जैसे-भारतीय भक्ति योग में 9 महाभाव है,जिन्हें नवधा भक्ति कहते है।ये पाश्चात्य संस्कर्ति में भी “सप्ता भक्ति” कहलाती है।और वे इसे बसंत ऋतू के आगमन में जो प्रकर्ति में खिला ईश्वरीय दिव्य प्रेम प्रस्फुटित होता है।उसे विभिन्न रूपों मनाते आये है।जो भक्ति की भाषा में प्रेम दिवस और उसकी सात अभिव्यक्तियों के रूप में ये वेलेंटाइन यानि शुभ शुद्ध प्रेमाभक्ति के सात स्तरों के रूप ये सप्ताह मनाया जाता है।हमारे यहाँ ये सत्यनारायण और पूर्णिमां और शिव पार्वती और विष्णु लक्ष्मी व् राम सीता और राधे कृष्ण के परस्पर जीवन्त दिव्य प्रेम और उसके 9 प्रेम स्तर के रूप में और नवरात्रि के रूप में प्रचलित है।यो इस वेलेंटाइन सप्ताह का पहली प्रेमाभिव्यक्ति विभिन्न गुलाब को अपनी प्रियसी या प्रेमिक को देकर प्रकट की जाती है और दूसरे दिन की प्रेमाभिव्यक्ति प्रपोज डे यानि अपने प्यार का इज़हार करके की जाती है।और इसी क्रम से ये प्रेम सप्ताह मनाया जाता है।यो इसी दूसरे दिन की प्रेमभिव्यक्ति पर ये छोटी से प्रेम कविता यहाँ इस प्रेम सफर की एक कड़ी के रूप में प्रस्तुत है..
!!प्रपोज डे 💑!!
[एक प्यार ए सफ़र-2]
(इज़हारे प्यार🌹)
ए गुलाब के कदरदान उठ
मैं भी रही थी इसी कशमकश में घुट।
जी रही थी इसी तमन्ना की चाह
आज मिली तुमसे से मेरी चाहत की राह।।
अब जरूरत नहीं इस गुलाब ए फूल की
खिल उठा दिल मिलन के उसूल की।
तुम मुझे मैं तुझे बिन बुझे एक नाम दें
इस जमाने से परे एक अंजाम दें।।
आ बने एक दूसरे की सुक़ून नींद
और बने एक दूजे बिंदनि बींद।
और बने रहे बनने के लिए सदा
आज से हम एक दूजे हुए फ़िदा।।
अगर न मग़र कभी हम बीच हो
न कभी जबरन की कोई खींच हो।
बने एक दूजे की मुस्कराहट सदा
यही आज का मिलन है बिदा बिन अदा।।
क्रमशः-3चॉकलेट डे..
सत्यसाहिब स्वामी श्री सत्येन्द्र जी महाराज
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