उत्तर प्रदेश के कानपुर में देर रात शातिर गुंडे विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर हुई ताबड़तोड़ फायरिंग में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए।
एडीजी जय नारायण सिंह ने बताया घटना कानपुर में चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव की है। पुलिस शातिर बदमाश विकास दुबे को पकड़ने गई थी और उन पर बदमाशों ने हमला कर दिया इसमें 8 जवान शहीद हो गए है और 4 बुरी तरह जख्मी हुए हैं। पुलिस ने राज्य के सभी बॉर्डर सील कर दिए हैं। कई इलाके में पुलिस ने सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी और उनके परिजनों के लिए संवेदना व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने डीजीपी एचसी अवस्थी को अपराधियों के खिलाफ कड़ा ऐक्शन लेने के निर्देश दिए हैं, उन्होंने इस घटना की रिपोर्ट भी मांगी है।
पुलिस महानिदेशक हितेश चन्द्र अवस्थी ने बताया कि विकास दुबे कानपुर का हिस्ट्रीशीटर भी हैं इसके ऊपर कई मुकदमें दर्ज हैं।
जब पुलिस दबिश डालने के लिए बिकरू गांव पहुंची तो पुलिस को रोकने के लिए गुंडों ने जेसीबी लगा कर रास्ता रोक रखा था। पुलिस पार्टी के पहुंचते ही बदमाशों ने छतों से पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें पुलिस के 8 जवान शहीद हो गए।
एडीजी लॉ एंड आर्डर, एसएसपी और आईजी मौके पर पहुंचे हैं।
फोरेंसिक टीम जांच कर रही है लखनऊ से भी फोरेंसिक की एक टीम जा रही है, गुंडों को पकड़ने के लिए एसटीएफ भी लगा दी गई है। विकास दुबे की लोकेशन पता लगाने के लिए सायबर सेल व पुलिस सभी अलर्ट पर हैं।
लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि ऐसा कौन था जिसने विकास दुबे को पुलिस के सूचना दे दी थी?
यह भी कहा जा रहा है कि विकास दुबे की नेताओं के साथ घनिष्ठता भी थी।
ये वही विकास दुबे थे जिसने थाने में राजनाथ सरकार में एक मंत्री को गोली मार कर हत्या कर दी थी।
रिपोर्ट : खबर 24 एक्सप्रेस