“तेजस्वीनी बहुउद्देश्यीय सेवाभावी विकास संस्था”, एक ऐसी संस्था जो महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा होना सिखाती है, एक ऐसी संस्था जो महिलाओं को आत्मसम्मान दिलाती है।
“वैशाली केलकर” अपने आसपास महिलाओं पर हो रहे जुल्मों को देखती थीं, उनके साथ हो रहे दोहरे व्यवहार को देखती थीं। और इन्हीं सबसे आहत होकर वो हमेशा एक सपना देखती थीं कि काश इनके लिए कुछ किया जाए, महिलाओं को भी आत्मसम्मान के साथ जीने का हक मिले, साथ ही वे भी अपने पति, परिवार की आर्थिक रूप से मदद भी कर पाएं ताकि उन्हें भी पुरुषों की बराबरी का दर्जा मिल सके।
इसी को देखते हुए वैशाली केलकर ने खुद की बातों पर अमल किया और “तेजस्वीनी बहुउद्देश्यीय सेवाभावी विकास संस्था”, नाम की एक संस्था बनाई जिसमें उन्होंने महिलाओं को जोड़ा। इतना ही नहीं उन्होंने महिलाओं को बैंक से लोन दिलवाया, उन्हें कार्य खुलवाए और खुद के पैरों पर खड़ा किया। आज वैशाली के पास बहुत सी लड़कियां हैं, महिलाएं हैं, जो अपने खुद के प्रोडक्ट बना रही हैं और वैशाली की मदद से बाजार में बेच रही हैं।
लेकिन पैसों की कमी उनके इस नेक कार्य में आड़े आ रही है। फिर भी सभी के हौसले बुलंद हैं। उन सबको यकीन है कि वे सफल जरूर होंगी।
वैशाली ने ख़बर 24 एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि अगर लोग उनकी और महिलाओं की मदद के लिए आगे आएं तो यकीन मानिए वे पूरे देश में एक क्रांति सी ला देंगी। इससे महिलाओं को आत्मसम्मान मिलेगा, परिवार को अच्छे से चलाने में वे खुद भी सहायक होंगी।
उन्होंने कहा कि बस लोगों की जागरूकता की जरूरत है, मदद की जरूरत है….
देखें मनीष कुमार अंकुर की यह विशेष रिपोर्ट