सावधान….. अगर आप बाजार से लाया या बंद पैकेट दूध का उपयोग करते है तो यह जानकारी आपके लिए ही है…।
अगर आप बाहर से दूध खरीदते हैं या फिर डेयरी से दूध लेते हैं तो सावधान हो जाइए। यह तो जानकारी आपको होगी कि भारत दूध उत्पादन में दुनिया के अग्रणी देशों में गिना जाता है, आप यह भी शायद जानते होंगे कि जितना दूध उत्पादन भारत में होता है उतनी गाय भैंस कम होती जा रही हैं यानि दूध उत्पादन बढ़ रहा है और गाय भैंस कम होती जा रही हैं।
कई बार जब हम बाहर से दूध खरीदते हैं यानि बन्द पैकेट दूध, तो आपने देखा होगा उसमें मोटी मलाई पड़ जाती होगी जबकि सही दूध में मलाई की उतनी मोटी परत नहीं चढ़ती है।
तो आपको बता दें कि विश्वभर में एक मेलामाइन नाम का सफेद पदार्थ है जिसे दूध में मिलाया जाता है इसमें नाइट्रोजन की काफी मात्रा होती है और प्रोटीन भी बढ़ जाता है। इस मेलामाइन को दूध से बनी चॉकलेट, आइसक्रीम, बेबी फ़ूड, हेल्थ प्रोडक्ट जैसे वजन बढ़ाना इत्यादि में मिलाया जाता है जिससे टेस्ट बढ़ सके… लेकिन यह कितना खतरनाक है इस बात की जानकारी आपको गूगल पर सर्च करने से मिल जाएगी।
लेकिन थोड़ी जानकारी हम भी आपको दे दें… मेलामाइन एक विषैला रसायन है जिसका उपयोग प्लास्टिक और उर्वरक बनाने में किया जाता है।
मेलामाइन का इस्तेमाल चमकीली टाइल्स बनाने, डिस्पोजल कप प्लेट बनाने इत्यादि में किया जाता है।
चूंकि यह सफेद होता है तो इसको आसानी से जानवरों की चर्बी के साथ दूध में मिला दिया जाता है।
इसको जानवरों को चारे के रूप में दिया जाता है। इसका सेवन करने से न जाने कितने जानवर मौत के मुंह में चले गए।
मेलामाइन से कैंसर होता है, किडनी रोग होता है, मेलामाइन मिले दूध पीने से गर्भवती महिलाओं की संतानों पर असर पड़ता है।
मेलामाइन मिले दूध पीने से बच्चों की मेमोरी कमजोर होती है, सहनशीलता खत्म होती है, बच्चे चिड़चिड़े हो जाते हैं।
मेलामाइन युक्त दूध से घी भी निकलता है जिसे हम बड़े स्वाद से सब्जियों में डालकर खाते हैं…।
खैर खाने पीने को चीजों में मिलावट के मामले में हम चीन से कहीं पीछे नहीं हैं और मिलावटखोरों के लिए चीन और भारत एक सॉफ्ट टारगेट हैं।
आप स्वस्थ रहिये अपने परिवार को स्वस्थ रखिये…. कोशिश करें कि थोड़े सावधान हो जाएं, आप जो सेवन कर रहे हैं कहीं वो जहरीला तो नहीं इस बात का अवश्य ध्यान रखिये। समान खरीदते समय उसकी जानकारी भी लेने की कोशिश करें, आजकल खाद्य पदार्थों के ऊपर भारत सरकार के कड़े नियम हैं, कंपनियों को खाद्य पदार्थों की जानकारी यानि के इसमें क्या और कितनी मात्रा में मिला है कि जानकारी देनी जरूरी कर दी है…तो आप उसको भी पढ़कर खरीद सकते हैं।