श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येंद्र जी महाराज आज आपको बता रहे हैं कि कैसे मामूली से दिखने वाले नारियल से आप अपनी और आने परिवार की जिंदगी को बदल सकते हैं।
तो आइये श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येंद्र जी से इसके बारे भवन विस्तार से जानते हैं।
एक नारियल जो बदल देगा आपका भाग्य और भविष्य:-
नारियल के उत्पत्तिकर्ता महर्षि विश्वामित्र है।
और उसी प्राचीन काल से ही नारियल भारतीय घरों में हर पूजा-पाठ अथवा मांगलिक कार्यों में सबसे महत्त्वपूर्ण पूजन वनस्पति मानकर पूजा जाता है।क्योकि भारतीय संस्कृति में यह बहुत शुभ, पवित्र और कल्याणकारी माना जाता गया है।सभी देवताओं के भोग में, हवन हो या बड़े यज्ञ हो या तांत्रिक अनुष्ठान हो,उन सबमें नारियल का उपयोग बड़ी विधिविधान से होता है।किसी भी परिवार के मंगलकार्यों में नारियल भेंट, उपहार, मंगल कलश आदि के शुभ रूप में इसका प्रयोग होता है।अब आपको बताता हूँ की- कैसे आप नारियल का उपयोग करके आप अपना रुठा भाग्य संवार सकते हैं ….
न्यायिक मुकदमे में विजय कैसे पाये :-
जिस भी घर में पूजा करके रखा गया नारियल हो,तो उस घर के सदस्यों पर तांत्रिक प्रभाव नहीं होते हैं।यदि आप किसी विवाद या मुकदमे में अपनी विजय प्राप्त करना चाहते है,तो किसी भी रविवार को एक पानी का नारियल लाये और उसपर अपने मुख्य विरोधी या ज्यादा हो तो,उनका नाम लेते हुए लाल कलावा 7 बार बांधते हुए अपनी विजय की मनोकामना कहे।अब लाल 7 कनेर के फूल ले और नारियल को अपनी सामने रखते हुए ही, अब 7 बार अपने गुरु की चालीसा या जिस भी देव देवी की आराधना करते हो,उसकी 7 बार चालीसा पढ़े और एक एक कनेर का फूल प्रत्येक चालीसा के बाद नारियल पर चढ़ाते जाये और अब अपने से या जो मुकदमें में परिजन जुड़े हो,उनके ऊपर से या उनके फोटो से 7 बार उल्टा उतारें तथा उस नारियल और 7 कनेर के फूलों को अपने इष्ट के मन्दिर में दीपक जलाकर चढ़ा आये,ध्यान रहे उसे फ़ोडे नहीं।अब उन 7 कनेर के फूलों में से कोई एक फूल इष्ट को छुलाकर अपने साथ ले जाये और मन्दिर से या घर से न्यायालय जाते समय फूल अपने साथ ले जाएं,तो मुकदमें की स्थिति आपके अनुकूल होती जायेगी ओर अंत में विजय पाओगें ।
दुष्ट नज़र दोष से बचाव का उपाय:-
मंगलवार को एक नारियल को सवा मीटर लाल वस्त्र में लपेटकर उस पर 7 बार अपने गुरु या इष्ट की चालीसा पढ़े और अब अपने ऊपर से 7 बार उलटा उतार कर हनुमान जी या भैरव देव के चरणों में रख दें। किसी भी प्रकार की बाधा हो, नज़र दोष हो,या असाध्य ज्वर होगा अतिशीघ्र ही उतर जाएगा।
यदि आपका कोई काम ना बन रहें हो तो ये उपाय करें:-
यदि किसी भी क्रूर ग्रह का आप पर प्रभाव हो,वो चाहे कुंडली का कोई भी ग्रह दोष हो,यानि मंगल,सूर्य,केतु या राहु की कोई समस्या है, आपको तनाव बहुत रहता है, क्रोध जल्दी आ रहा है, काम कुछ बन नहीं रहा तो किसी भी बुधवार की रात्रि को एक कच्चा नारियल अपने सर के पास सीधी और रख कर सोये और अगले दिन वह नारियल गणेश जी के मंदिर में कुछ दक्षिणा के साथ चढ़ा दें यदि हो सके तो विघ्नहर्ता गणेश जी का ॐ गलों गं गणपतये नमः का 108 बार जप करें। सब अमंगल दूर होकर मंगल ही मंगल हो जाएगा।
सभी प्रकार की आर्थिक समस्या का अचूक समाधान:-
यदि आप किसी भी आर्थिक समस्या से घिर गए है,कर्ज की बड़ी स्थिति से गुजर रहे हो, तो लगातार मंगल से मंगलवार तक हनुमान जी के मंदिर एक नारियल ले कर जाये, उसके ऊपर हनुमान जी के चरणों से सिंदूर लेकर उस सिंदूर से नारियल पर स्वस्तिक बनाये,और 1 या 7 बार हनुमान चालीसा पढ़कर अपने से 7 बार उल्टा उतार कर, हनुमान जी को अर्पित करे,तो शीघ्र ही लाभकारी चमत्कार होगा,विध्न हटकर धन लाभ और आय के मार्ग खुल जायेंगे।
आपके व्यापार में हानि को रोकने का उपाय:-
यदि व्यापार में आपको निरंतर हानि हो रही हो और रुकने का नाम ही न ले, तो किसी भी गुरूवार के दिन एक नारियल ले कर उसे सवा मीटर पीले वस्त्र में लपेटे,उसमें एक जोड़ा जनेऊ, सवा पाव पीले मिष्ठान के साथ श्री विष्णु जी के मंदिर में अपनी हानि रोकने के प्रार्थना व संकल्प के साथ रख आएं। तत्काल ही हानि समाप्त हो कर आपको लाभ प्रारंभ हो जाएगा।चाहे तो 3 या 7 गुरुवार कर सकते है।
कोई भी विपदा संकट आन पड़े तो करें ये उपाय:-
यदि आप किसी गम्भीर संकट से भरी आपत्ति में घिर गये हैं, अब आपको आगे बढ़ने का कोई रास्ता नही दिख रहा हो तो, दो कच्चे पानी के नारियल और एक लाल चुनरी,थोडा कपूर, लाल कनेर या गुलाब के पुष्प की माला से देवी पूर्णिमां या देवी दुर्गा का दुर्गा मंदिर में जाकर ॐ दूं दुर्गायै नमः से 108 बार जप करते पूजन करें।उन्ही दोनों नारियल में से एक नारियल को लायी लाल चुनरी में लपेट कर (यथासम्भव दक्षिणा के साथ) माता के चरणों में अर्पित कर दें और एक नारियल को अपने साथ एक कपूर के साथ घर ले आये।और पूजाघर में रख दे।अगले सप्ताह उस पूजाघर वाले नारियल को भी देवी माँ पर चढ़ा आये।और वहाँ कपूर की ज्योत करें।बस देखे चमत्कार।
निरन्तर पैसे की दिक्कत हो तो करें ये उपाय:-
गुरुवार को एक कच्चा नारियल लेकर पूजाघर में रखें और शुक्रवार को सुबह में अंघेरी में उठें और स्नान आदि कर ले,अब पूजाघर में दीपक धुप जलाकर अपने गुरु मन्त्र जप के बाद श्रीगणेश मंत्र ॐ ग्लों गं गणपतेय नमः 108 बार जपे और धन की देवी महालक्ष्मी की आराधना ॐ श्रीं महालक्ष्मियै नमः से 108 बार जप कर दोनों की आरती कर, पूजन करें।अब पूजा के बाद उस नारियल को तिजोरी में रख दें।अब कुछ रात के समय लगभग 8 या 10 बजे उठकर तिजोरी में रखें इस नारियल को निकाल कर किसी भी श्रीगणेश के मंदिर में कुछ दक्षिणा के साथ अर्पित कर दें। साथ ही श्रीगणेश से निर्धनता दूर करने की प्रार्थना करें।आप शीघ्र ही देखेंगे कि इस उपाय के करने से कुछ ही समय में लाभकारी परिणाम प्राप्त होने लगते हैं।
शनिदेव महाराज को प्रसन्न कैसे करें:-
श्रीशनिदेव की शुभ कृपा दृष्टि प्राप्त करने के लिए अमावस के बाद के किसी भी शनिवार से यह उपाय शुरू करें। इस उपाय के अनुसार आपको लगातार सात शनिवार तक बिना नागा किये एक-एक नारियल किसी पवित्र नदी में प्रवाहित करना है। साथ ही नारियल प्रवाहित करते समय ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का 108 बार जप करें। लगातार सात शनिवार इस प्रकार करने से समस्याओं का प्रभाव कम हो जाएगा और श्री शनिदेव की चमत्कारी कृपा सहित कल्याण की भी प्राप्त होगी।
किसी भी प्रकार के कालसर्प दोष का उपाय:-
जिन लोगों की कुंडली के 12 भावों में से किसी भी प्रकार का कालसर्प योग है अथवा नीचस्थ होकर राहु-केतु अशुभ फल देने वाले हैं, उन्हें एक सूखा नारियल और एक कंबल का या मौसम अनुसार एक ओढ़ने या बिछाने की चद्दर का शनिवार को किसी भिखारी या कोढ़ी को दान करना चाहिए। यह उपाय प्रत्येक महीने को करने से दुर्भाग्य भी सौभाग्य में बदल जाता है।
फूटी किस्मत चमकाने के लिए उपाय:-
अपनी फूटी किस्मत को चमकाने के लिए प्रत्येक महीने के मंगल या शनिवार को किसी पवित्र नदी के किनारे या पुल पर नदी की और मुख फेर कर यानि नदी के विपरीत खड़े होकर 1कच्चा नारियल अपने से 7 बार उल्टा उतार कर अपने नाम और माँ का नाम और अपना गोत्र को बोलते हुए अपनी विपदा को नदी की देवी से हरने की प्रार्थना करते हुए जोर से अपने सिर के ऊपर से पीछे को नदी में फेंक कर प्रवाहित करें।और बिन पीछे देखे अपने घर चले आये।
एकाक्षी नारियल के अचूक उपाय:-
नारियल की जटा उतारने के बाद टहनी की ओर सभी नारियल में तीन छोटे से गढ्ढे नुमा काले बिंदु दिखाई पड़ते हैं।तन्त्र की मान्यता है कि इसमें दो बिंदु नेत्रों के प्रतीक है और और एक मुख का। किसी-किसी गोले पर ये दो बिंदु पाए जाते हैं। अर्थात एक नेत्र है और एक मुख है। ऐसा नारियल का फल बहुत कम प्राप्त होता है, पर यही सच्चा एकाक्षी नारियल है। महालक्ष्मी की महाकृपा प्राप्ति के लिए तन्त्र पूजा में पाई जाने वाली दुर्लभ वस्तुओं में से एक है एकाक्षी नारियल…
एकाक्षी नारियल लक्ष्मी का रूप है:-
एकाक्षी नारियल को लक्ष्मी का साक्षात स्वरूप माना जाता है।तन्त्र कहता है की- जिसके घर में एकाक्षी नारियल को स्थापना है। उसके घर से लक्ष्मी कभी जा ही नहीं सकती है तथा वहां सदा लक्ष्मी का स्थायी निवास होता है। दीपावली के अवसर पर या ग्रहण के अवसर पर जो व्यक्ति लक्ष्मी की मूर्ति के समक्ष एकाक्षी नारियल रख कर इष्ट मंत्र जप करता श्री सूक्त स्त्रोत्र पाठ पूजा करता है। उसे कभी धन का अभाव नहीं होता।
लक्ष्मी वशीकरण का अचूक उपाय:-
किसी भी शनिवार की शाम को शुभ महूर्त में इस नारियल को कांसे की थाली में स्थापित करें। उसके सामने तेल का अखण्ड दीपक जलाकर आह्वान करें- हे एकाक्षी नारियल आप मेरा कार्य सिद्ध करें।और अब इस आवाहन के बाद नमन कर उठ जाये और अब दूसरे दिन सूर्योदय के समय उस रखे एकाक्षी नारियल को फिर जल से स्नान करवा कर पंचोपचार पूजन करें। उस पर कुमकुम से त्रिशुल बनाएं तथा 11 माला अपने गुरु मंत्र के जप के बाद ॐ श्रीं श्रीं कमले कमलायै प्रसीद प्रसीद ॐ महालक्ष्मी श्रीं नमः की 108 बार मंत्र से जप करें,और उस एकाक्षी नारियल को अपनी तिजोरी में लाल रेशमी कपड़े में बाँध कर सीधे हाथ की और रख दे।तो मनोवांछित कामना पूरी होगी।
अविवाहित के विवाह को अचूक उपाय:-
कोई भी कन्या हो या लड़का हो,जिसका विवाह की बात बनते बनते या उसे देखने के उपरांत रिश्ता हाँ कहते हुए भी लोट कर जबाब नहीं आता हो तो, उसे एक एकाक्षी नारियल को गुरुवार के दिन लाकर अपने पूजाघर में घी की ज्योत जलाकर धुप करने के बाद उस नारियल पर एक स्वस्तिक बनाकर उसपर थोडा सा सफेद चंदन, केसर, रोली और चावल अर्पण करते हुए अपनी मनोकामना कहते हुए-पहले गुरु मंत्र 108 बार जपे और फिर अपने इष्ट या केवल ये विवाह मनोकामना सिद्धि मंत्र 108 बार जपे-
सर्व काले शुभ करेषु,विवाह कारके आनन्द रूपा।
सर्व विध्न नाशं चतुर्थ धर्म धारकं,श्री सत्य ॐ सिद्धायै नमः भूपा।
और पूजा के बाद इस एकाक्षी नारियल पर जो सफेद चंदन,रोली,चावल,केसर चढ़ाया था,उसी से अपनी रिंग फिंगर को छुलाकर अपने माथे पर तिलक या बिंदी लगा ले।और इस नारियल को किसी भी मन्दिर में देवी या देवता के चरणों में सभी सामग्री सहित चढ़ा आये।ऐसा केवल 3 या 7 गुरुवार करने पर अवश्य ही मनवांछित वर या वधु के साथ शुभ विवाह की प्राप्ति होगी।ये अचूक उपाय है।शुरू में एक बार थोडा आपको विचित्र या कठिन लगेगा,पर करते ही चमत्कार आप खुद पाएंगे।
आखिर महिलाएं क्यों नहीं फोड़ती हैं नारियल:-
आपको पता होगा की कोई भी हवन हो, कथा हो, पूजा हो या फिर विवाह हो नारियल की पूर्ण आहुति के बिना वो संपन्न नहीं होता है।और नारियल फोड़ते समय आपने देखा होगा कि नारियल हमेशा पुरुष ही फोड़ते हैं महिलाएं नहीं फोड़ती है, आखिर क्या कारण है की जो महिलाएं नारियल नहीं फोड़ती हैं?
नारियल मनुष्य का वनस्पति स्वरूप है-उसके बाल रूपी जटाएं,मनुष्य के शरीर के बाल है और नारियल ऊपर से कठोर होता है,मनुष्य के शरीर की तरहां,तथा अंदर से उसकी गिरी स्वच्छ होती है,मानो उसका ह्रदय सात्विक भावों से स्वच्छ हो,उसका पानी मीठा होता है,जेसे सात्विक मनुष्य की मीठी शीतलता देने वाली वाणी होती है और उसमे तीन छिद्र होते है,जो जेसे मनुष्य की दो आँख और एक मुख हो।यो ये एक प्रकार का मनुष्य है।और बहुत दिनों तक स्थाई बना रहता है।आदि आदि अनेक गुणों से भरपूर होने से ये देवता के रूप में मान्य है,यो ही नारियल को वनस्पति के रूप में मनुष्य का वनस्पति रूपी जीवित बीज बताया गया है, इसलिए इसे प्रजनन क्षमता से जोड़ा गया है। स्त्रियां प्रजनन की कारक होती हैं और इसी वजह से स्त्रियों के लिए बीज रूप नारियल को फोडऩा वर्जित किया गया है। इसके साथ ही नारियल को देवी या देवता को भेंट स्वरूप सात्विक बलि के रूप में प्रदान करना माना गया है और बलि पुरुषों द्वारा ही दी जाती है।महिला सृष्टि करने के कारण बलि नहीं दे सकती है और इस कारण से भी महिलाओ के द्वारा बलि रूप में या सामान्य रूप में नारियल की फोड़ना निषेध माना जाता है।केवल तन्त्र विद्या में निपुण स्त्री ही ये कार्य कर सकती है।
और नारियल को फोड़ते में उसका रस केवल देवता के चरणों में ही पड़ना चाहिए:-
नारियल को श्रीफल भी कहा जाता है।यो पूजा में हम भगवान को श्रीफल अर्पित करते हैं। नारियल का एक उपयोग देवी या देवता के स्थान पर फोड़ने में होता है, फोड़ने में ऎसी कुशलता होनी चाहिए चाहिए कि-उसका लगभग सारा रस छलककर पूरा का पूरा देवता के चरणों पर पड़े, कहीं और जगह नही पड़ना चाहिए।
स्मरण रहे की-ये सभी उपायों केवल उस व्यक्ति को फलते है,जो अपने कार्य में कठोर परिश्रम भी करते है,तब ये साहयक बनकर उसकी साहयता करते है।अन्यथा जो परिश्रम नहीं करता उसे संसार का कोई नारियल या अन्य उपाय लाभ नहीं देगा।
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श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येंद्र जी महाराज
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः