केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने दलितों को अजीबोगरीब सलाह दी है उन्होंने कहा घर बैठकर दारू पीने से अच्छा है कि वो सेना में भर्ती हो जायें वहां उन्हें अच्छी दारू और खाना दोनों मिलेंगे।
आपको बता दें कि रामदास अठावले अपने बयानों की वजह से हमेशा चर्चा में बने रहते हैं और उनके बयान हमेशा से ऐसे ही रहते हैं।
अगर इन बयानों का मतलब निकाला जाए तो भारतीय सेना में हमारे जांबाज रोजाना दारू पीते हैं। दूसरा मतलब यह निकलता है कि दलित कोई काम धाम नहीं करते वो हमेशा दारू पीते रहते हैं।
खैर इन नेताओं के बयानों के कितने भी मतलब निकले उनको कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनके इन बयानों से कोई आहत होता है या उनके बयान समाज में किस तरह की छवि बनाते हैं।
एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक अठालवे ने अपने बयान कहा कि घर में बैठकर देशी दारू पीने से अच्छा है कि दलित युवा आर्मी में भर्ती हो जाएं, जहां उन्हें अच्छा खाना और रम दोनों ही मिलेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि आर्मी की रम पीने से युवाओं की तबीयत भी अच्छी रहेगी। अठालवे के भारतीय फौज को लेकर युवाओं को दी गई सलाह के बाद सोशल मीडिया में उनके बयान की जमकर आलोचना की जा रही है। उन्होंने यह बातें रविवार को पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान कही थी।
गौरतलब है कि पिछले दिनों में अठावले सेना में आरक्षण को लेकर कई बार मांग उठा चुके हैं। उनकी मांग है कि सेना में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को आरक्षण दिया जाना चाहिए। इस संबंध में वो पीएम मोदी से भी अपील कर चुके हैं।