भारतीय किसान आज अपने ही घर में बदहाली की जिंदगी जी रहा है, अपनी खेती बाड़ी छोड़ शहरों की ओर पलायन कर रहा है और करे भी क्यों ना अन्नदाता की हालत के जिम्मेदार हम जिम्मेदार नागरिक और भारत की जिम्मेदार सरकार है।
भारत के बड़े 500 उद्धोगपतियों के ऊपर 11 लाख करोड़ से ज्यादा का लोन ऐसा है कि वो वापस मिलेगा भी कि नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है। जबकि भारतीय किसान पर लगभग 1.5 लाख करोड़ कर्ज है। ये वही भारतीय किसान है जिसकी जमीनें जबरन विकास के नाम पर छीन ली जाती हैं। जिसकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिलता, बल्कि उस उद्योगपति को ज्यादा पैसा मिल जाता है जो अन्नदाता से उसके अन्न की कीमत औने पौने दाम में लगाता है।
• अन्नदाता को खुशहाल करें –
हजारों साल से धूप, बारिश, शीत, सूखा, बाढ़, पाला तथा कीड़े आदि की सभी तरह की विपत्तियों को झेलकर हमारा अन्नदाता किसान हम सभी का पोषण कर रहा है.
फिर भी हम हजारों साल से बेशर्मी से उसका शोषण कर रहे हैं. उसको मिलने वाले 100 रूपये की जगह हम उसे सिर्फ दस रुपया ही दे रहे हैं।
परिणामस्वरूप आज किसानों की जमीन छिनती जा रही है और कर्जे के बोझ तले दब कर हजारों की संख्या में किसान हर साल आत्महत्या कर रहे हैं।
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक किसान आत्महत्याओं में 42% की सालाना बढ़ोतरी हुई है।
इस अति दुष्कर तथा सोचनीय स्थिति में अब हमारा फर्ज बनता है कि हम सभी मिलकर अपने अन्नदाता को हिम्मत तथा हौसला दें, उसे शक्ति दें तथा उसके सभी कर्जों के निबटारे के बोझ से उसे मुक्त कर उसे सुख और शांति कि खुली हवा में सांस लेने दें।
मुक्तियाँ विश्व शांति, सुख, समृद्धि ट्रस्ट द्वारा विगत दस सालों से लोकहित, महिला सुरक्षा, सामाजिक उत्थान, समभाव और लोक स्वास्थ्य के लिये कार्य किया जा रहा है एवं बीमार व पीड़ित लोगों का निशुल्क उपचार भी किया जा रहा है और साथ ही दीन-हीन एवं गरीब लोगो की बेबसी, लाचारी और परेशानियो को भी दूर करने की कोशिश की जा रही है।
हमारे अन्नदाता को सुरक्षा, सम्मान और स्वतंत्रता के साथ अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए हमारे ट्रस्ट के किसानों के हित में निम्न सुझाव हैं।
इन सभी सुझावों पर अगर दृढ़ निश्चय तथा परोपकार की भावना से अन्नदाता के हित में कार्य किया जाये, तो निश्चित ही हम हमारे देश के किसानों को खुशहाल बनाकर अपना कर्तव्य निबाहेंगे।
इसके लिए अगर केन्द्रीय तथा राज्य सरकारें चाहेंगी, तो हमारे मुक्तियाँ ट्रस्ट द्वारा कार्य योजना बनाकर अन्नदाता के लिए हर तरह की मदद, सहयोग और सहायता प्रदान की जायेगी।
1. केन्द्रीय तथा राज्य सरकारों को चाहिए कि वे तत्काल प्रभाव से किसानों के लिए कृषि उपज बैंक की स्थापना करें तथा सभी किसानों को उन्नत किस्म का बीज इस बेंक के माध्यम से क्रेडिट पर उपलब्ध करवाया जाए तथा उसकी पूरी फसल को कृषि उपज बैंक में जमा कर लिया जाए. जब भी वह किसान अपने खाते से पैसे निकालना चाहेगा, उसे उसकी कृषि उपज बैंक में जमा फसल के उस समय के बाजार भाव से 70% मूल्य की गणना के आधार पर पैसे देकर उसकी खुद की जमा फसल के खाते से कटौती की जाये. इस कार्य में लोगो को उचित दर पर सामग्री मिले, इसके लिए अगर केन्द्रीय तथा राज्य सरकारें चाहें, तो मुक्तियाँ ट्रस्ट द्वारा कार्य योजना बनाकर मदद, सहयोग और सहायता प्रदान की जायेगी।
2. जिन खाद्य वस्तुयों की कमी होने की संभावना हो, उन खाद्य वस्तुओं को शासन अपनी जमीन पर किसानों को बोने के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर दे तथा उनको बीज और धन भी अग्रिम राशि के रूप में दे. इस पूरे कृषि उत्पादन को राज्य अपने नियंत्रित सुरक्षित भण्डार में रखे तथा इसे मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए उपयोग करे. इस शासकीय कृषि तथा भंडारण के लिए इच्छुक किसान तथा बेरोजगार नवयुवक अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. इस कार्य में लोगो को उचित दर पर सामग्री मिले, इसके लिए अगर केन्द्रीय तथा राज्य सरकारें चाहें, तो मुक्तियाँ ट्रस्ट द्वारा कार्य योजना बनाकर मदद, सहयोग और सहायता प्रदान की जायेगी।
3. सभी थोक व्यापारियों को बाजार भाव से 75% की दर पर अनाज आदि दिया जाएगा तथा सभी वस्तुओं का बाजार भाव शासन द्वारा नियंत्रित तथा संरक्षित किया जाएगा. इस कार्य में लोगो को उचित दर पर सामग्री मिले, इसके लिए अगर केन्द्रीय तथा राज्य सरकारें चाहें, तो मुक्तियाँ ट्रस्ट द्वारा कार्य योजना बनाकर मदद, सहयोग और सहायता प्रदान की जायेगी।
4. खेती के लिए रासायनिक खाद और कीटनाशक दवाइयों का प्रयोग पूरी तरह से बंद किया जाए. सभी गाँव और तहसील स्तर पर गोबर खाद और नीम-तुलसी आधारित कीट नाशक दवाइयों को बनाने और प्रदान करने के केंद्र खोले जायें।
5. प्रत्येक गाँव में सभी ग्राम वासियों की सभी समस्याओं का समाधान करने के लिए ग्रामसेवकों की नियुक्ति की जाये. ये सभी ग्रामसेवक ग्राम पंचायत के आधीन कार्य करें. इसके लिए लोक हित तथा जन सेवा के क्षेत्र में पिछले पांच साल से काम कर रहे ग्राम सेवकों की नियुक्ति की जाये. इसके लिए अगर केन्द्रीय तथा राज्य सरकारें चाहें, तो मुक्तियाँ ट्रस्ट द्वारा कार्य योजना बनाकर मदद, सहयोग और सहायता प्रदान की जायेगी।
6. जल संग्रहण के लिए हर जगह पर स्टॉप डेम बनाये जायेंगे तथा हर गाँव में पीने के लिए स्वच्छ पानी सुनिश्चित किया जाएगा. साथ ही हर हाथ को काम और हर परिवार को छत सुनिश्चित की जाये. इसके लिए अगर केन्द्रीय तथा राज्य सरकारें चाहें, तो मुक्तियाँ ट्रस्ट द्वारा कार्य योजना बनाकर मदद, सहयोग और सहायता प्रदान की जायेगी।
7. सभी वन क्षेत्र हमारी सभ्यता तथा मानवता को ढंकने तथा उसके पोषण के वस्त्र हैं. वन क्षेत्र कम होने से हम वस्त्रहीन अवस्था में पहुँच रहे हैं. इससे मानवता का नाश संभव है. अतः जंगलों को विकसित कर पेड़ लगाकर वन क्षेत्र को वर्तमान के 15% से 40% किया जाएगा. सभी संरक्षित वन क्षेत्रों में जंगली जानवरों को मारना गंभीर अपराध घोषित किया जाना चाहिए. इसके लिए अगर केन्द्रीय तथा राज्य सरकारें चाहें, तो मुक्तियाँ ट्रस्ट द्वारा कार्य योजना बनाकर मदद, सहयोग और सहायता प्रदान की जायेगी।
8. हर देश के प्रत्येक गाँव को अगले पांच साल में पक्की सड़क से जोड़ा जाना अनिवार्य हो.
9. हर देश के प्रत्येक गाँव में प्राथमिक स्कूल खोलने के लिए अगर केन्द्रीय तथा राज्य सरकारें चाहें, तो मुक्तियाँ ट्रस्ट द्वारा योजना बनाकर मदद, सहयोग और सहायता प्रदान की जायेगी।
10. दूध, खाने की सामग्री आदि में मिलावट करने से हजारों लोग और मासूम बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, जिससे वे सभी गंभीर बीमारियों के जाल में फंस जाते हैं. फिर उन लाखों लोगो का हर वर्ष घुट-घुट कर अत्यंत पीड़ादायक असमय मरण होता है. अतः हमारे देश में मिलावट करने को हत्या से भी ज्यादा बड़ा और गंभीरतम अपराध माना जाएगा तथा इसकी सजा सिर्फ मृत्यु दंड ही होगी. साथ ही ऐसे मिलावटी की पूरी संपत्ति को राजसात कर आगे से उसके परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी शासन की होगी।
आप सभी से मेरा यह नम्र निवेदन है कि अगर आप मेरी योजना से सहमत हैं तो मेरे इस प्रस्ताव को लाखों की संख्या में पूरे देश में शेयर करें, ताकि हमारे देश की सरकार भी बताये अनुसार योजनाबद्ध तरीके से हमारे किसानों के खुशहाल जीवन के लिए कदम उठा सके।
* काउंसलिंग –
किसी भी तरह की बीमारी, परेशानी, लाचारी, कठिनाई की निशुल्क काउंसलिंग तथा उचित समाधान हेतु कृपया आप उम्र, शिक्षा, बचपन से आज तक की बीमारी या परेशानी की हिस्ट्री, पसंद, नापसंद आदि जानकारी के साथ फेसबुक के muktiya के मेसेज बाक्स में लिखें या संपर्क करें : –
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