
!!श्रीगुरु पूर्णिमा पर्व पर कविता!!
श्री गुरु पूर्णिमा पर्व पर श्री गुरुदेव स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी स्वरचित ज्ञान उपदेश सत्संग में कहते है कि,,क्या है,श्री गुरुतत्व महिमा,,
गुरु,,,,से शुरू,,ओर अंनत,,अरु,,,
इस उलझे रिश्तों की दुनियां में
सुलझी बयार के देकर झोंके।
मिटाता बताता तू कौन,,क्यूँ
भ्रम की बहक बहकने रोके।।
वो शुरू कौन, वो तरु कौन
वो अरु कौन?
वही जाना सत्य सनातन
वही पाना है,गुरु होन।।
बन्द आंखों को खोल दिखा दे
त्रिगत जगत व्यवहार।
केवल एक अनादि सत्ता
उसके तुम हो एकमेव सार।।
दूरी मिटा दे अभाव मिटाकर
बता दिखा दिला पिला सोम।
बजवा दे दुदुम्भी अनहद की
वही श्री गुरु अद्धितीयम व्योम।।
सदा संग अकाल बनकर
ज्यों तुममें आता जाता सांस।
जहां से आता जहां विलय हो
वही तो है श्री गुरु संगत महारास।।
जो जाने इस रहस्य अनादि
वही शीश जागे शिष्यतत्व।
वही पाता त्रिगुणातीत अहम को
वही बन जीता स्वयं गुरुगत्व।।
ब्रह्म उपासना बन्द हो गयी
विष्णु भी सो जाते है।
शिव भी रहते योग निंद्रा
पर केवल गुरु जाग्रति जगाते है।।
सत्य अनादि ॐ सनातन
सिद्धायै श्री गुरु दिव्याधार।
श्री गुरु जगतमयी परब्रह्म नमः
ईं फट प्रेमर्पित स्वाहा नर नार।।
तू मैं रमित कैसे हो सिखाते
यही श्री गुरुविद्या रेहियोग।
यही ब्रह्मविद्या श्रीविद्या गुरु
जो करें वही तरे सभी वियोग।।
ओर इसी ज्ञान उपदेश के साथ,सभी भक्तो को गुरु पूर्णिमा पर बहुत बहुत कल्याणकारी आशीर्वाद,,
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
www.satyasmeemission.org
Discover more from Khabar 24 Express Indias Leading News Network, Khabar 24 Express Live TV shows, Latest News, Breaking News in Hindi, Daily News, News Headlines
Subscribe to get the latest posts sent to your email.