वोट देते वक्त इन बातों को जरूर याद रखिये…
* किसी ने सत्ता हासिल करने के लिए न जाने क्या-क्या वायदे किये थे, और अब जब जनता हिसाब मांग रही है तो पिछली सरकारों के काम को गिनाए जा रहे हैं, अब बोलते फिरते हैं उन्होंने भी तो नहीं किया था, उन्होंने भी ऐसा किया था…।
#तो क्या हमने पिछली सरकारों की नाकामी की वजह से इस नाकाम सरकार को चुना था?
* इन्होंने सत्ता हासिल करने के लिए दंगे करवाये, गाय के नाम पर लोगों को मरवाया, लेकिन गाय का क्या? आप अपने आस पास देखें गाय क्या कर रही है? उसकी क्या दशा है? वो कितनी सुरक्षित है? और ये सत्ता के लालची गाय-गाय करते हुए गौरक्षकों को अमीर बना रहे हैं, लेकिन गाय अब भी कूड़े के ढेर से पिन्निया खाकर अपनी जान दे रही हैं।
# लेकिन सत्ता के लालची, सत्ता के लिए गाय बचाने के नाम पर लोगों को ही मरवा रहे हैं।
* अभी 3 दिन पहले यूपी के एक शांत शहर में आग लगाने की कोशिश की गई। उनकी इस नाकाम कोशिश में एक इंस्पेक्टर को अपनी जान गंवानी पड़ी। पहले उन्होंने खुद गायों को काटकर फिकवाया और दंगे करवाने की नाकाम कोशिश की लेकिन यूपी पुलिस की जाबांजी और लोगों की समझदारी ने इनके मंसूबों को नाकाम कर दिया
# लेकिन सत्ता के लालचियों ने इंस्पेक्टर की शहादत भुलाकर, दंगाई की मौत को शहादत मान उसके परिवार को सम्मानित किया। क्योंकि वो दंगाई इन्हीं की तरफ से था।
*आप वोट देते वक्त याद रखना कि 2016 में आपको एक इंसान की सोच ने इतना परेशान किया कि आप आजतक भुगत रहे हैं। लाखों लोग बेरोजगार हो गए, कितनों के धन्धे बन्द हो गए, न जाने कितने भीड़ में मर गए, लेकिन सत्ता के लोभियों को जरा शर्म नहीं आयी और कहते फिरते हैं कि कालेधन वाले लाइन में लगे थे और मर गए…। काले धन वालों के व्यापार बन्द हो गए।
# आप खुद से सोचें कि क्या वाकई कालेधन वाले नोटबन्दी की लाइन में लगे थे? जो लोग अपने पैसे बदलवाने की लाइन में मरे क्या उनके पास कालाधन था? जिनके रोजगार छिने क्या वे कालेधन वाले थे? जो छोटा मोटा व्यापार करके अपनी जीविका चला रहे थे उनका नोटबन्दी की वजह से व्यापार चौपट हुआ क्या वो कालेधन वाला थे?
* अगर कोई इनकी आलोचना कर तो वो तुरंत देशद्रोही आतंकी न जाने क्या-क्या हो जाता है। तो क्या आप ऐसे इंसान की बात मानकर उसे चुनेंगे जो अपनी आलोचना नहीं सह सकता हो?
# सोशल मीडिया और मीडिया की माध्यम से पूरे देश में ज़हर घोलने वाले को आप अपना आदर्श मानेंगे?
* राजस्थान, तेलंगाना वालों कोई सत्ता पाने की ललक में लोकतंत्र को अपने जूते की नोंक पर रखता है ऐसे इंसान की जुबान पर वोट मत देना।
सत्ता के लालची… लोगों को आपस में लाडवा रहे हैं, कभी हिन्दू मुस्लिम के नाम पर, तो कभी दलित बनाम हिन्दू के नाम पर।
ऐसे लालचियों की पहचान जरूरी है।
# किसी ने सत्ता में आने के बाद 10 करोड़ नौकरियां देने का वायदा किया था वो नौकरी तो एक न दे पाया और उल्टा अपने इस कृत्य को छिपाने के लिए पूरे देश को कई धड़ों में बांट दिया, लोगों की आपस में लड़ाई करवा दी जिससे कि वो मंदिर मस्जिद सोचते रहें, रोजगार गए भाड़ में।
* इन्ही सत्ता के लोभियों ने पहले राम के नाम पर मस्जिद को गिराया फिर पूरे देश को दंगों की आग में झौंखा, लगभग 10 हज़ार लोगों की मौत हुई लाखों लोग बेघर हुए।
# लेकिन इन सत्ता के लोभियों ने आजतक राम मंदिर नहीं बनवाया। और अब तक ये राम के नाम पर चुनाव लड़ रहे हैं।
* सोशल मीडिया, मीडिया को खरीदकर कहते हैं कि हमारे अलावा देश के पास कोई विकल्प नहीं है, दूसरे नेताओं की छवि खराब करते हैं, दूसरे नेताओं को मीडिया सोशल मीडिया के माध्यम से विलेन साबित कर देते हैं लोगों की नज़र में उनकी छवि खराब करते हैं।
# अपनी छवि बनाने के लिए हजारों लोगों को चंद रुपये देकर उनका ईमान खरीद लेते हैं और वे चंद लोग अपने माँ-बाप, भाई-बहन, दोस्त, रिश्तेदारों और शुभचिंतको तक को देशद्रोही बताने लगे जाते हैं। और यही ज़हर वो पूरे सोशल मीडिया के माध्यम से देश भर में फैला देते हैं जिससे लोग इसे सच मान बैठें। अब बात विकल्प की कर लेते हैं, क्या इनके अलावा देश में दूसरा कोई विकल्प नहीं है? दोस्तों यह सिर्फ भ्रम मात्र है जो इन्होंने दुष्प्रप्रचार कर फैलाया है। कोई भी सरकार 5 साल से ज्यादा नहीं रह सकती है और जो अच्छा नहीं करेगा वो सत्ता से हाथ धो बैठेगा। ऐसे में हमारे पास विकल्प ही विकल्प हैं तो भ्रम कैसा?
* ये कालाधन लाने की तो बात करते हैं लेकिन खुद कालेधन वालों को सम्मानित करते हैं। बैंक डकैतों को पहले बैंक से मोटा कर्जा दिलवाते हैं और उसके बाद उन्हें ससम्मानित विदेश भेजते हैं और फिर खरीदे हुए मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से देश के सामने आकर कहते हैं कि हमारे डर से चोर लुटेरे भाग रहे हैं।
# लेकिन वो देश की जनता को गुमराह कर यह नहीं बताते कि चौकीदार की कैसी चौकीदारी, कि चोर लुटेरे देश का पैसा लूटकर विदेश भाग गए। और फिर वही लुटेरे चौकीदार के साथ विदेशों में फोटो खिंचवाकर बड़े खुश नज़र आते हैं।
* बात चीन और पाकिस्तान को खत्म करने की करते हैं और उनके राजनेताओं के गले पड़े रहते हैं, कहते हैं चीन का सामान इस्तेमाल करने वाले देशद्रोही और खुद चीन की कंपनी से रेल, मेट्रो, सड़क, मूर्ती का निर्माण करवाते हैं, चीन से कच्चा माल मंगवाकर भारत में उसे असेंबल करवाकर मेड इन इंडिया और मेक इन इंडिया की मोहर लगवाते हैं।
* सत्ता के लालची चन्द लोगों पर जमकर धनवर्षा करते हैं और पूरे देश में कहते फिरते हैं कि हमने पूरे देश को रोजगार दे दिया।
* सीमा पर जवान शहीद हो रहे हैं जबकि ये एक के बदले 10 सर लाने की बात करते थे।
* दूसरों पर घोटालों का आरोप लगाते थे और खुद ने इतने कर दिए कि भारत के इतिहास में आजतक किसी ने किए हों।
* देश का किसान अपनी फसल की कीमत पाने के लिए तड़प रहा है। लेकिन उसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है,
* किसान भूँख प्यास से अपनी जान दे रहा है और सत्ता के लालची अपनी आँखें मूंदे तमाशा देश रहे हैं।
दोस्तों ये कैसा राष्ट्रवाद है? ये कैसा लोकतंत्र है? मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ से आपके पास तमाम वीडियो आयी होंगी जिनमें ईवीएम की गड़बड़ी सार्वजनिक हुई। यूपी के विधानसभा चुनावों में भी ऐसी गड़बड़ी खूब देखने को मिली.. तो क्या आप ऐसे नेता को चुनेंगे जो जीत के लिए लोकतंत्र का गला घोंट देता हो? सीबीआई जैसी बड़ी संवैधानिक संस्था को कठपुतली बना देता हो। क्या आजतक आपने सीबीआई नके बीच ऐसी लड़ाई को सुना था? क्या आपने कभी सुप्रीमकोर्ट पर ऐसे आरोप सुने थे?
* क्या आप ऐसे नेता की बात मानेंगे जो देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद की मर्यादा को ताड़-ताड़ करता हो?
* क्या आप ऐसे नेता को अपना हमराही मान लेंगे जो सत्ता पाने के लिए लोगों को आपस में भिड़वाकर उनका कत्ल करवा देता हो?
* क्या आप ऐसे नेता की बात मानेंगे जिसने अपनी खुद की पत्नी को गुमनामी में जीने के लिए मजबूर कर दिया हो?
* बेटियों की सुरक्षा की तो बात करता हो लेकिन खुद की पार्टी के नेताओं को रेप करने के बाद बचाता हो।
* बेटियों की सुरक्षा की गांरटी जरूर दी लेकिन बेटी इनसे बचाई नहीं गयी, आज सबसे असुरक्षित अगर कोई है तो वो महिला है।
* क्या आप ऐसे नेता की बात मानेंगे जो बात-बात पर झूंठ बोलता हो?
* क्या आप ऐसे नेता की बात मानकर उसकी पार्टी को जितवाएँगे जो आपकी नौकरियां को छीन लेता हो, आपको कालेधन वाला बोलता हो, आपका मजाक बनाता हो, आपकी भावनाओं के साथ खेलता हो?
* क्या आप ऐसे नेता की पार्टी को वोट देंगे सिर्फ जो चंद लोगों को कर्जा दिलवाकर पूरे देश के लोगों के हित में बताता हो, जो किसानों की बात न सुनता हो, उन्हें मरने पर मजबूर कर देता हो?
दोस्तों आपके एक वोट से आपके क्षेत्र, आपके प्रदेश और पूरे देश का भविष्य तय होता है। आप अपना वोट पूरी समझदारी और सूझ-बूझ के साथ डालें। किसी के बहकावे में न आएं।
अगर आपको मेरी पोस्ट या मेरे सुझाव गलत लगे हों या मेरे सुझावों में कोई सच्चाई नहीं हो तो आप वही फैसला लें जो आपका दिल कहता हो…। लेकिन ये याद रखना आपका फैसला इस देश का फैसला होगा… आपके एक फैसले से देश बर्बादी की कगार पर जा सकता है जैसे आज जा रहा है।
आप समझदार हैं, आप अपने परिवार और अपने देश के हित में अच्छा फैसला लेंगे।
आपका शुभचिंतक
मनीष कुमार
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