में केंद्रीय गृह सचिव को और राज्य सरकार के मामले में संबंधित राज्य सरकार के गृह सचिव से इसकी अनुमति लेनी होगी।
बता दें कि जो एजेंसियां आपकी कॉल रिकॉर्ड कर सकती हैं उनके नाम हैं….
खुफिया ब्यूरो (आईबी)
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई)
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)
मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी)
मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी)
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी)
राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई)
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए)
रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ)
सिग्नल खुफिया निदेशालय और दिल्ली पुलिस
ये ऐसे विभाग हैं जो किसी भी वक़्त किसी का भी कॉल रेकॉर्ड कर सकते हैं।