श्री शनि देव की महिमा अपरंपार है। श्री शनि देव की भक्ति की शक्ति सभी दुखों को दूर कर देती है। इंसान अपने जीवन में जाने अनजाने में बहुत सारे काम ऐसे कर जाता है जो सही और ना समाज उनको स्वीकार करता है तो शनि भगवान ऐसे इंसान पर अपनी दृष्टि डालकर उसको उसके किये कामों का आभास करवाते हैं।
श्री शनि देव की महिमा का गुणगान
ॐ शं शनैश्चराय नमः
ॐ श्री शनि देवाय नमः
ॐ श्री शनि भक्ति सेवाय नमः
ॐ सत्य श्री शनि सिद्धाय नमः
जय श्री शनि देव महाराज
कष्ट हरेंगे श्री शनि देव महाराज।
इनकी शरण जो आया,
खुद को अपने सभी पापों से मुक्त पाया।
श्री शनि देव जी की महिमा है निराली
जिसपर इन्होंने अपनी नज़र डाली
उसकी बंद क़िस्मत खोल डाली।।
रंक को राजा बना
अंधे को आँख
और कोड़ी को काया दे डाली।।
भक्तों की भक्ति
श्री शनि की माया
दुश्मनों की दुश्मनी दूर कर डाली।।
श्री शनि की महिमा है अपरम्पार
जिसने इनकी महिमा गाई
उसकी नैय्या भँवर से पार निकाली।।
तो सभी शनि भक्त जोर से बोलो
जय श्री शनि देव महाराज
आपकी जय जयकार हो।
श्री शनि देव हमको अपनी शरण में लें प्रभु।
हमारे पाप काटें.. हमारे सभी दोष दूर करें।
हमें चिंता मुक्त, भय मुक्त, दोष मुक्त करें।
श्री शनि देव, हम पापी आपकी शरण में आएं हैं, कृपया करके हमें अपनी शरण लगाइए प्रभु।
हमें सफलता का मार्ग दिखाइए प्रभु।
हमें अपनी कृपा का पात्र बनाइये प्रभु।
हमें भक्ति का मार्ग दिखाइए प्रभु।
अपनी लीला दिखाइये प्रभु, चमत्कारों से हमारे घर का अन्धकार दूर कीजिये प्रभु।
अपनी कृपा दृष्टि हम पर डालिये प्रभु।
बड़ी आस है
मन मेरा उदास है
हे जगत पिता श्री शनि प्रभु
आपकी कृपा के बिना
ये जीवन बेकार है।।
फ़ैलाकर बैठे हैं झोली अपनी
कृपा से भर दीजिये
यूँ मुंह मत मोड़िये प्रभु
हमसे मत यूँ रूठिये।।
हे सूर्य पुत्र
हे छाया नंदन
श्री शनि देव
कृपा हम पर कीजिये।।
आप तो हैं इस जग के राजा
सेवा का मौका तो दीजिये।।
कर सकूँ दिल से आपकी भक्ति
ख़ुशी के पल तो दीजिये।।
दुःख में सुमरिन मैं ना जानू
सुख में सुमरिन करने दीजिये।।
हे प्रभु आप ही तो हैं न्याय के दाता
हमें सफलता दीजिये।।
आप ही तो हैं इस श्रष्टि के रचियता
आप ही श्री ब्रह्मा श्री विष्णु, श्री महेश के रूप हैं
आपमे समाया है माँ सरस्वती का परम ज्ञान
माँ लक्ष्मी का धन, यश, वैभव, कीर्ति
माँ शक्ति की असीम शक्ति
हम पर कृपया कीजिये।।
आपके श्री चरणों में ही हैं मेरी खुशियां
उठा कर हाथ अपना मेरे सर पर रख दीजिये।।
कर सकूँ इन दुखों को दूर
इतनी कृपा मुझ मूरख पर कीजिये।।
गुनेहगार हूँ आपका प्रभु
इतनी सज़ा भी मत दीजिये।।
खड़ा ना हो सकूँ अपने पैरों पर
मेरा सहारा मत छिनिये।।
आपकी शरण में आया हूँ
मुझे यूँ खाली हाथ मत भेजिए।।
भर दीजिये झोली मेरी भी खुशियों से
अपने भक्त की भक्ति स्वीकार कीजिये।।
आया हूँ बड़ी दूर से मन में एक आस लेकर
यूँ निराश मुझे मत कीजिये।।
इस नीरस से जीवन में
थोड़ी सी खुशियां भर दीजिये।।
उद्धार मेरा कीजिये प्रभु, रो रहा अपने किये पर
पश्चाताप के आंसू, खून बनने से रोकिये।।
उठाओ हाथ आशीर्वाद का प्रभु
अब तो मेरी भक्ति से प्रसन्न होइए।।
हो रही बड़ी देर प्रभु
रास्ता इतना लंबा मत कीजिये।।
हूँ भक्त आपकी भक्ति का
अपनी भक्ति का आशीर्वाद मुझे दीजिये।।
सुबह शाम आऊँ आपके श्री चरणों में
मुझे ये आशीर्वाद भी दीजिये..।।
जाने अनजाने में दिल ना दुखे मुझसे किसी का
मेरे ऊपर ऐसी कृपा कीजिये।।
शांति समृद्धि हो इस संसार मे
सदबुद्धि सबको दीजिये।।
भर दीजिये मेरे अंदर भी थोड़ा ज्ञान का भण्डार
कृपा थोड़ी मुझपर कीजिये।।
ना सोच है, ना समझ मुझमें
मुझ नादान को सोचने समझने की शक्ति और
सदबुद्धि मुझको दीजिये।।
हे श्री शनि देव कीजिये मेरा उद्धार मेरे जीवन में आपार सफलता भर दीजिये।।
जय श्री शनि देव महाराज।
अपने भक्तो के ऊपर कृपा करें प्रभु।।
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मनीष कुमार
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