क्या आपके बच्चे गैरसरकारी शिक्षण संस्थाओं में पढ़ते हैं? क्या आप स्कूलों की मनमानी से परेशान हैं? लाखों रुपये फीस के वसूलने वाले स्कूल में क्या आपके बच्चे अपने को सुरक्षित महसूस करते हैं..? ये बहुत बड़े सवाल हैं जिनका जबाव शायद सरकार के ही पास हो.. सरकार क्यों ऐसे शिक्षण संस्थाओं को बंद नहीं कर देती है?
नेताओं से संरक्षित प्राप्त इन स्कूलों के ऊपर शायद ही कोई भी सरकार एक्शन ले? इनमें अधिकतर शिक्षण संस्थान या तो नेताओं के हैं या बड़े उद्द्योगपतियों के हैं जिनको नेताओं का, मंत्रियों का सरक्षण प्राप्त है।
आपको बता दें कि कल रायन इंटरनैशनल स्कूल में 7 साल के मासूम बच्चे की हत्या कर दी गयी। ये पहला मामला नहीं था जिसमें बड़े स्कूल में ऐसा हुआ हो पहले भी कई बड़े स्कूलों में ऐसा हो चुका है दिल्ली के वसंत वैली में बच्चे का शव पककनी की टंकी में मिला था।
खैर रायन स्कूल के मामले में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने भी मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कारवाई की बात कही है। सीएम ने इस हत्या को जघन्य करार दिया है। इस बीच आरोपी कंडक्टर अशोक को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। स्कूल प्रबंधन ने स्कूल के प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया गया है। प्रद्युम्न नाम के दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे का खून से लथपथ शव शुक्रवार को टॉइलट में मिला था। उधर सोहना के बार असोसिएशन ने फैसला किया है कि कोई भी वकील मासूम की हत्या करने वाले का केस नहीं लड़ेगा।
गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर संदीप खेरवार ने शनिवार को यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जांच रिपोर्ट के तुरंत बाद कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा, ‘मामले में पुख्ता सबूत जुटाया जा रहा है। 7 दिन के अंदर चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी। एक-दो दिन में चीजें साफ हो जाएंगी। हम प्रद्युम्न हत्या की जांच फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने का आग्रह करेंगे। हत्या में इस्तेमाल चाकू और कपड़े को फरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। हमारी कोशिश होगी जांच के बाद पीड़ित पक्ष को पूरी तरह संतुष्ट किया जाए।’
उन्होंने कहा कि इस मामले के दोषी को कड़ी सजा मिलनी चाहिए ताकि आगे से कोई ऐसा नहीं कर पाए। पुलिस कमिश्नर ने कहा, ‘हत्या में बस कंडक्टर का रोल स्पष्ट तौर पर सामने आया है। किसी और की इसमें भूमिका होगी तो हम उसकी जांच करेंगे। FIR में किसी का नाम नहीं है। स्कूल की लापरवाही का मामला सामने आया है।’