आखिरकार भाजपा के लिए वो दिन आ ही गया जिसके लिए वो 943 दिन से इंतजार रही थी। यानि भाजपा का ऑपरेशन लोटस सफल हुआ।
कभी शिवसेना और भाजपा एक दूसरे के पूरक होते थे। लेकिन कहते हैं न कि राजनीति में न कोई सगा होता है और न ही कोई दुश्मन। ऐसा इसलिए क्योंकि एक वक्त ऐसा भी था जब शिवसेना का एनसीपी और कांग्रेस से 36 का आंकड़ा था। लेकिन जब बात पद और कुर्सी की आई तो दुश्मन भी दोस्त बन बैठे। लेकिन भाजपा को यह बात हजम नहीं हुई।
जब से महाआघाड़ी सरकार बनी यानि कांग्रेस, शिवसेना, एनसीपी गठबंधन की सरकार बनी तभी से भाजपा अपने काम पर लग गई थी। भाजपा इन 943 दिनों में हर दिन शिवसेना के ऊपर हावी रही वहीं बीच-बीच में विधायकों को भी तोड़ने की कोशिशें होती रही लेकिन कामयाबी नहीं मिली। यहां तक कि भाजपा ने कंगना रनौत जैसी एक्ट्रेस का सहारा लिया। सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या को शिवसेना का षडयंत्र बताया। लेकिन फिर भी बात न बनीं।
असली कामयाबी मिली तब जब भाजपा की ईडी, सीबीआई ने मोर्चा संभाला। शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी नेताओं के यहां ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू की। पुराने मामलों में नेताओं की अब गिरफ्तारी हुई। ईडी ने शिवसेना को तोड़ने की जबरदस्त कोशिश की जिसमें वो कामयाब भी रही।
और आज भाजपा के लिए वो खुशी का दिन आ ही गया जब उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट से पहले ही अपना इस्तीफा दे दिया।
शिवसेना भाजपा के ऊपर संविधान के दुरुपयोग का आरोप लगाती रही लेकिन इन आरोपों को लेकर शिवसेना जाती कहां। जहां जाती वहां भाजपा का कब्जा था।
खैर अब जब सरकार गिर ही गई है तो देवेंद्र फडणवीस की ताजपोशी का रास्ता साफ हो गया है। भले फडणवीस की ताजपोशी हो जाए लेकिन यह ताज उनके लिए भी कांटों भरा हो रहेगा।
अब देखना यह है कि फडणवीस बचे हुए साल पूरे कर पाते हैं या नहीं। यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। शिवसैनिक हैं दंगल भी करेंगे।
Exclusive Article : Manish Kumar Ankur