राजनांदगांव जिले के छुरियां क्षेत्र के जंगलों से नक्सलाइट के आने की खबर पुलिस को मिली थी। जिसके आधार पर पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग क्षेत्र विवेकानंद सिन्हा एवं उपमहानिरीक्षक आइटीबीपी के निर्देशन एवं पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव जितेंद्र शुक्ला एवं सेना की 38 वी वाहिनी आइटीबीपी छुरिया के मार्गदर्शन में छुरिया, जोव, एवं बांध नदी के जिला पुलिस बल एवं आईटीबीपी के जवानों ने बीती रात सशक्त एवं सुनियोजित रणनीति से नक्सलियों के आने की दिशा में तगड़ी घेराबंदी की, अपने को घिरते देख नक्सलियों ने फायरिंग शुरु कर दी, पुलिस बल की ओर से भी जवाबी कार्रवाई करते हुए फायरिंग की गई।
नक्सली आठ की संख्या में थे। वे सब अपने को घिरते और कमजोर पड़ते देख अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले। लेकिन पुलिस बल को पूरा विश्वास था कि इस कार्रवाई में निश्चित तौर से नक्सली घायल हुए होंगे।
इस पर पुलिस ने सुबह तक सर्च ऑपरेशन जारी रखा जहां ग्राम खोभा में खेत के पास की झोपड़ी में घायल नक्सली मजदूरों के बीच छिपा हुआ था। पुलिस को आते हुए देख वाह विपरीत दिशा में भागने लगा लेकिन पुलिस के जवानों ने उसे धर दबोचा, घटना की जानकारी लगते ही एसपी राजनांदगांव जितेंद्र शुक्ला मौके पर पहुंच गए, एवं स्वयं सर्चिंग में शामिल रहे।
पकड़े गए नक्सली के पास एके-47 के साथ कारतूस, जिंदा मैगजीन, एक वॉकी टॉकी और अन्य सामग्री जप्त की गई। मुठभेड़ में घायल नक्सली जिसे पुलिस पकड़ने में कामयाब रही वह एक कुख्यात नक्सली डेविड उर्फ उमेश निकला। जिसके ऊपर तीनों राज्य ने कुल मिलकर 29 लाख रुपये का इनाम रखा हुआ था। छतीसगढ़ ने आठ लाख, मध्यप्रदेश ने पांच लाख और महाराष्ट्र में 16 लाख का इनाम रखा था।
यह कुख्यात नक्सली एमएमसी जोन के मिलिट्री दल का सबसे बड़ा लीडर है और उसे प्लाटून नंबर 1 के कमांडर की जिम्मेदारी दी गई थी।
डेविड महाराष्ट्र के गढ़चिरौली का रहने वाला है। ये गढ़चिरौली के साथ-साथ बालाघाट और राजनांदगांव में सक्रिय था। भागे गए नक्सलियों को सर्च कर पकड़ने के लिए अलग-अलग टीमें बनाकर रवाना किया गया है।
राजनांदगांव से ख़बर 24 एक्सप्रेस के लिए के.एस ठाकुर की रिपोर्ट