फ़िल्म शंहशाह अभिताभ बच्चन
कहां से है महानायक।
विश्व बुलंदी ना अभिनय झंडा
ना ऑस्कर पुरुषकार लायक।।
बन बहुगुणा विजय पथ को रोड़ा
फिर जीत राजनीति को छोड़ा।
केवल अवरोध बने सभी के
न किसी को उन्नति राह पर मोड़ा।।
अपनी प्रसिद्धि से राजनीति में
बस सांसद पद को पाया।
महान काम ना किया यहाँ भी
ना समाज का साथ निभाया।।
नटवरलाल फ़िल्म में बोले
नारी इतनी है बेवकूफ़।
चाहते तो बदलवा देते
ये संवाद नारी सम्मान स्वरूप।।
बस बोल वचन अच्छे कह कर
साकार छवि बनाई।
सैकड़ो फिल्में,कोई मील ना पत्थर
ना कोई यादगार फ़िल्म बनायी।।
देश समाज साहित्य कला ना
आंदोलन कोई चलाया।
बस फिल्मों से जोड़े रख कर
पद धन नाम कमाया।।
के.वी.सी.में जुटे है धन को
राष्ट्रद्रोही जन को प्रश्न में जोड़े।
बहिष्कार न समर्थन कोई
न कभी नारी प्रतारण प्रकरण तोड़े ।।
कैसे कहें शहंशाह इनको
ओर कैसे कहे महानायक।
क्या सच कोई कर्म है ऐसा
महान शब्द कलंकित इस नायक।।
स्वामी सत्येन्द्र सत्यसाहिब जी
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