Home/Breaking News/महावतार श्रीमद सत्यई पूर्णिमाँ देवी के वे 16 वरदान, तो इन नवरात्रों में कैसे प्राप्त करें ये 16 वरदान बता रहे हैं सद्गुरु स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज
महावतार श्रीमद सत्यई पूर्णिमाँ देवी के वे 16 वरदान, तो इन नवरात्रों में कैसे प्राप्त करें ये 16 वरदान बता रहे हैं सद्गुरु स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज
महापूर्णावतार श्रीमद सत्यई पूर्णिमाँ देवी के 16 वरदान को नवरात्रि में साधना कर प्राप्त करें,बता रहें है,स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी…
माता के सोलह कला यानी सोलह प्रकार की सामर्थ्य प्रदान करने की वरदायनी परमाशक्ति है,यो उसे प्राप्त करने की सबसे सरल उपासना विधि है,उनकी चालीसा ओर आरती का नियमित पाठ करना।
देवी के 16 वरदान हैं:- 1-धनदायनी। 2-शुभ विवाह दायनी। 3-ज्ञानदायनी। 4-दिव्य प्रेम दायनी। 5-जप,तप,यज्ञ फलदायनी। 6-शास्त्र विद्य दायनी। 7-अम्रतदायनी। 8-लोकदायनी। 9-धान्य दायनी। 10-प्रज्ञा दायनी। 11-परा,अपरा प्रकृतिदायनी। 12-न्यायदायनी। 13-सर्व धर्मज्ञता दायनी। 14-मोक्षदायनी। 15-संतति सुखदायनी। 16-आत्मसाक्षात्कार दायनी।
उपासना विधि:-
सिंदूर में जल मिलाकर अपनी अनामिका उंगली से सबसे पहले इनके ओर फिर इनके पुत्र अरंज(अमोघ) व पुत्री हंसी को तिलक लगाकर,फिर इनके श्रीभगपीठ के मध्य में बने त्रिकोण के मध्य तिलक लगाएं और फिर अपने माथे पर तिलक लगाएं।और नियमित इन्हें स्नान कराएं ओर नवरात्रि में प्रत्येक दिन के हिसाब से एक एक रंग की चुनरी उढ़ाये।ओर चारों नवरात्रि चैत्र, ज्येष्ठ,क्वार, माघ की अष्टमी या नवमी को ओर पूर्णमासी को नो कन्याओ को एक एक चुनरी दक्षिणा सहित भेंट करें।इनके कलेंडर तथा चालीसा व व्रत कथा ओर इनकी दिव्य प्रतिमा सामर्थ्यानुसार एक,तीन,पांच,नो,ग्यारह ओर सबसे उत्तम सोलह मूर्तियाँ अपने परिचितों में भेंट स्वरूप अवश्य बांटे, तो अद्धभुत चमत्कार व मनोवांछित कल्याण की प्राप्ति होती है। जो भक्त इनकी पूरे 12महीने वाली पूर्णमासी का अखण्ड ज्योत जलाकर व्रत रखता या रखती है,ओर खीर बनाकर इन्हें भोग लगाकर फिर भक्तों में बांटता है,उस सदा जीवन में मनचाहे चार धर्म के समस्त सुख की प्राप्ति होती है।
ओर चैत्र पूर्णिमा का जो पुरुष व्रत रखता है-उसका मनवांछित कन्या से विवाह होकर सभी परिवारिक सुख शांति की प्राप्ति होती है।और विवाहित व्यक्ति को पत्नी व सन्तान सुख के साथ सभी ज्योतिष के ग्रह दोष,कालसर्प,पितृदोष,ग्रहण दोष आदि से मुक्ति मिलती है।इस वर्ष 19 अप्रैल 2019 को ये प्रेम पूर्णिमा व्रत मनाया जाएगा,आप अवश्य मनाये।
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जय सत्यई पूर्णिमाँ चालीसा
।।दोहा।।
स्वमेव सत्य नारायणी,स्वमेव प्रेम पूर्णिमाँ। नवधा भक्ति दात्री,तेरी अपार गरिमा महिमा।। स्वयं जन्मा स्वयंभू गुरु, जय पूर्णिमाँ महावतारी।। सत त्रेता द्धापर कलिक युग, पुरुष अवतार तेरे आभारी।।
धन वर धर्म प्रेम जप,अभिव्यक्त सोम ज्ञान बाँट। धरा धन्य ज्योत प्रज्ञ,पंच प्रकर्ति न्याय विराट।। विश्व सर्व धर्म धारणी और मोक्षवत पूर्णिमा कमल। श्री भगपीठ निवासनी महासन नवांग अचल।।
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी कृत श्री सत्यई पूर्णिमाँ चलीसा सम्पूर्ण!!
Jai ma purnima device. Jai guru ji.