प्रयागराज : अर्धकुम्भ 2019 प्रयागराज में स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज की तरफ से आवेदन किया गया था लेकिन मेला प्राधिकरण ने आवेदन को यह कहकर अस्वीकार कर दिया कि आपका स्त्री मिशन है और इस तरह के मिशन को प्राधिकरण स्वीकृति नहीं देता है। लेकिन स्वामी जी के प्रयास के बाद मेला प्राधिकरण को जमीन आवंटन करनी पड़ी।
इस बार कुम्भ 2019 मेला का आग़ाज़ प्रयागराज (इलाहाबाद) में हुआ, 15 जनवरी से चलने वाले कुम्भ का अंतिम स्नान 4 मार्च को होगा।
इस मेले के आयोजन की सबसे बड़ी महत्वपूर्ण बात यह है कि “स्त्री मिशन” से जुड़ी हुई कोई संस्था पहली बार इस मेले का हिस्सा बन रही है।
श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज के “सत्य ॐ सिद्धाश्रम” के स्त्री शक्ति के प्रतीक मिशन की संस्था “सत्यास्मि मिशन” को इस मेले में स्थान मिला है। कुम्भ मेला प्राधिकरण ने “सत्यास्मि मिशन” को स्थान आवंटन किया है।
इससे पहले मेला प्राधिकरण की तरफ से ऐसा प्रचलन न होने का हवाला देते हुए आवेदन निरस्त कर दिया था। मेला प्राधिकरण की दलील थी कि इस तरह के मिशन से संत समाज नाराज हो सकता है और न ही इस तरह की स्वीकृति कभी दी गई। इसीलिए हम मेला में जमीन आवंटित नहीं कर सकते हैं। लेकिन स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज के प्रताप और आशीर्वाद से मेला प्राधिकरण को जमीन का आवंटन करना पड़ा।
तो इस बार पहली बार स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज के भक्त 26 जनवरी से कुम्भ मेले में शिरकत करेंगे उनके लिए सबसे बड़ी खुशी की बात यह होगी कि वे अपने स्वयं के स्थान पर ठहरेंगे और वहां रहकर पूजा-पाठ कर सकते हैं, जिसके लिए मेला प्राधिकरण की तरफ से सुविधाएं मुहैया कराई गयी हैं।
कुंभ मेले की शुरुआत 15 जनवरी मकर संक्रांति के दिन से हो गयी, जो पूरे 50 दिन यानी 4 मार्च महाशिवरात्रि तक चलने वाला है। कुंभ मेले पर प्रयागराज में मौजूद त्रिवेणी यानि तीन नदियों का संगम, यहां सभी भक्त डुबकी लगाएंगे। मान्यता है कि इस त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने से सभी पापों का नाश हो जाता है। इस बार कुंभ में 12 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है।
कुंभ मेले का आयोजन प्राचीन काल से हो रहा है कुंभ मेले का आयोजन चार जगहों पर होता है। हरिद्वार, प्रयाग, नासिक और उज्जैन में कुंभ का मेला होता है। इन चार स्थानों पर प्रत्येक 3 वर्ष के अंतराल में कुंभ का आयोजन होता है इसीलिए किसी एक स्थान पर प्रत्येक 12 वर्ष बाद ही कुंभ का आयोजन होता है।