जितने बड़े अस्पताल उससे ज्यादा गंदी इन अस्पतालों की हकीकत। “नाम बड़े और दर्शन छोटे” इसी छोटी सोच को ये बड़े अस्पताल दिखाने में लगे हैं। इन बड़े अस्पतालों पर तमाम आरोप लगते रहे हैं। ऐसा ही एक आरोप गुरुग्राम के मशहूर हॉस्पिटल फोर्टिस पर लगा है।
हरियाणा के गुरुग्राम स्थित फोर्टिस अस्पताल में एक बच्ची की डेंगू से मौत हो गई और उसके इलाज का बिल 18 लाख रुपए आया है। 18 लाख का बिल बनने के बाद भी फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टर इस सात साल की बच्ची को बचा नहीं पाए।
ये अपने आप में ऐसा पहला मामला नहीं है। ऐसा ही मामला बेंगलुरु के फोर्टिस अस्पताल में भी देखने मिला था जहाँ एक महिला का पथरी का इलाज करने पर 56 लाख का बिल थमा दिया जबकि इतना बड़ा अस्पताल महिला को बचाने में नाकाम रहा।
इस बड़े हॉस्पिटल ने अपने लालच और बेशर्मी से बच्ची के शव के साथ परिजनों को 18 लाख का बिल थमा दिया। वहीं बच्ची के माता-पिता ने अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई है।
दिल्ली के द्वारका निवासी जयंत सिंह की 7 साल की बेटी आद्या को डेंगू हो गया था। आद्या को पहले इलाज के लिए रॉकलैंड अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद उसे गुरुग्राम स्थित फोर्टिंस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीटयूअ रेफर किया गया। फोर्टिस अस्पताल में आद्या 15 दिन भर्ती रही। 15 दिन बाद आद्या की मौत हो गई। फोर्टिस अस्पताल ने बच्ची के इलाज के लिए परिजनों को 18 लाख का बिल थमा दिया। इतना बिल बनाने के बाद भी चिकित्सक बच्ची को बचा नहीं पाए। अस्पताल ने परिजनों को बिल थमाया है, उसमें 660 सिरिंज और 2700 ग्लोव्स का बिल भी शामिल है। यह घटना ट्विटर पर बिल की कॉपी के साथ शेयर की गई है। मामले सामने आने के बाद केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने अपना ई मेल आईडी शेयर किया है और मामले से जुडी सभी जानकारियां मेल करने को कहा है।
साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने फोर्टिस अस्पताल से भी सारी जानकारियां देने को कहा है। अस्पताल ने इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही से इंकार किया है। अस्पताल का कहना है कि बच्ची को काफी गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया था और परिजनों को बच्ची की हालत और इलाज के बारे में पहले ही बता दिया गया था।
फोर्टिस अस्पताल ने आद्या के बिल के लिए 20 पन्नों का बिल तैयार किया है। इस बिल में 660 सिरिंज, 2700 दस्ताने, 900 गाउन के पैसे भी जोडे हैं। बिल में दवाई का खर्च चार लाख रुपए बताया गया है। 52 हजार रुपए डॉक्टरों की फीस और 2 लाख 17 हजार रुपए के मेडिकल टेस्ट भी इसमें शामिल किए गए हैं। इस तरह अस्पताल ने कुल मिलाकर 18 लाख का बिल बनाया।