यह भारत है, और हम भारतीय, हम भारतीय वादों पर तो मर मिटते हैं चाहे वे झूंठे चुनावी जुुमले क्यों न हों।
ये वही मोदी सरकार है जिसने 5 साल में 10 करोड़ नौकरी यानि हर साल 2 करोड़ नौकरी देने का वायदा किया था। और आज स्थिति यह है कि भारत ने बेरोजगारी के अपने 45 साल के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। अच्छे पढ़े लिखे लोगों को पीएम मोदी खुद पकौड़े तलने वाला रोजगार करने की सलाह दे रहे हैं। भारत की जनता और सरकार दोनों रामभरोसे रहती हैं और भारत में श्री राम खुद सरकार के भरोसे पर अयोध्या में अपने मंदिर बनने का इंतजार में बैठे हैं।
खैर हम यहां राम मंदिर के जुमले की बात तो नहीं कर रहे हैं हम बात कर रहे हैं भारत में रोजगार की। और आज पेश हुए बजट की। भारत में बेरोजगारी ने अपने रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। भारत में बेरोजगारी अपने पिछले 45 वर्षों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। नेशनल सैंपल सर्वे कार्यालय (एनएसएसओ) द्वारा किए गए एक सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है।
बिजनेस स्टैंडर्ड में छपी खबर के मुताबिक जुलाई 2017 से जून 2018 तक बेरोजगारी की सीमा 6.1 फीसदी पहुंच गई, जो 1972-73 के बाद सबसे ज्यादा है। इसी डाटा को जारी न करने के फैसले के कारण ही राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के दो सदस्यों ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने वाले पीसी मोहनन और जेवी मीनाक्षी का कार्यकाल जून 2020 में पूरा होना था। इस्तीफा देते वक्त उन्होंने सरकार पर आरोप लगाए थे कि सरकार रोजगार के आंकड़े जबरन गलत छपवाती है। और बेरोजगारी के आंकड़ों को छिपाती है उन्हें ना बताने का जोर डालती है।
तो हम आज जश्न मनाएं कि मोदी सरकार ने टेक्स में बड़ी छूट दी है भले देशवासी नौकरी की तलाश में दर-दर भटक रहे हों।
आज मोदी सरकार ने अपना बजट पेश किया है। बजट हर साल पेश करना होता है। लोग 5 साल से अपने पक्ष में कुछ अच्छा होने की उम्मीद कर रहे थे, हर साल मोदी सरकार का मुंह ताकने वाले मिडिल क्लास के लोग, छोटे व्यपारी, मझले कारोबारी इंतजार करते रहे कि कुछ अच्छा होगा। ठीक वैसे ही जैसे मोदी का नारा “अच्छे दिन आएंगे” के इंतजार में, लेकिन अच्छे दिन नहीं आये। अब जब चुनाव नजदीक हैं। मोदी को अपनी घटती लोकप्रियता को बढ़ाना भी है, चुनाव भी जीतना है तो इसके लिए लोगों के दिल में फिर से उतरने के लिए ऐसा बजट पेश किया है।
बजट के बाद पीएम मोदी के चुनावी भाषण की झलकियां भी पढ़ें :
अंतरिम बजट पेश होने के बाद पीएम मोदी ने अपना भाषण दिया है। उन्होंने कहा कि इस बजट में सबका ख्याल रखा गया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की योजनाओं ने देश के हर व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक प्रभाव डाला है। सरकार के प्रयासों से आज देश में गरीबी रिकॉर्ड गति से कम हो रही है। किसान उन्नति से लेकर, कारोबारियों की प्रगति तक, इनकम टैक्स से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर तक, हाउसिंग से लेकर हेल्थ केयर तक, इकोनॉमी को नई गति से लेकर न्यू इंडिया के निर्णाण तक, सबका ध्यान दिया गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि इस बजट में 3 करोड़ से ज्यादा मध्यम वर्ग के टैक्स देने वालों को और 30-40 करोड़ श्रमिकों को सीधा लाभ मिलना तय हुआ है। देश का एक बहुत बड़ा वर्ग आज अपने सपनें साकार करने में और देश के विकास को गति देने में लगा हुआ है। उनके लिए सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। उन्होंने कहा कि देश में बढ़ते मीडिल क्लास की आशा – आक्षांका को कुछ हौसला मिले, इसके लिए हमारी सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। मैं मीडिल क्लास को इनकम टैक्स में मिली छूट के लिए बधाई देता हूं।
पीएम किसान निधि उन किसानों की मदद करेगी जिनके पास 5 एकड़ से कम भूमि है। यह योजना किसान कल्याण के मार्ग में एक ऐतिहासिक कदम है। हमारा पूरा प्रयास है कि किसानों को सशक्त करके उन्हें वे संसाधन दें, जिनसे वे अपनी आय दोगुनी कर सकें।
उन्होंने कहा कि ये बजट गरीब को शक्ति देगा, किसान को मजबूती देगा, श्रमिकों को सम्मान देगा, मध्यम वर्ग के सपनों को साकार करेगा, ईमानदार आयकरदाताओं का गौरवगान करेगा, इंफ्रास्ट्रक्टर निर्माण को गति देगा और अर्थव्यवस्था को बल देगा।
- अंतरिम बजट 2019-20 पेश करते हुए, वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने आम लोगों के लिए कर में छूट की सीमा को दोगुना करते हुए 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये प्रस्तावित कर दिया।
- बैंक के ब्याज पर चालीस हजार रुपए तक टीडीएस नहीं कटेगा।
- 2019-20 के लिए रक्षा बजट 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक रखा गया है।
- सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के अंतरिम बजट में रेलवे को 64,587 करोड़ रुपये का आवंटन किया है।
- छोटे किसानों के लिए बड़ा ऐलान, उन्हें सीधे 6 हजार रुपए दिए जाने का प्रावधान बजट में किए जाने की बात कही गयी।
किसानों को यह रकम सालाना और 2-2 हजार रुपए के किस्तों में तीन बार दी जाएगी। - असंगठित क्षेत्र के मजदूरों सम्मान देते हुए हर महीने पेंशन देने का एलान किया गया है। मजदूरों को 3000 रुपये की मासिक पेंशन मिलेगी।
- महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए सरकार ने कई योजनाएं चलाईं: वित्त मंत्री पीयूष गोयल
- मुद्रा लोन की लाभार्थियों में 75 फीसदी संख्या महिलाओं की: वित्त मंत्री पीयूष गोयल
- मोदी सरकार ने महिलाओं को 26 सप्ताह के मातृत्व अवकाश की शुरुआत की।
- छोटे कारोबारियों को तोहफा, सरकारी उपक्रमों को 25 फीसदी करनी होगी।
- 3 फीसदी खरीदारी महिलाओं से करनी होगी।
- जीएसटी पंजीकृत कारोबारियों को लोन पर 2 फीसदी ब्याज सब्सिडी मिलेगी।
- पशुपालक और मतस्य पालकों को केसीसी लोन पर 2 फीसदी की अतिरिक्त सब्सिडी।
- पशुपालकों को सौगात, बनेगा राष्ट्रीय कामधेनु आयोग।
- किसानों की कर्जमुक्ति के लिए 1 दिसंबर 2018 से इंटरेस्ट सबवेंशन और रिपेमेंट स्कीम लागू की गई।
- किराये के लिए टीडीएस की थ्रेसहोल्ड 1.80 लाख रु से बढ़ाकर 2.40 लाख रु की।
- दूसरे घर से मिलने वाले नोशनल रेंट पर नहीं लगेगा कोई टैक्स।
- पोस्ट ऑफिस और बैंक डिपॉजिट पर मिलने वाली आय पर टीडीएस थ्रेसहोल्ड 10,000 रु से बढ़ाकर 40,000 रु की।
- नई पेंशन स्कीम का ऐलान, हर महीने 100 रु जमा करने पर मिलेगी 3000 रु पेंशन।
- प्रधानमंत्री श्रम योगी मंधन नाम की पेंशन योजना लॉन्च होगी।
- असंगठित क्षेत्र में कार्यरत 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को मिलेगी 3000 रुपए प्रतिमाह पेंशन।
- सातवें वेतन आयोगी की सिफारिशें लागू हुईं
- किसान सम्मान निधि की शुरुआत
- 21 हजार से कम वेतन वाले मजदूरों को मिलेगा सात हजार रुपये का बोनस
- एनपीएस में सरकार का योगदान बढ़ा
- गाय के लिए राष्ट्रीय कामधेनु आयोग की स्थापना होगी
- मजदूरों को कम से एक हजार रुपये की पेंशन योजना
- जिनका EPF कटता है उनको छह लाख रुपये का बीमा
- उज्ज्वला योजना में आठ करोड़ गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य
- दस करोड़ मजदूरों को तीन हजार रुपये पेंशन
- 15 हजार से कम वेतन पर पेंशन मिलेगी
- MSME में 59 में एक करोड़ रुपये का लोन मिलता है
- मुद्रा योजना में 15 लाख करोड़ रुपये का कर्ज दिया जा चुका है
- गर्भवती महिलाओं को 26 सप्ताह की मैटरनिटी लीव योजना
- OROP पर 35 हजार करोड़ रुपये खर्च
- रक्षा बजट 3 करोड़ से ज्यादा
जो बजट बनाया गया है वो पूरी तरह से चुनावी बजट है। इस बजट में कुछ जुमला है तो कुछ हकीकत। लेकिन 5 साल से इंतजार कर रहा आम आदमी इस बजट के बाद भी उतना ही निराश होगा जितना पहले था। भले बजट में भले 5 लाख की छूट हो, लेकिन इससे शायद ही किसी को ज्यादा फायदा हो।
5 लाख से 1 रुपये की भी ऊपर इनकम हुई तो वो वही पुराने स्लैब में आ जायेगा। यानि पहले 2.5 लाख तक कि छूट थी, इसके बाद 2.5 से 5 लाख तक का स्लैब था।
किसानों के लिए 6000 सालाना की बात की जा रही है लेकिन 2 हैक्टेयर से कम जमीन वालों ये फायदा मिलेगा?
वहीं मझले और बड़े किसानों की इनकम या उनकी फसल के लिए कुछ नहीं दिया गया है ना किया गया है।
महिलाओं के लिए गेस कनेक्शन फ्री में दिए जाने की बात कही जा रही है लेकिन गेस के दामों में निरंतर बढ़ोतरी पर लगाम नहीं है।
किसानों को राहत की बात की जा रही है लेकिन माल ढुलाई जस के तस, पेट्रोल या डीज़ल के दामों में कमी करने के लिए इस बजट में कोई प्रावधान नहीं है।
बेरोजगारों के लिए इस बजट में एक तरह से झुनझुना ही मिला है। उन्हें कोई राहत नहीं बल्कि नौकरी चाहिए और वो सरकार के पास नहीं हैं।
खैर अभी इस बजट की आलोचनाएं भी सामने आनी बाकी हैं हम सिर्फ इतना कहँगे कि यह चुनावी बजट है। मोदी सरकार ने वोटरों को लुभाने के लिए इस तरह का बजट पेश किया है। जो भी हो जनता अपना अच्छा, बुरा, भला सब जानती है। बजट से किसको क्या मिलेगा ? वो जनता जानें।