त्यौहार का सीजन और सनातन धर्म मे प्रकृति की पूजा बहुत मायने रखती है पर, बढ़ता जहरीला वायु प्रदूषण त्यौहार की खुशियों में जहर घोल रहा है जो कि परंपराओं को भी प्रभावित कर रहा है।
बीते कल जिसमे सभी सुहागिन औरतें अपने पति की लंबी आयु के लिये करवा चौथ का त्यौहार मना रही थी, वहीं वह अपना व्रत निकलते चाँद को देखकर पूरा करती है वही कल रात दिए हुए निर्धारित समय से भी अधिक समय तक भी चन्द्रमा के दर्शन नही हुए।
भौगोलिक दृष्टि से तो चन्द्रमा उदय हो चुका था परन्तु दिल्ली और अन्य स्थान जहाँ पर प्रदूषण स्तर बहुत अधिक था वहाँ निर्धारित समय से भी ज्यादा समय तक चन्द्रमा दिखाई नही दिया, सभी चन्द्रमा के दिखने का इंतजार कर रहे थे।
प्रदूषण का प्रभाव सांस लेने में सबसे अधिक होता है और दीवाली के समय यह स्तर और बढ़ने के पूरे मौके है जो कि चिन्ताजनक है और ध्यान देने लायक है।
बढ़ता जहरीला प्रदूषण न केवल स्वास्थ्य बल्कि सनातन संस्कृति और पूजा को भी बुरी तरह प्रभावित करता है।
रिपोर्ट:- अवन्तिका मिश्रा।