Breaking News
BigRoz Big Roz
Home / Breaking News / आखिर भारत को क्यों करनी पड़ी तालिबान के साथ राजनीतिक मुलाकात? इसके मायने क्या हैं?

आखिर भारत को क्यों करनी पड़ी तालिबान के साथ राजनीतिक मुलाकात? इसके मायने क्या हैं?

.

.

.

भारत और तालिबान बीच आज पहली औपचारिक राजनीतिक मुलाकात हुई। इस राजनीतिक मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं।

.

.

कतर में भारत और तालिबान के बीच पहला औपचारिक संपर्क हुआ है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, कतर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने पहली बार तालिबान के नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्टानेकजई से मुलाकात की। बताया गया है कि इस मुलाकात का अनुरोध तालिबान की ओर से ही किया गया था। स्टानेकजई इस वक्त कतर में स्थित तालिबान को राजनीतिक दफ्तर के प्रमुख हैं। 

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि तालिबान नेता और भारतीय राजदूत के बीच अफगानिस्तान में मौजूदा समय में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और उनके जल्द से जल्द भारत लौटने पर चर्चा हुई। ऐसे अफगान नागरिक, खासकर अल्पसंख्यक जो कि भारत जाना चाहते हों, उन्हें लेकर भी भारत ने बात की। 

इसके अलावा भारत के राजदूत ने अफगानिस्तान की जमीं को भारत के खिलाफ या आतंकवाद के लिए इस्तेमाल किए जाने पर भी चिंता जाहिर की। हालांकि, तालिबान प्रतिनिधि ने उन्हें सभी मुद्दों पर आश्वासन दिया और कहा कि इन्हें सकारात्मक ढंग से सुलझाया जाएगा।

.

.

.

.

गौरतलब है कि मोहम्मद अब्बास स्टानेकजई का नाम तालिबान के वरिष्ठ नेताओं में गिना जाता है। उसके भारत से भी संबंध रहे हैं। बताया जाता है कि शेर मोहम्मद अब्बास स्टानेकजई देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) के 1982 बैच में रह चुका है। यहां सहपाठी उन्हें  ‘शेरू’ कह कर बुलाते थे। जब वह आईएमए में भगत बटालियन की केरेन कंपनी में शामिल हुआ था तब उसकी उम्र 20 साल के करीब थी। उसके साथ  44 अन्य विदेशी कैडेट भी इस बटालियन का हिस्सा थे। 

बता दें कि अफगानिस्तान में स्थिति को लेकर भारत और कतर लगातार संपर्क में रहे हैं। संघर्ष समाधान के लिए कतर के विशेष राजदूत मुतलक बिन माजिद अल-कहतानी इसी महीने की शुरुआत में नई दिल्ली आए थे। उन्होंने भारत को अफगानिस्तान के हालात पर चर्चा के लिए कतर बुलाया था। बता दें कि तालिबान का इकलौता राजनीतिक दफ्तर 2013 से कतर में ही है। कतर के दोहा में ही तालिबान, अफगान सरकार और अमेरिका के बीच अफगानिस्तान में सत्ता समझौते को लेकर बातचीत हुई थी। 

.

Check Also

Nagpur Violence पर बड़ा खुलासा, इस प्लानिंग के साथ आए थे दंगाई

नागपुर की हिंसा इस कदर हिंसक रूप धारण कर लेगी किसी ने सोचा तक नहीं …

Leave a Reply