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Zafarabad, Jaunpur में रूह कंपा देने वाला हत्याकांड: चीखते रहे मां-बाप, बेटे ने आरी से छह टुकड़ों में काटकर दो नदियों में फेंके शव

Crime Report | Zishan Alam | जफराबाद, जौनपुर


उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से सामने आई यह वारदात सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि रिश्तों के खून से लिखा गया ऐसा काला अध्याय है, जिसे पढ़कर और सुनकर किसी की भी रूह कांप जाए।

कलयुग में रिश्तों की जो तस्वीर सामने आ रही है, वह डराने वाली है। मां-बाप, जिन्होंने नौ महीने कोख में रखा, जीवन भर पाल-पोसकर बड़ा किया… वही माता-पिता अपने ही बेटे के हाथों तड़प-तड़प कर मारे गए।

पैसों और प्रॉपर्टी के विवाद में हैवान बना बेटा

जौनपुर जिले के जफराबाद थाना क्षेत्र के अहमदपुर गांव निवासी अम्बेश कुमार (37) ने 8 दिसंबर की रात इंसानियत की सारी हदें पार कर दीं। प्रॉपर्टी और पैसों के विवाद में उसने पहले अपनी मां बबिता देवी (60) और फिर पिता श्यामलाल (62) की बेरहमी से हत्या कर दी। लेकिन इस हैवानियत की कहानी यहीं खत्म नहीं हुई।

सिलबट्टे से हमला, फिर आरी से शवों के किए टुकड़े

पुलिस पूछताछ में अम्बेश कुमार ने जो खुलासे किए, वे रोंगटे खड़े कर देने वाले हैं। आरोपी ने बताया कि उसने पहले रसोई में रखे सिलबट्टे से मां के सिर पर वार किया, फिर पिता पर हमला किया। दोनों जब जमीन पर गिर पड़े, तब भी उसका गुस्सा शांत नहीं हुआ। इसके बाद वह घर के बेसमेंट में गया और वहां से आरी लेकर आया।

आरोपी ने मां और पिता दोनों के शवों को तीन-तीन हिस्सों में काटा। एक हिस्सा सिर से सीने तक, दूसरा सीने से घुटनों तक और तीसरा घुटनों से पैरों तक। पुलिस के अनुसार, आरी से काटते वक्त मां-बाप चीखते रहे। मां को तड़पते देख पिता श्यामलाल चिल्ला रहे थे, लेकिन हैवान बेटे के सिर पर खून सवार था उसे मां बाप की चीखें सुनाई नहीं से रही थीं।

पिता अपनी पत्नी को मारता देख रहे थे तो वे तड़प रहे थे तो हैवान बेटे ने पिता के गले में रस्सी बांध दी, जिससे उनकी सांसें थम गईं। और थम गई उनकी दर्दभरी चीखें।

सबूत मिटाने की खौफनाक साजिश

हत्या के बाद अम्बेश कुमार ने शवों के छह टुकड़ों को प्लास्टिक की बोरियों में भरा और कार की डिक्की में रख दिया। घर में फैले खून को साफ किया, कपड़े धोए और सबूत मिटाने की पूरी कोशिश की। तड़के चार से पांच बजे के बीच वह कार से शवों को लेकर निकला।

घर से करीब आठ किलोमीटर दूर गोमती नदी के बेलाव घाट पर पिता के शव के टुकड़े फेंके गए, जबकि मां के शव के टुकड़े जलालपुर में सई नदी में फेंके गए। बाद में सई नदी में मां का एक पैर उतराता मिला, जिससे पूरे इलाके में सनसनी फैल गई।

पुलिस ने क्या बताया

एएसपी सिटी आयुष श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपी की निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल किया गया सिलबट्टा और आरी बरामद कर ली गई है। सिलबट्टा रसोई से और आरी मकान के बेसमेंट में चल रहे कार्यस्थल से लाई गई थी। आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।

शादी, दबाव और पैसों की भूख

पुलिस जांच में सामने आया है कि अम्बेश कुमार ने लॉकडाउन के दौरान कोलकाता की रहने वाली मुस्लिम युवती सहजिया से प्रेम विवाह किया था, जो वहां ब्यूटी पार्लर चलाती है। परिवार इस शादी से खुश नहीं था और पत्नी को बहू के रूप में स्वीकार नहीं कर रहा था। माता-पिता अम्बेश पर तलाक का दबाव बना रहे थे, जबकि पत्नी पैसों और प्रॉपर्टी के लिए उसे उकसाती थी।

आरोपी पिता से लगातार पैसों की मांग करता था, लेकिन पिता रुपये देने को तैयार नहीं थे। इसी बात को लेकर आए दिन घर में विवाद होता था, जो आखिरकार इस खौफनाक हत्याकांड में बदल गया।

एक बार फिर पूरा मामला आपको बता देते हैं

दरअसल, 65 साल के श्याम बहादुर अपनी 63 साल की पत्नी बबिता के साथ अहमदपुर गांव में रहते थे। श्याम बहादुर की 3 बेटी और एक बेटा था। बेटा अम्बेश अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ कोलकाता में रहता था।

जानकारी के अनुसार आए दिन अम्बेश का माता- पिता से विवाद होता रहता था। पैसे और ज़मीन की बात को लेकर उसकी अनबन होती रहती थी। इसी दौरान बेटी वंदना ने पिता को फोन मिलाया तो उसकी बात नहीं सकी। कई बार फ़ोन मिलाने पर भी कुछ पता नहीं चला। भाई को भी फ़ोन मिलाया तो पता नहीं चला।

13 दिसंबर को जफराबाद थाने पर वंदना द्वारा उसके माता- पिता और भाई की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई जाती है। वंदना द्वारा बताया जाता है कि उसके माता – पिता घर पर नहीं हैं और भाई भी गायब है। पुलिस इस मामले में छानबीन में जुट जाती है।

पुलिस द्वारा 15 दिसंबर को अम्बेश बरामद किया जाता है। अपर पुलिस अधीक्षक नगर आयुष श्रीवास्तव द्वारा जानकारी दी जाती है कि पारिवारिक और पैसे की विवाद को लेकर 8 दिसंबर की रात में अम्बेश द्वारा माता-पिता के सिर पर प्रहार कर मौत के घाट उतार दिया गया था। इसके बाद अंबेश ने शव को बोरे में भरकर ठिकाने लगा दिया था।

पुलिस पूछताछ में सामने आया कि घर से 7 किलोमीटर दूर बेलाव पुल से दोनों शव को नदी में फेंक दिया गया। पुलिस द्वारा सर्च ऑपरेशन चला कर शव की बरामदगी का प्रयास किया जा रहा है। वहीं माता-पिता की डबल मर्डर की घटना से इलाके में चर्चा है कि आखिर ऐसी क्या पारिवारिक वजह थी जिसके चलते बेटे द्वारा घटना को अंजाम दिया गया है।

समाज को झकझोर देने वाला सवाल

यह घटना सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है। क्या बेटा और बहू पैसों के लालच में इतने अंधे हो सकते हैं कि अपने ही मां-बाप की बेरहमी से हत्या कर दें? जिसने जन्म दिया, पाला-पोसा, उसी को तड़पा-तड़पा कर मार देना—क्या इससे बड़ी हैवानियत कोई हो सकती है?

कड़ी से कड़ी सजा की मांग

इस दर्दनाक हत्याकांड ने लोगों के दिलों में आक्रोश भर दिया है। इलाके में हर जुबान पर एक ही बात है—ऐसे बेटे और बहू को कानून की ओर से कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी रिश्तों को यूं खून से रंगने की हिम्मत न कर सके।


नोट: यह रिपोर्ट पुलिस जांच और आधिकारिक बयानों पर आधारित है। आरोपी के दोषी या निर्दोष होने का अंतिम फैसला न्यायालय करेगा।

Crime Report | Zishan Alam | जफराबाद, जौनपुर


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