कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस कर्णन कहाँ है अब ये एक बड़ा सवाल बन रहा है, क्या वे खुद लापता हुए हैं या उनके साथ कोई अनहोनी हुई है।
आपको बता दें कि ये वही जस्टिस हैं जिन्होंने कई जजों के पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते हुए उस सब को सजा सुना दी थी। इसमें सुप्रीम कोर्ट के भी जज शामिल थे। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के जजों की एक बैंच ने जस्टिस कर्णन को ६ माह की सजा सुनाई।
अब जस्टिस सीएस कर्णन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से ‘लापता’ हैं। वह मंगलवार को तडक़े साढ़े 4 बजे कोलकाता स्थित अपने आवास से चेन्नई के लिए रवाना हुए थे। दोपहर में जस्टिस कर्णन चेन्नई पहुंचे लेकिन वहां पहुंचने के कुछ देर बाद ही वह ‘भूमिगत’ हो गए। इस समय कर्णन कहां है, इसके बारे में कुछ भी पता नहीं चल रहा है।
जस्टिस कर्णन बिधाननगर पुलिस की एक टीम के साथ एयरपोर्ट पहुंचे और सुबह 6:30 बजे इंडिगो की फ्लाइट से कोलकाता से चेन्नई के लिए निकले। इसके करीब 6 घंटे बाद सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस कर्णन को अदालत, न्यायिक प्रक्रिया और पूरी न्याय व्यवस्था की अवमानना का दोषी ठहराते हुए 6 महीने जेल की सजा सुनाई।
चेन्नई पहुंचने तक जस्टिस कर्णन को सुप्रीम कोर्ट के फैसले की जानकारी हो चुकी थी। फैसले के एक घंटे बाद वह चेन्नई के स्टेट गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत भी की और इंटरव्यू भी दिया। सूत्रों के मुताबिक, जस्टिस कर्णन अपने ग्रीनवेज रोड स्थित उस घर पर नहीं हैं जिसे वह कलकत्ता हाईकोर्ट में तबादले के एक साल बाद भी नहीं छोड़ा था। उनके साथ तैनात प्रोटोकॉल और सिक्यॉरिटी अफसरों को हटा दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी को कर्णन को शीघ्र कस्टडी में लेने और जेल भेजने का आदेश दिया है। इसके बाद डीजीपी ने बिधाननगर कमिश्नरेट को इस काम को अंजाम देने के लिए कहा है। दिलचस्प बात यह है कि डीजीपी के आदेश से कुछ घंटे पहले ही बिधानगर पुलिस ही कर्णन को एयरपोर्ट लेकर पहुंची थी।
कमिश्नरेट के एक सीनियर अफसर ने कहा, ‘हाईकोर्ट का सिटींग जज होने के नाते उन्हें पुलिस एस्कॉर्ट मिला हुआ है इसलिए उनकी कार को एयरपोर्ट तक एस्कॉर्ट कर हमने सिर्फ अपनी ड्यूटी निभाई है। हमें कैसे मालूम होता कि कुछ घंटे बाद ही हमें उन्हें गिरफ्तार करना होगा?’ सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के करीब एक घंटे बाद मंगलवार सुबह करीब 11:40 बजे बिधाननगर कमिश्नरेट के सीनियर अफसरों ने कोलकाता के न्यूटाउन एक्सटेंशन एरिया स्थित कर्णन के आवास पर अफसरों की एक टीम को भेजा लेकिन वहां ताला लगा हुआ था। अफसरों ने हाउसिंग कॉम्पलेक्स के रजिस्टर को चेक किया और पाया कि उस पर तडक़े पौने 5 बजे जस्टिस कर्णन की कार की एंट्री की गई थी।
सीनियर अफसरों का कहना है कि वे सुप्रीम कोर्ट के फाइनल ऑर्डर का इंतजार कर रहे हैं जो मंगलवार देर रात तक उनके पास नहीं पहुंचा था। हालांकि विभाग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि चेन्नई के अफसरों को सूचना देकर उनसे कर्णन कहां हैं, इसका पता लगाने में मदद की गुजारिश की गई है। कमिश्नरेट के एक सीनियर अफसर ने कहा, नियमों के मुताबिक जैसे ही उन्हें ऑर्डर की कॉपी मिलेगी, एक टीम को चेन्नई भेजी जाएगी जो चेन्नई पुलिस की मदद से कर्णन को कस्टडी में लेने की कोशिश करेगी। उन्हें कर्णन को कस्टडी में लेकर चेन्नई की अदालत में पेश करने की जरूरत होगी। वहां से ट्रांजिट रिमांड लेकर उन्हें सुप्रीम कोर्ट में पेश करना होगा।
इससे पहले इसी साल मार्च में पश्चिम बंगाल पुलिस के प्रमुख वॉरंट की तामील के लिए न्यू टाउन स्थित कर्णन के आवास पहुंचे थे। दरअसल तब सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना के मामले में कर्णन के खिलाफ वॉरंट जारी किया था और बंगाल पुलिस के प्रमुख को व्यक्तिगत तौर पर कर्णन के घर जाकर वॉरंट तामील कराने का आदेश दिया था।