हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्र की शुरुआत आज मंगलवार से होगी। 21 अप्रैल को रामनवमी मनाई जाएगी। नवरात्रि का परायण 22 अप्रैल को होगा। इस बार नवरात्र में अमृत सिद्धि योग बन रहा है।
वहीं, नवरात्रि की पूर्व संध्या से ही रावतभाटा के मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गईं। मंदिर की साफ-सफाई कर फूल माला और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया है। पिक्चर हॉल चौराहे पर स्थित मां अंबे का मंदिर ,नीचे बाजार अनोखी राज हनुमान मंदिर, एनटीसी कॉलोनी मुक्तेश्वर महादेव मंदिर समेत शहर के अन्य मंदिरों में सुबह से ही साफ-सफाई की गई।
इस दौरान मंदिर को सजाकर भव्य रूप दिया गया। ज्योतिषाचार्य सतीश शर्मा ने बताया कि नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा करने का अधिक महत्व है। मां दुर्गा की पूजा करने से सारे काम और मनोकामना पूरी होती हैं।
कलश स्थापना मुहूर्त
मेष लग्न (चर लग्न) :- सुबह 6:02 से 7:38 बजे तक।
वृषभ लग्न (स्थिर लग्न) :- सुबह 7:38 से 9:34 बजे तक।
अभिजित मुहूर्त :- सुबह 11:55 से दोपहर 12:43 बजे तक।
सिंह लग्न (स्थिर लग्न) :- दोपहर 14:07 से शाम 16:25 बजे तक।
ऐसे करें कलश स्थापना
कलश स्थापना के दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए। स्नान आदि कर साफ कपड़े पहन लें। इसके बाद मंदिर को अच्छे से साफ करें और एक लकड़ी का फटा लें और उस पर लाल या सफेद रंग का कपड़ा बिछाएं। कपड़े पर चावल रखकर मिट्टी के बर्तन में जौ बो दें। इसी बर्तन के ऊपर जल का कलश रखें। इस कलश में स्वास्तिक बनाएं। फिर कलावा बांध दें। कलश में सुपारी, सिक्का और अक्षत जरूर डालें। कलश पर अशोक के पत्ते रखें। साथ ही एक नारियल को चुनरी से लपेट कर कलावा बांध दें। फिर मां दुर्गा का आह्वान करें और दीप जलाकर कलश की पूजा करें।
बाजारों में रही रौनक
सोमवार को पूजन सामग्री खरीदने वालों से शहर के बाजारों में रौनक देखने को मिली। माता के भक्तों ने मां के लिए लाल चुनरी, कुमकुम, मिट्टी का पात्र, जौ, साफ की हुई मिट्टी, तांबा, पीतल, मिट्टी का कलश, लाल सूत्र आदि पूज सामग्री की खरीदारी की।
ब्यूरो रिपोर्ट : हरिमोहन राठौड़