श्रीलंका पर्यटन के लिए दुनियाभर में मशहूर है। यहां की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर है।
श्रीलंका में हुए आतंकी हमलों को लेकर एक ओर जहां आईएसआईएस आतंकियों की साजिश बताया जा रहा है वहीं कुछ समाचार एजेंसियां हमलों के पीछे चीन की साजिश करार दे रहे हैं। उनका आरोप है कि श्रीलंका की ज्यादातर अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर है। श्रीलंका ने चीन से काफी कर्जा लिया हुआ है इसीलिए चीन चाहता कि श्रीलंका की अर्थव्यवस्था बर्बाद हो जाये। और ये तभी बर्बाद होगी जब वहां का पर्यटन बर्बाद होगा। और आतंकी हमला पर्यटन को बर्बाद करने का सबसे घटिया तरीका हो सकता है, हमलों से दुनियाभर के पर्यटकों में भय व्याप्त हो जाएगा और वे श्रीलंका का रुख नहीं करेंगे। ऐसा होने पर श्रीलंका चीन पर पूरी तरह निर्भर हो जाएगा और वहां चीन का नियंत्रण बढ़ जाएगा।
खैर इन बात की जांच हो रही है कि आतंकियों को फंडिंग कहाँ से हुई थी? अगर हमला आईएसआईएस के आतंकियों ने किया है तो इसके पीछे उनकी मंशा क्या थी? या किसी के इशारे पर श्रीलंका को दहलाने को साजिश तो नहीं थी?
बता दें कि श्रीलंका में रविवार को हुए सीरियल ब्लास्ट के पीछे तीन आईएसआईएस आतंकियों की तस्वीरें सामने आ रही हैं। इस बात का दावा कुछ टेलिग्राम चैनलों ने सोमवार को किया है। बता दें कि इसाइयों के त्योहार ईस्टर के दिन राजधानी कोलंबो समेत 3 शहरों में चर्चों और होटलों पर हमले में 300 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।
सूत्रों के मुताबिक इन तस्वीरों में कुछ हद तक विश्वसनीयता है क्योंकि तीनों में एक जाहरान हाशिन है जो नैशनल तवाहिद जमात (NTJ) का ऑपरेटिव है। टेलिग्राम चैनलों ने तीनों कथित आत्मघाती हमलावरों का नाम अबुल बर्रा, अबुल मुख्तार और अबु उबैदा बताया है। फिलहाल खुफिया एजेंसियां अमाक जैसे आईएस के मुखपत्रों के जरिए हमले की जिम्मेदारी लेने का अभी भी इंतजार कर रही हैं।
एक इंटेलिजेंस अफसर ने सोमवार को बताया, ‘(कथित आत्मघाती हमलावरों के) जो नाम दिए गए हैं, वे वैसे ही हैं जैसे आईएस अबु बकर अल बगदादी के प्रति निष्ठा जताने वाले लड़ाकों को देता है। तीनों कथित आत्मघाती हमलावरों में सिर्फ उबैदा ऐसा है, जिसका फोटो बिना किसी नकाब का है। एजेंसियां अभी भी बाकी दो की पहचान की कोशिश कर रही हैं।