किसानों की कर्जमाफी को लेकर प्रदेश के जल संसधान मंत्री डॉ.रामप्रताप सवालों के जबाव नहीं दे पाए। उन्होंने सिर्फ इतना बोला कि किसानों ने कर्ज लेकर कोई गुनाह नहीं किया जो कर्जमाफी हो। यानी उनका साफ़-साफ़ कहना था कि राजस्थान में किसी भी तरह से किसानों के कर्ज माफ़ी का सवाल ही नहीं उठता है।
आपको बता दे कि जल संसाधन मंत्री डॉ.रामप्रताप किसानों की कर्जमाफी के लिए बनाई गई कमेटी के अध्यक्ष भी है। किसानों की कर्जमाफी पर वे गोल मोल जबाव देते रहे लेकिन वे अपने विभाग की चार साल की उपलब्धियां गिनना नहीं भूले।
लेकिन जब उनसे पूंछा कि प्रदेश में किसान कर्ज में डूबे पड़े हैं। किसान खुद भूंखे मर रहे हैं। जब उनसे किसानों की कर्जमाफी के मुद्दे पर सवाल पूछे तो उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर वह इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में तैयारी के साथ नहीं आये है। लेकिन आगे उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि आजादी के 70 साल बाद भी किसान खुदकुशी क्यों कर रहा है, इस पर सभी को मंथन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, यूपी, कर्नाटक और केरल ने किसानों के लिए कर्जमाफी का ऐलान किया था, धरातल पर अभी तक इन राज्यों में कर्जमाफी नहीं हो सकी है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक और ऊर्जा मंत्री पुष्पेंद्र सिंह केरल जाकर आए है, वहीं एक अधिकारियों का दल कर्नाटक गया है। इनकी रिपोर्ट आने के बाद ही किसानों की कर्ममाफी पर कुछ कहा जा सकेगा। वहीं जल संसाधन मंत्री यह भी नहीं बता सके कि प्रदेश के कितने किसानों पर 50 हजार रुपये तक का कर्जा है।
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News Desk: Khabar24 Express, Jaipur, Rajasthan