कांग्रेस ने अमेठी में राहुल गांधी के नामांकन के दौरान सुरक्षा में चूक का गंभीर आरोप लगाया है।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह को लिखे पत्र में तीन वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने केंद्र से जांच कराने को कहा है।
पत्र के जरिए कांग्रेस ने राहुल गांधी की सुरक्षा विवरण से संबंधित प्रोटोकोल को सख्ती से पालन कराए जाने की मांग की है।
👉 राहुल की सुरक्षा में चूक का यह वीडियो देखें
आपको बता दें कि कांग्रेस ने पत्र में कहा है कि नामांकन दाखिल करने के बाद जिस समय राहुल गांधी पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे, उस समय राहुल गांधी के सिर के हिस्से पर हरे रंग की लेजर से टार्गेट किया गया था।

अब आपको इस हरे, नीले रंग की लेज़र लाइट का सच बता दें, गृहमंत्रालय ने कांग्रेस के पत्र का जवाब देते हुए कहा है कि हमें राहुल गांधी की सुरक्षा में चूक को लेकर कोई पत्र नहीं मिला है।
रिपोर्ट के माध्यम से जब हमें यह जानकारी प्राप्त हुई तो हमने एसपीजी डायरेक्टर से जानकारी मांगी। गृहमंत्रालय ने कहा कि एसपीजी डायरेक्टर ने बताया है कि हरी लाइट एआईसीसी फोटोग्राफर द्वारा इस्तेमाल किए गए मोबाइल की वजह से आई।
बता दें कि राहुल गांधी जब नामांकन के बाद बाहर आये तो पत्रकारों ने उन्हें घेर लिया। और उस वक़्त वहां धूप बहुत तेज़ होने की वजह से कैमरे का रिफ्लेशन राहुल गांधी के चहरे पर पड़ा और हरे, नीले रंग की लाइट राहुल के चहरे पर दिखनी शुरू हो गयी। यह सुरक्षा में चूक नहीं है। क्योंकि वहां पर राहुल को तमाम मीडिया ने घेर रखा था और उस वक़्त राहुल पत्रकारों से बात कर रहे थे।
👉 क्या वाकई किसी ने राहुल पर साधा था निशाना
पत्र में कांग्रेस के नेताओं ने लिखा कि हरे रंग की लेजर लाइट से राहुल गांधी के सिर को निशाना बनाते हुए सात बार टार्गेट किया गया। कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और इंदिरा गांधी (राहुल गांधी के पिता और दादी) की हत्या का जिक्र किया है।
इस घटना को यूपी प्रशासन की ओर से एक खतरनाक चूक बताते हुए कांग्रेस ने सरकार से शीघ्र कार्रवाई की मांग की है। कांग्रेसी नेता अहमद पटेल, जयराम रमेश और रणदीप सिंह सुरजेवाला द्वारा साइन किए गए पत्र में सरकार से कहा गया है कि किसी भी राजनीतिक मतभेद के बावजूद राहुल गांधी की सुरक्षा आपकी सरकार और मंत्रालय की पहली ज़िम्मेदारी है।
बता दें कि राहुल गांधी ने बुधवार को अमेठी में नामांकन दाखिल किया था। इस दौरान राहुल ने डीएम ऑफिस के बाहर मौजूद पत्रकारों से बातचीत करते हुए राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले पर केंद्र सरकार को घेरा था।