इसे शासन की लापरवाही कहे या कोरोना का कहर जाने वाले को तो अब कोई वापस नही ला सकता।
घर से उम्मीद लेकर निकली रानी को क्या पता था कि 10वी की परीक्षा उसकी ज़िन्दगी ही छीन लेगी, आज मोतीपुरा गांव के पास एक सड़क हादसे में रानी की जान चली गई वही उसके दोनों भाई भी ज़ख़्मी हो गए।
है तो ते एक हादसा लेकिन इस हादसे का जिम्मेदार है मध्यप्रदेश प्रशासन। इस कोरोनाकाल में बच्चों की परीक्षा करवाई जा रही हैं और उनके सेंटर 70-80 किलोमीटर दूर बनाये गए हैं।
रानी अपने गाँव माना से परीक्षा देने ब्यावरा आ रही थी तो रास्ते मे एक 4 पहिया वाहन ने टक्कर मार दी, टक्कर इतनी तेज थी कि रानी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया, वहीं दोनो घायल भाईयो को हंड्रेड डायल की मदद से नर्सिंगढ़ सिविल अस्प्ताल में भर्ती कराया गया।
शासन की लापरवाही – कोरोना संक्रमण के इस भयानक समय मे जहाँ ट्रांसपोर्ट की सुविधा नहीं है। सब कुछ बंद हैं और ऊपर से बारिश भी अपना कहर बरपा रही है। ऐसे समय में 80 km दूर बच्चों को सेंटर उपलब्ध कराए गए हैं। आपातकाल के इस समय मे संसाधनों का अभाव ऊपर से आर्थिक तंगी। इस भारी समस्या से जूझ रहे अभिभावक अपने बच्चों को परीक्षा केंद्र तक कैसे पहुँचाए?
इस मुसीबत की घड़ी में शासन नज़दीक के केंद्र भी तो दे सकता था। पर सभी अपनी मौज में मस्त है, उन्हें किसी की जान की क्या परवाह?
वही जब दूसरे विघार्थियों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सुबह 5 बजे घर से बारिश में निकलना पड़ता है डर भी लगता है पर परीक्षा तो देना पड़ेगी
ब्यावरा से ख़बर 24 एक्सप्रेस के ज़फर सैफ़ी की रिपोर्ट