इस दिवस पर स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी अपनी ज्ञान कविता के माध्यम से इस प्रकार कहते है कि
प्रत्येक वर्ष 30 जून को अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस यानी World Asteroid Day के रूप में भी जाना जाता है।इस दिवस को 30 जून 1908 को रूस के साइबेरिया में तुंगुस्का नदी के पास हुए सबसे बड़े दर्ज एस्टेरॉयड घटना की वर्षगांठ के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है।इस दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य हमारे ब्रह्मांड के निर्माण में क्षुद्रग्रहों की क्या ओर कैसे भूमिका रही,ये ज्ञान विज्ञान के बारे में जन जागरूकता को बढ़ाना है।
पृथ्वी को क्षुद्रग्रहों के प्रभाव से बचाने के लिए विश्व क्षुद्रग्रह दिवस एक विश्व जनज्ञान जाग्रति आंदोलन है। लोगों को क्षुद्रग्रहों के बारे में जागरुक करने के लिए आज के दिन सारे संसार भर में अनेको कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।जिसमें लोगों को भविष्य में क्षुद्रग्रहों के संसाधनों का उपयोग कैसे किया जाए,इस सम्बन्धित ज्ञान विज्ञान की नई खोजे बताई दिखाई समझाई जाती है।ताकि लोगो की पता चले कि क्षुद्रग्रह भविष्य की खोज का मार्ग कैसे प्रदान करते हैं।यही विषय इस अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस का मुख्य उद्देश्य हैं।
जिस पर स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी की ज्ञान कविता इस प्रकार से है कि,
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी