योगी सरकार में एक मात्र मुस्लिम मंत्री मोहसिन रज़ा पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। उन पर कब्रिस्तान की जमीन को गलत दस्तावेजों के आधार पर बेचने के आरोप लगे हैं।
विस्तार में आपकोे बता दें कि योगी सरकार में राज्य मंत्री मोहसिन रजा अकेले मुस्लिम मंत्री हैं। भाजपा ने उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनावों में किसी भी मुस्लिम कैंडिडेट को टिकिट नहीं दिया था। इसीलिए मुस्लिमों की नाराजगी दूर करने के लिए पार्टी को कुछ मुस्लिम चेहरे चाहिए थे जिसमें से कुछ को मंत्री बनाया जा सके उत्तरप्रदेश में कई बड़े मुस्लिम नेता हैं जो पार्टी के लिए बहुत कुछ कर रहे हैं लेकिन भाजपा ने सभी बड़े मुस्लिम चेहरों को दरकिनार कर मोहसिन रज़ा पर अपना विश्वास जताया और उन्हें अपने मंत्रिमंडल में जगह दी।
अब रज़ा पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। मोहसिन रज़ा पर कब्रों की बिक्री के आरोप लगाये गये हैं। यह आरोप शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने एक प्रेस वार्ता में दस्तावेज पेश करते हुए लगाये हैं। उन्होंने कहा कि सफीपुर, उन्नाव में वक्फ आलिया बेगम जो कि शिया वक्फ बोर्ड में वक्फनामे के आधार पर पंजीकृृत वक्फ है, जिसके मुतवल्ली मोहसिन रजा हैं, उसकी जमीनें बेची गयी हैं।
वसीम रिजवी ने आरोप लगाते हुए कहा कि मोहसिन रज़ा के खिलाफ हजरतगंज थाने में वर्ष-2016 में वक्फ के कागजात में बदलाव करने के सम्बन्ध में एक मुकदमा पंजीकृृत कराया गया था। परन्तु उनके मन्त्री बनने के पश्चात उक्त मुकदमे में वादी द्वारा शपथ-पत्र देकर यह कह दिया कि वह इस मुकदमे में आगे कोई कार्यवाही नहीं करना चाहते हैं और विवेचनाधिकारी द्वारा उस मुकदमे में फाइनल रिपोर्ट लगा दी गयी। वसीम रिजवी ने बताया कि बोर्ड ने 71 अन्य वक्फों की सूची मुख्यमन्त्री को सौंपी है और उनसे अनुरोध किया है कि वे किसी भी स्वतन्त्र एजेन्सी से निष्पक्ष जांच करा लें।
मोहसिन रजा पर आरोप है कि 2010 में पावर ऑफ अटॉर्नी अपनी मां जाहिदा बेगम के नाम करके जमीनें बेचीं। ये जमीनें उन्नाव के सफीपुर के मुख्य बाजार में हैं। यहां गौर करने वाल बात यह है कि मोहसिन रजा सफीपुर के ही रहने वाले हैं। सफीपुर में वक्फ की लगभग 505 गज जमीनें तीन बार में बेंची जहां अब दुकाने हैं।
मोहसिन रज़ा उत्तर प्रदेश के वक्फ व हज राज्यमंत्री हैं। इन आरोप से राजा कि मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। दरअसल, शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने का निर्णय लिया है। बोर्ड ने रजा और उनके भाइयों पर आरोप लगाया है कि उन लोगों ने मिलकर सफीपुर उन्नाव की वक्फ संपत्ति जिसमें कब्रिस्तान भी शामिल है, को तीन हिस्से करके गैरकानूनी ढंग से बेच डाला।
यह जानकारी गुरुवार की शाम लखनऊ में बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने प्रेस कांफ्रेंस कर दी। उन्होंने बताया कि मसरूर हुसैन नकवी ने इस मामले में शिकायत की थी। बोर्ड द्वारा जांच करवाई गई। जांच में शिकायत सही मिली। जो तथ्य सामने आए उनके मुताबिक वक्फ आलिया बेगम सफीपुर उन्नाव को मुतवल्ली मोहसिन रजा और उनके भाइयों ने अपनी माता को पावर आफ एटार्नी देकर तीन हिस्सों में बेच डाला गया। बेची गयी संपत्ति की रजिस्ट्री तीन हिस्सों में हुई।
पहली रजिस्ट्री वर्ष 2005 में, दूसरी 2006 और तीसरी 2011 में कराई गई। वसीम रिजवी के अनुसार बेची गयी वक्फ सम्पत्ति के एक खसरे में मोहसिन रजा के नाना-नानी और उनके माता-पिता की चार कब्रें भी हैं।
आपको बता दें कि कानून के अनुसार अगर किसी खसरे पर तीन से ज्यादा कब्रें हैं तो उसे कब्रिस्तान माना जाएगा इसलिए यह कब्रिस्तान को बेचे जाने का भी मामला है। उन्होंने बताया कि शिया वक्फ बोर्ड उन्नाव के जिलाधिकारी से बेची गई वक्फ सम्पत्ति पर कब्जा वापस लेगा।
अब इससे मोहसिन रज़ा की मुश्किलें जरूर बढ़ गयी हैं क्योंकि इसकी शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी की गयी है। वही रज़ा का कहना है कि शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी द्वारा लगाए गए आरोप झूठे और आधारहीन हैं। उन्होंने कहा कि सारा सच सीबीआई जांच में खुद ही सामने आ जाएगा।
खैर अगर निष्पक्ष जांच हुई तो हो सकता है कि मोहसिन रज़ा की मुश्किलें बढ़ जाएँ और उन पर कोई करवाई भी हो। क्योंकि एक न्यूज़ रिपोर्ट में उन दस्तावेजों को भी दिखाया गया जिनके आधार पर मोहसिन रज़ा ने जमीनों को बेचा।
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ख़बर 24 एक्सप्रेस