बता रहें है स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी
फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का व्रत किया जाता है।ज्योतिष धर्म शास्त्रों के अनुसार चतुर्दशी तिथि 12 मार्च दोपहर 3 बजकर 3 मिनट तक ही रहेगी। इस बार चतुर्दशी तिथि में रात्रि का समय 11 मार्च ही रहेगा और वैसे भी शिवरात्रि में रात के समय चतुर्दशी तिथि का अधिक महत्व होता है । क्योंकि शिवरात्रि का अर्थ ही है शिव की रात्रि और चतुर्दशी तिथि पूरी रात रहेगी। इस कारण महाशिवरात्रि का व्रत 11 मार्च को किया जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा से व्यक्ति को विशेष फलों की प्राप्ति होती है।
मैं अनेक ज्ञान लेखों मेबता चुका हूं कि,शिव का अर्थ है-शव यानी आपका शरीर ई जो आत्मीक ऊर्जा यानी कुंडलिनी जाग्रति से जाग्रत हो,वही शिव है।और रात्रि मतलब है-अंधकार अज्ञान माया।ओर जो इस माया अंधकार अज्ञान के घेरे को अपने जप तप दान तपस्या के बल से तोड़ कर जागता है,वही शिवरात्रि को आत्मस्वरूप यानी आत्मसाक्षात्कार को प्राप्त होता है।
यो चतुर्दशी यानी चौदह प्रकार के विकारों को अपने ज्ञान से वशीभूत करके अमावस्या यानी पन्द्रहवें दिन अपने सुकारों के आत्मप्रकाश से देदीप्यमान होकर जाग्रत होता है,वही शिव है।यही ज्ञान की भक्ति को करनेवाला मनुष्य ही शिव भक्त कहलाता है।न कि वैसे ही व्रत रखने से कोई लाभ होने वाला है।व्रत का अर्थ ही संकल्प है कि,आज मैं इतना जप तप दान करते हुए सेवा और धर्म के सच्चे पथ पर चलूंगा।वही सच्चा व्रत करने वाला ही शिवभक्त है।यो यही करो और सत्य को प्राप्त हो।
ये शिवत्त्व की प्राप्ति रेहीक्रियायोग करने से अवश्य ही प्राप्त होती है।
ओर ज्योतिषीय योग में महाशिवरात्रि को बन रहे हैं दुर्लभ योग:-
11 मार्च सुबह 9 बजकर 24 मिनट तक शिव योग रहेगा
उसके बाद सिद्ध योग लग जायेगा। जो कि 12 मार्च प्रातः 8 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। शिव योग में किए गए सभी इष्ट ओर गुरु मंत्र शुभफलदायक होते हैं | इसके साथ ही रात 9 बजकर 45 मिनट तक धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा।
महाशिवरात्रि तिथि- 11 मार्च 2021 तक है
महानिशा काल: – 11 मर्च रात 11 बजकर 44 मिनट से रात 12 बजकर 33 मिनट तक रहेगा।
महाकाल यानी काल से परे की पूजा मुहूर्त :- 11 मार्च देर रात 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा।
अवधि-48 मिनट तक है।
महाशिवरात्रि पारण मुहूर्त :-12 मार्च सुबह 6 बजकर 36 मिनट 6 सेकंड से दोपहर 3 बजकर 4 मिनट 32 सेकंड तक है।
चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ:- 11 मार्च को दोपहर 2 बजकर 39 मिनट से प्रारम्भ होगी।
चतुर्दशी तिथि समाप्त:- 12 मार्च दोपहर 3 बजकर 3 मिनट तक रहेगी।
यो सभी अपने घर पर रेहीक्रियायोग ओर यज्ञानुष्ठान करते गुरु मन्त्र का जप करें।
विशेष:-कल आश्रम में दो बजे दोपहर से 4 बजे तक यज्ञ किया जाएगा,जो भक्त आकर यज्ञ करने में सम्मलित होना चाहे,वे इस समय आकर यज्ञ में शामिल होकर जपतप कर पुण्य कमा सकते है।
गुरु मन्त्र काटे,सभी दुख तंत्र।
सिद्धि दे शीघ्र,फलदायी बने तनयंत्र।।
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी
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