नीरव मोदी के मामले में भाजपा खुद को फंसता देख डिफेंसिव दिख रही है। नीरव मोदी का फ्रॉड इतना बड़ा है कि भारतीय बैंकिंग के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा फ्रॉड सामने आया है।
सबसे बड़ी बात है कि नीरव मोदी अपने इस फ्रॉड के साथ भी प्रधानमंत्री से दावोस में सीओ समिट में मिले थे। इसकी एक फोटो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है।
लेकिन भाजपा सफाई देने पर लगी हुई है और सारा आरोप कांग्रेस पर मढ़ रही है।
बात दें कि पंजाब नेशनल बैंक फ्रॉड मामले में कारोबारी नीरव मोदी पर केंद्र की मोदी सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए उसकी करीब 1300 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर ली है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जल्द ही उसका पासपोर्ट भी रद्द किया जा सकता है। साथ ही यह भी कहा कि इस मामले में जो भी शामिल होगा उस पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नीरव मोदी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की खबरों को खारिज करते हुए रविशंकर ने कहा कि दोनों के बीच कोई आधिकारिक मुलाकात नहीं हुई। नीरव अपने आप दावोस पहुंचे थे। कांग्रेस फोटो की राजनीति करना बंद करे। हमारे पास भी कांग्रेस नेताओं की मेहुल चौकसी के साथ अंतरंग तस्वीरें हैं लेकिन हम उस स्तर तक गिरना नहीं चाहते।
लेकिन रविशंकर प्रसाद यह बताना भूल गए कि ऐसे कोई भी प्रधानमंत्री से नहीं मिल सकता है और न ही फ़ोटो खिंचवा सकता है। पीएम से मिलने से पहले मीटिंग करने वाले का ब्यौरा देना होता है। पीएम के साथ कौन मिलने आ रहा है उनकी मीटिंग में कौन- कौन लोग आने वाले हैं यह सारा ब्यौरा देना जरूरी होता है। और यह एक प्रोटोकॉल के तहत होता है। जबकि नीरव मोदी के फ्रॉड की जानकारी सरकार को 2016 में ही लग चुकी थी।
बता दें कि 11500 करोड़ रुपए के फ्रॉड ट्रांजेक्शन में नीरव पर लग रहे आरोपों पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक के बाद कई आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि ‘पीएम मोदी और प्रधानमंत्री कार्यालय को नीरव मोदी से जुड़े मामले की जानकारी 26 जुलाई 2016 को दे दी गई थी लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
उन्होंने आगे कहा ‘मोदी सरकार की नाक के नीचे आखिर कैसे नीरव और मेहुल चोसकी पूरे बैंकिंग सिस्टम को धोखा दे सकते हैं।’
गौरतलब है कि बैंक ने आरोप लगाया कि नीरव मोदी ने मुंबई स्थित एक ब्रांच से फर्जी तरीके से शपथ पत्र हासिल किए और उन्हीं के आधार पर अन्य भारतीय बैंकों से विदेशों में लोन ले लिए।
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