रत्न रहस्य में श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज आज पन्ना रत्न के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दे रहे हैं। अगर आप इस रत्न को पूरे विधि विधान और जानकारी के साथ पहनते हैं तो यह अचूक लाभ देता है और अगर बिना जाने इसको धारण किया जाए तो यह फायदे की जगह नुकसानदेह साबित हो सकता है।
श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज समय-समय पर ऐसी कीमती जानकारी देते रहे हैं जो जीवन के लिए बेहद ही जरूरी होती है और हम जरा सी जानकारी के अभाव में अपने जीवन को कष्ट में डाल देते हैं।
तो आइए स्वामी जी से जानते हैं पन्ना रत्न के बारे में।
पन्ना रत्न के लाभ क्या है और किसे शुभ अशुभ रहता है:-
भारतीय ज्योतिष के अनुसार पन्ना रत्न, बुद्ध ग्रह का प्रमुख रत्न है।बुध ग्रह कुमार ग्रह है,और देवताओं के सन्देश का प्रचारक होने से इसे सभी ज्ञात अज्ञात स्थानों पर वायु वेग से जाने की सामर्थ्य है यानि बुद्ध बुद्धि का स्वरूप ग्रह है,यो मनुष्य में बुद्धि ही भौतिक या आध्यात्मिक जगत के ज्ञात और अज्ञात आदि रहस्यों के तथ्यों के ज्ञान को प्रकट करने का साधन है,बुध की महादशा मुख्य रूप से विवाहकारक नहीं होती है,इस काल में व्यक्ति में अपनी प्रतिभा को खोजने और मनचाहा प्राप्ति पर अधिक ध्यान होने से विवाह के विषय को टालता है,बल्कि उसके स्थान पर वो परस्पर प्रेम के ज्ञान पक्ष को अनुभव करता जीता है,परिणाम प्रेम के स्थान पर अंत में विरह ही हाथ आती है,यो वो उच्चकोटि का शायर,कवि,लेखक,दार्शनिक,बोद्धिक चित्रकार,व्यवहारिक फिल्में आदि की और उन्मुख होकर सफल होता है,यानि प्रेम में सभी सम्बन्ध रहेंगे,पर विवाह नही बन पाता और बना भी तो अंत में टूट जाता है,यो ये विवाहित होकर भी कुँवारा ही रहता है।और बुध सभी प्रकार के मन्त्रों का ज्ञान और अनुभव देकर मन्त्रज्ञ विद्याधारी बनाता है,ज्योतिषी बनाता है,बुध प्रधान व्यक्ति के भविष्य अनुमान सही निकलते है,यो वो अच्छा भविष्यवेत्ता बनता है,बुध खराब हो तो त्वचा के रोग और टाइफाइड बुखार बनता है,दवाई चलती रहती है।सूर्य के साथ बुधादित्य राजयोग बनता है।और जरा सा ये योग खराब हो तो व्यक्ति का कमाया धन या किये कार्य अंत में बेकार जाते है,ऐसे अनेक कारणों के निवारण को बुध का रत्न पन्ना पहनना चाहिये।
उच्च कोटि का पन्ना जाम्बिया तथा स्कॉट्लैंड की खानों से निकला जाता है। इसका रंग हलके तोतिये से लेकर गाड़े हरे रंग तक होता है।असली पन्ने में काले रंग के हलके रेशे स्पष्ट होते है। पारदर्शी और बिना काले रेशे का पन्ना बहुत ज्यादा महंगा हो सकता है। यदि ऐसा पन्ना आपको सस्ते में मिल जाए तो, वह नकली हो सकता है, इसलिए पन्ने की जाच अवश्य कराए।पन्ना कच्चा रत्न है,जरा सी चोट से टूट सकता है, यदि कुंडली में बुध ग्रह शुभ प्रभाव में हो तो पन्ना अवश्य धारण करना चाहिए।
विद्यार्थियों को अवश्य पन्ना पहनना चाहिए,इसे धारण करने से दिमाग की कार्य क्षमता तीव्र हो जाती है और विद्यार्थी या व्यक्ति अपनी पढ़ाई , लिखाई, व्यापार जैसे कार्यो में सफलता प्राप्त करता है।विधार्थियों के लिए उनके शैक्षिक जीवनकाल में बुध ग्रह की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है उच्च और अच्छी शिक्षा बुध ग्रह की शुभ होने पर ही निर्भर है। यदि आप एक व्यापारी है और अपने व्यापार में निरन्तर उन्नति चाहते है, तो आप अवश्य पन्ना धारण कर सकते है।चार्टर एकाउंटेंट,और हिसाब किताब के सभी कामो को करने वाले जातको को भी पन्ना अवश्य धारण करना चाहिए, क्योकि एक सफल गणितज्ञ की योग्यता उसके बुद्धि बल यानि बुध ग्रह के बल पर निर्भर करती है।विशेषकर धर्म के क्षेत्र से जुड़े प्रवचनकर्ताओ या राजनीति के वक्ताओं और रँगमंच के अभिनय कर्ता और फ़िल्मी क्षेत्र से जुड़े जातको को भी अवश्य पन्ना धारण करना चाहिए, क्योकि बुध ग्रह व्यक्ति हो भी जानता है,उसकी अभिव्यक्ति को जनता के सामने कैसे सफलता के साथ डायलॉग यानि भाषा संवाद् की प्रभावशाली शेली से प्रभावित करे और ये सब बुध और उसके रत्न पन्ने से बहुत अच्छी तरहां से उजागर होती है,जिनकी वाणी में दोष है या गालियां देकर या अटक कर या हकलाकर बोलने का दोष है उन्हें अवश्य पन्ना पहनना चाहिए।
पन्ना धारण करने की विधि:-
यदि आप बुध देव के रत्न, पन्ने को धारण करना चाहते है, तो 3 से 5 कैरेट के पन्ने को स्वर्ण या चाँदी की अंगूठी में जड्वाकर किसी भी शुक्ल पक्ष के बुधवार को सूर्य उदय होने के पश्चात् लगभग 10 बजे तक ॐ बं बुधायै नमः के 108 जप से पंचाम्रत- दूध,गंगा जल, शहद या शक्कर,तुलसी,दही में स्नान कराये साथ ही पांच अगरबत्ती बुध देव के नाम जलाए और अपनी कंग की ऊँगली में धारण करे। बुध के अच्छे प्रभावों को प्राप्त करने के लिए उच्च कोटि का जम्बियन पन्ना ही धारण करे, पन्ना धारण करने के लगभग एक महीने में प्रभाव देना आरम्भ कर देता है,यो जल्दी नहीं करें की-अरे पन्ना पहन लिया और कोई लाभ नहीं मिल रहा है,देर से लाभ अवश्य मिलगा और लगभग 3 वर्ष तक पूर्ण प्रभाव देता है,इसके बाद ये निष्क्रिय हो जाता है। निष्क्रिय होने के बाद फिर से नया पन्ना लेकर धारण करे। पन्ने का रंग हरा और दाग रहित होना चाहिए,पन्ने में कोई दोष नहीं होना चाहिए,नहीं तो मनचाहे शुभ प्रभाव् नहीं मिलेंगे।
यदि कोई निरन्तर रोगी बना रहता है तो उसके लिए पन्ना बलवर्धक,रोगनिवारक और सुख देने वाला होता है। जिस घर में पन्ना होता है वहां धन्य धान्य और धन की वृद्धि,अच्छी संतान और भूत प्रेत की बाधा भी शांत होती है।वहां सांप का भय बहुत कम रहता है।व्यक्ति के नेत्र रोगों के लिए पन्ना बहुत लाभदायक है। इस रत्न को पांच मिनट तक सुबह सुबह एक गिलास पानी में डालकर घुमाएं और फिर उस जल से आंखों को धोया जाए तो आंखों की रौशनी और कष्ट में बड़ा अच्छा लाभ मिलता है।
पन्ना रत्न कौन पहन सकते है:-
पन्ना यदि मिथुन लग्न या मिथुन राशि वाले धारण करें तो पारिवारिक परेशानियों से राहत मिल सकती है।उनकी माता का खराब स्वास्थ भी शीघ्र ही ठीक रहने लगता है।उन्हें सभी प्रकार के सामाजिक कामों में सफलता मिलती है।
कन्या लग्न और कन्या राशि वाले व्यक्ति भी पन्ना पहनकर राज्य, व्यापार, पिता, नौकरी, शासकीय कार्यों में बहुत लाभ पा सकते हैं,यदि कन्या लग्न या राशि वाले बेरोजगार हैं तो उन्हें शीघ्र ही रोजगार के अवसर मिलेंगे।
बुध यदि अपनी नीच राशि मीन में अस्त या वक्री हो या ग्यारहवें घर में हो तो वह भी पन्ना पहन सकते हैं।
यदि बुध शुभ स्थान का स्वामी होकर अष्टम घर में हो तो भी पन्ना पहनना शुभ रहता है।
अगर बुध की महादशा या अंतरदशा चल रही हो तो आप पन्ना अवश्य पहनें।
यदि जन्म कुंडली में शुभ भाव 2, 3, 4, 5, 7, 9, 10 और 11वें भाव का स्वामी होकर छठे भाव में हो तो पन्ना पहनना बढ़िया रहेगा।
यदि बुध की मंगल, शनि और राहु या केतु ग्रह के साथ योग या युक्ति हो, तो पन्ना अवश्य पहनें।
यदि बुध पर शत्रु ग्रहों की दृष्टि हो तो पन्ना जरूर पहनना चाहिए।
बुध अगर लग्नेश होकर चतुर्थ, पंचम या नवम भाव में शुभ ग्रहों के साथ हो तो पन्ना पहनना शुभ ही रहेगा।
स्मरण रहे की-पन्ने के साथ कभी भी मोती नही पहनना अन्यथा,आपका बना बनाया कार्य,लगती नोकरी या चलता व्यवसाय में और यात्रा में बड़ी हानि होने के कारण बन जायेगें।
यदि जन्मकुंडली नहीं भी हो तो आप अपने सीधे या दोनों हाथों की कनिष्ठा यानि सबसे छोटी कंग की ऊँगली के अंत में नीचे जो पर्वत या क्षेत्र हो,उसे ध्यान से देखें,ये बुध का क्षेत्र है और वो अच्छा उठा हुआ हो,तो पन्ना पहन सकते है और ये सूर्य की और ढलाव लिए हो,तो माणिक्य के साथ पन्ना पहने शुभ रहेगा,ये क्षेत्र अनेक रेखाओं से कटा फटा या सपाट या दबा सा हो, तो बुध कमजोर है,यो आप अच्छे स्तर का ही पन्ना टेस्ट करके पहने, तो शुभ रहेगा।
पन्ने की अपने प्रेमिक जन या मित्र को भेंट करने से बड़ी मित्रता बढ़ती है।
और पन्ना शरीर में सभी प्रकार के विष और त्वचा सम्बंधित रोगों को भी शांत करता है।
विशेष: मैंने पहले के लेखों में भी कहा है कि – रत्नों को अपनी हथेली की और करके उसका गुरु या इष्ट या ग्रह के मंत्र के साथ उसे थोड़ी देर तक देखते हुए ऑंखें बन्द करके ध्यान करने से अति शीघ्र और उच्चतम लाभ मिलते है।इस प्रकार के ध्यान विधि को तत्व ध्यान कहते है।
“इस लेख को अधिक से अधिक अपने मित्रों, रिश्तेदारों और शुभचिंतकों को भेजें, पूण्य के भागीदार बनें।”
अगर आप अपने जीवन में कोई कमी महसूस कर रहे हैं? घर में सुख-शांति नहीं मिल रही है? वैवाहिक जीवन में उथल-पुथल मची हुई है? पढ़ाई में ध्यान नहीं लग रहा है? कोई आपके ऊपर तंत्र मंत्र कर रहा है? आपका परिवार खुश नहीं है? धन व्यर्थ के कार्यों में खर्च हो रहा है? घर में बीमारी का वास हो रहा है? पूजा पाठ में मन नहीं लग रहा है?
अगर आप इस तरह की कोई भी समस्या अपने जीवन में महसूस कर रहे हैं तो एक बार श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज के पास जाएं और आपकी समस्या क्षण भर में खत्म हो जाएगी।
माता पूर्णिमाँ देवी की चमत्कारी प्रतिमा या बीज मंत्र मंगाने के लिए, श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज से जुड़ने के लिए या किसी प्रकार की सलाह के लिए संपर्क करें +918923316611
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श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज
जय सत्य ॐ सिद्धाय नमः