आजकल अरविन्द केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर जोक बनाना लोगों की रोज की दिनचर्या बन गया है। इसे देखकर तो यही लगता है कि सबके अच्छे दिन आ गए हैं और लोगों के पास इसके अलावा कुछ करने के लिए बचा नहीं है, अब लोगों के लिए सबसे बड़ा काम यही है कि सुबह उठो, आम आदमी पार्टी और अरविन्द केजरीवाल पर जोक बनाओ और फिर इनको फैलाओ।
देखकर तो यही लग रहा है।
लेकिन इसकी शुरुवात कहाँ से होती है उसको मैं थोड़ा सही किये देता हूँ। इसकी शुरुवात होती है भारतीय प्रधानमंत्री मोदी जी की पीएआर कंपनी से, ये वही पीएआर कंपनी है जो साल 2006 में गुजरात के इन्वेस्टर्स मीट में आयी थी। इसी कंपनी ने गुजरात में इन्वेस्टमेंट के लिए काफी काम किये थे। ये कंपनी अमेरिका की है और इस कंपनी ने दुनिया के बड़े-बड़े दिग्गजों के लिए काम किया है या यूँ कहें कि उनकी प्रोफाइल को सजाया संवारा है। नेगेटिव को पॉजिटिव कैसे बनाया जाये ये काम इन्हीं जैसी संस्थाओं का होता है। एप्को नाम की ये संस्था यही करती है। मोदी जी जब गुजरात के सीएम थे तब से ये संस्था मोदी जी के लिए काम कर रही है और अब मोदी जी के साथ बहुत सारे पीएआर वर्कर जुड़े हुए हैं।
इन सभी का काम मोदी जी और उनकी नीतियों का प्रचार प्रसार करना है जो आम लोगों तक पहुंचाया जा सके।
खैर हम बात अरविन्द केजरीवाल की कर रहे हैं। अरविन्द केजरीवाल की पार्टी को आये हुए अभी 4 साल हुए हैं। इसकी शुरुवात अन्ना के आंदोलन के साथ हुई थी। अरविन्द केजरीवाल को लोगों ने हाथों हाथ लिया और यही कारण थे कि दिल्ली के असेम्बली इलेक्शन में वो सब कर दिखाया जो कोई ना कर सका। इसके बाद लोक सभा चुनावों में पंजाब से 4 सीट जीतना भी बड़ी उपलब्धि थी। मात्र 4 साल पुरानी पार्टी ने पूरे देश में अपना परचम लहरा दिया आप खुद सोचें कि सालों पुरानी पार्टी जो ना कर पायीं वो अरविन्द केजरीवाल की पार्टी ने कर दिखाया, अरविन्द केजरीवाल पर आरोप भी लगे कि उन्हें फोर्ड फाउंडेशन ने पैसा दिया बड़े बड़े उद्धोगपतियों ने पैसा लगाया, हो सकता है लगाया हो या उन्होंने चन्दा लेने के लिए नए-नए तरीके निकाले हों लेकिन क्या आपने ये सोचा है बाकी पार्टियां कहाँ से पैसा लाती हैं या बनाती हैं। लोगों को सिर्फ अरविन्द केजरीवाल दिखता है बिलकुल वैसे ही जैसे अरविन्द केजरीवाल ने हमारे घर पर डांका डाल दिया हो और हमारे सारे माल पर हाथ साफ कर दिया हो।
अभी हाल ही में केजरीवाल की पार्टी ने पंजाब और दिल्ली में चुनाव लड़ा लोगों ने इसको लेकर भी उनकी खूब आलोचना की तो आपको बता दूं कि अरविन्द केजरीवाल ने पंजाब में पहली बार असेम्बली इलेक्शन लड़े और वो 18 सीटों के साथ तीसरे नं0 पर आये, कई पार्टियां वहां कई सालों से चुनाव लड़ रही हैं लेकिन इतनी सीट नहीं आयीं नेशनल पार्टी भाजपा भी उसमें से एक है।
दिल्ली के एमसीडी इलेक्शन में अरविन्द को लोगों ने आड़े हाथों लिया लेकिन यहाँ भी पहली बार एमसीडी इलेक्शन लड़ रहे अरविन्द ने 270 सीटों में से 49 सीट जीत कर दूसरे नं0 पर रहे और अपनी अच्छी खासी उपस्थिति दर्ज करवा दी।
आपको सबसे बाड़ी बात और बता दूं कि अरविन्द केजरीवाल या राहुल गांधी पर बने जोक सब पीएआर कंपनी के देन होते हैं, जो हमारे मोबाइल या फेसबुक पर आते हैं और उन्ही को हम आगे फॉरवर्ड करके अपना देशधर्म निभा देते हैं। किसी के लिए भी नफरत के बीज अपने मन में बोना बड़ा आसान है। लेकिन उसकी सच्चाई की तह तक जाना उतना ही मुश्किल।
हम आजतक अच्छे दिनों का मजा नहीं ले पाएं, लेकिन फिर भी अच्छे दिनों में जी रहे हैं ठीक वैसे ही अरविन्द केजरीवाल भी अच्छा काम कर रहे हैं जैसे पीएम मोदी। अगर केजरीवाल गलत करते हैं तो मुझे सही करें और पीएम मोदी ने देश के लिए ऐसा कुछ किया हो जिससे देश बहुत आगे चला गया हो या लोगों को बहुत बड़ा फायदा हुआ हो तो कृपया वो भी बता दें।
अब आखिर में
अरविन्द केजरीवाल अपनी राजनीति चमकाने के लिए मोदी को निशाना बनाते हैं। क्योंकि उन्हें शायद लगता है कि मोदी को निशाना बना कर सुर्खियों में आसानी से बना रहा जा सकता है और मोदी जी अरविन्द पर निशाना बना कर हम लोगों को व्यस्त रखते हैं ताकि हम कोई भी सवाल जबाव ना कर सकें।
यही नेतागिरी है जो ये लोग कर रहे हैं और हम भेड़चाल में लगे सिर्फ तारे गिन रहे हैं जिस दिन गिनती पूरी, उस दिन सारा ब्रह्मांड हमारा और हम अच्छे दिनों के साथ विश्वविजेता।
तो थोड़ा रुको तारों को तो गिनने दो, अभी तो मात्र 3 साल हुए हैं और आप 60 सालों के तारे गिनने का हिसाब मांग रहे हैं, बड़े बेहूदा आदमी हो, आप देशद्रोही हो, पाकिस्तान चले जाओ, सब्र नहीं कर सकते थोड़ा।… अभी तो थोड़ा सा आसमान नापा है ज़रा 50-60 साल होने दो आसमान को नपने दो..। कांग्रेस को आपने 70 साल दे दिए देश लूटने को तो क्या हमें थोड़ा भी वक़्त नहीं देंगे, अब मौका मिला है तो हमें भी ज़रा 10-20 साल देखने का हक़ है कि नहीं, बोलो है कि नहीं।
……. बात करते हैं अच्छे दिनों की….।
***(नोट: इस लेख में लिखी गईं सभी बातें मनीष कुमार की निजी सोच है ख़बर 24 एक्सप्रेस चैनल या पोर्टल का इससे कोई लेना देना नहीं है।***)
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मनीष कुमार
Very well said Manish ji good going keep it I am totally agree with you
Manish G aapne to sabko dho daala kya baat hai boss bahut hi shandar likha hai
Is party ke haqeeqat bayan kar de aap ne kiya pani me duba duna kar Mara h manish ji aap ne super work andh bhaqto aab to ankh khol lo agar is desh ka bhala chahate ho agar nahi to lage raho in hi achhe dino me our li jao is desh ko gart me !
Manish Sir mera naam Dinesh Sharma hai or Main kehna chahta hu ki is rajniti ne desh ka bura haal kar diya hai lekin log fir bhi apni aakhe kholne ko taiyar nahi hai, aap jaise patrakar bhi iske shikar ho rahe hai ye desh ka sabse dukhad samay chal raha hai, lekin is post ke liye Manish Sir aapko badhayi
हमारे अपने देश के नागरिकों के प्रति आज के इस घृणा और आरोप-प्रत्यारोप के माहोल में मनीषजी का यह लेख एक सुखद ठंडक का एहसास करवा रहा है. हमारे मीडिया के रंगमंच में हर समय हो रहे तरह-तरह के नाटक में पक्ष या विपक्ष के सभी पात्रों के मुँह में एक सूत्रधार या डायरेक्टर ही शब्द डाल रहा है या डालने पर मजबूर कर रहा है. अतः मीडिया के इस नाटक को सत्य समझने की भूल नहीं करे और इस महान देश में प्रेम-मोहब्बत तथा सौहाद्र बनाये रखें.
Is situation me hur party ek dusre par aarop karengi….swabhavik Hai, Lekin joo log bjp k fevor k Hai agar Woh bhi akele me(q k publicly nahi maanengey) analysis kare to paayenge k Kejriwal ki rajniti kisi jaat, sampradaikata Ka sahara liye bina kaam karti Hai aur unki niyat bhi wahi Hai. Bagair jaat pat ko aadhar banaye kaha ek bhi seat bjp jeet nahi sakti waha itni seats jitna apne aap me ek bahetarin uplabdhi hi nahi balki ek shaandaar ummid Hai nafrat ki rajniti k khilaaf….
Manish ji aapke takleef samaz nahi aaye.
Modi ji ko kejriwal se compare kar rahe ho.
??????
अरविन्द केजरीवाल अपनी राजनीति चमकाने के लिए मोदी को निशाना बनाते हैं। क्योंकि उन्हें शायद लगता है कि मोदी को निशाना बना कर सुर्खियों में आसानी से बना रहा जा सकता है और मोदी जी अरविन्द पर निशाना बना कर हम लोगों को व्यस्त रखते हैं ताकि हम कोई भी सवाल जबाव ना कर सकें।
यही नेतागिरी है जो ये लोग कर रहे हैं और हम भेड़चाल में लगे सिर्फ तारे गिन रहे हैं जिस दिन गिनती पूरी, उस दिन सारा ब्रह्मांड हमारा और हम अच्छे दिनों के साथ विश्वविजेता।
तो थोड़ा रुको तारों को तो गिनने दो, अभी तो मात्र 3 साल हुए हैं और आप 60 सालों के तारे गिनने का हिसाब मांग रहे हैं, बड़े बेहूदा आदमी हो, आप देशद्रोही हो, पाकिस्तान चले जाओ, सब्र नहीं कर सकते थोड़ा।… अभी तो थोड़ा सा आसमान नापा है ज़रा 50-60 साल होने दो आसमान को नपने दो..। कांग्रेस को आपने 70 साल दे दिए देश लूटने को तो क्या हमें थोड़ा भी वक़्त नहीं देंगे, अब मौका मिला है तो हमें भी ज़रा 10-20 साल देखने का हक़ है कि नहीं, बोलो है कि नहीं।
……. बात करते हैं अच्छे दिनों की….।
Ye aapki bat ka jabaw hai Shayad aap Manish sir ka poora nahi pare
This is really true. People must know and accept the reality.