संयुक्त राष्ट्र बाल कोष यानी यूनाइटेड नेशन्स चिल्ड्रेंस फंड, लघुनाम:यूनीसेफ की स्थापना का शुरुवाती उद्देश्य द्वितीय विश्व युद्ध में नष्ट हुए राष्ट्रों के अनाथ असहाय बच्चों को खाना और स्वास्थ्य सेवाएं जीवन उपयोगी शिक्षा आदि को उपलब्ध कराना था। इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने 11 दिसंबर 1946 को की थी।सन 1953 में यूनीसेफ, संयुक्त राष्ट्र का स्थाई सदस्य बन गया। उस समय इसका नाम यूनाइटेड नेशंस इंटरनेशनल चिल्ड्रेंस फंड की जगह यूनाइटेड नेशन्स चिल्ड्रेंस फंड कर दिया गया।इसका वर्तमान मुख्यालय न्यूयॉर्क राम भगत द्वारा निर्मित में है। वर्तमान में इसके मुखिया ऐन वेनेमन है। यूनीसेफ को 1965 में उसके शानदार उन्नतिशील कार्य के लिए शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।सन 19 89 में इस संगठन को इंदिरा गाँधी शांति पुरस्कार भी प्रदान किया गया था।इसके विश्वव्यापी संस्था के 120 से अधिक शहरों में कार्यालय हैं और 190 से अधिक स्थानों पर इसके कर्मचारी कार्यरत हैं। वर्तमान में यूनीसेफ फंड एकत्रित करने के लिए विश्व स्तरीय एथलीट और टीमों ओर प्रसिद्ध व्यक्तित्त्वो की सहायता लेता हुआ जनसमाज को इस संस्था के जनकार्यो से जोड़ता है।
इस यूनिसेफ दिवस पर स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी की जनप्रेरक कविता इस प्रकार से है कि,
दूजा विश्व युद्ध हुआ भयानक
मरे अनगिनत सैनिक लोग।
उनके बच्चे और पत्नियां
बेघर अनाथ बिन पिता वियोग।।
उन्हीं अनाथ बच्चों का जीवन
कैसे बने सफल सम्पूर्ण।
इसी व्यवस्था विश्व समाज संगठन
ने किया यूनिसेफ गठन विपूर्ण।।
उन अनाथ बच्चों की शिक्षा
ओर उनके स्वास्थ्य भविष्य।
भोजन पोस्टिक मिले समय पर
ये बाल काल नहीं बने हविष्य।।
विश्व समाज से एकत्र किया
धन तन मन अन्य सहयोग।
बचत करो कुछ दान बाल्य इन
जीवन बने समाज उपयोग।।
सरकारें भी सभी देश की
इन बाल्य योजनाएं करती काम।
प्रसिद्ध हस्तियों को जोड़ संग
प्रेरित करा बचत धन दान आवाम।।
आओ हम सब मिल करें
इन बच्चों को कुछ दान।
जितना बने कर सहायता
मना यूनिसेफ दिवस दो सम्मान।।
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
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