आज देश में एक गंभीर मज़ाक चल रहा है। कोई अपने राज्य की पुलिस का गलत इस्तेमाल कर रहा है तो कोई देश की बड़ी संवैधानिक संस्था और सबसे बड़ी जांच एजेंसी का इस्तेमाल अपने राजनीतिक फायदे के लिए कर रहा है। यहां राजनीति के चक्कर में लोकतंत्र की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
आपको बता दें कि कल रात देश के इतिहास में एक बड़ी घटना घटी जब सीबीआई कोलकाता पुलिस कमिश्नर के घर चिटफंड घोटाले के मामले में बिना वारंट, बिना कोर्ट की परमिशन, बिना राज्य सरकार की इजाजत के पूंछताछ करने पहुंच गई। अब ऐसे में पूंछताछ तो दूर, खुद सीबीआई को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। खैर पूंछताछ करने के बाद पुलिस ने सीबीआई को छोड़ भी दिया।
जिस कथित घोटाले के मामले में सीबीआई पुलिस कमिश्नर को हिरासत में लेकर जांच करना चाहती थी उसी घोटाले के 2 मुख्य आरोपी भाजपा में शामिल होकर भाजपा की शान में कसीदे पढ़ रहे हैं। मतलब वो दोनों ही अबतक जाँच से बाहर हैं।
तृणमूल कांग्रेस पार्टी का कहना है कि अगर केंद्र सरकार इतनी निष्पक्ष है तो टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले शारदा चिट फंड घोटाले के आरोपी मुकुल रॉय और असम सरकार में मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा के खिलाफ जांच क्यों नहीं कर रही है।
तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता मुकुल रॉय 3 नवंबर को बीजेपी में शामिल हो हुए थे। उन्होंने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीज की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली थी। बता दें कि मुकुल रॉय का नाम शारदा चिटफंड घोटाले में आ चुका है। शारदा चिटफंड घोटाले में मुकुल रॉय को मुख्य आरोपी माना जाता है जिस वजह से आरएसएस मुकुल रॉय के खिलाफ थी, आरएसएस नहीं चाहती थी कि मुकुल रॉय भाजपा का हिस्सा बनें।
वहीं दूसरी ओर कोलकाता में सीबीआई बनाम पुलिस पर जमकर घमासान मचा हुआ है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता में धरने पर बैठी हैं। तो लोकसभा राज्यसभा में विपक्ष का जोरदार हल्ला बोल हो रहा है। जहां राज्यसभा की कार्यवाही को 2 बजे तक के स्थगित कर दिया गया है वहीं लोकसभा में भी दोनों तरफ से हंगामा हो रहा है।
कोलकाता में धरने पर बैठी ममता ने अपना काम काज वहीं धरना स्थल से ही संभाल लिया हौ। ममता ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि केंद्र की मोदी सरकार केंद्रीय जांच ब्यूरो का दुरुपयोग कर विपक्ष को डराने की कोशिश कर रही है। ममता बनर्जी का आरोप है कि बीजेपी सरकार जानबूझकर उन्हें निशाना बना रही है। उनका कहना है कि अगर केंद्र सरकार इतनी ही निष्पक्ष है तो टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए शारदा चिट फंड घोटाले के मुख्य आरोपी मुकुल रॉय और असम सरकार में मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा के खिलाफ जांच क्यों नहीं हो रही है?
टीएमसी के नेता गार्गा चटर्जी ने एक चैनल को बताया कि, ‘तृणमूल छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले मुकुल रॉय और बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय के बीच 3 अक्टूबर 2018 को फोन पर बातचीत हुई थी और बातचीत लीक हो गई थी जिसे लेकर मीडिया में खबर भी आई थी। इस बातचीत में कहा गया था कि बंगाल के IPS को टारगेट करने के लिए सीबीआई को इस्तेमाल करना है।
टीएमसी नेता ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल में रैली करने आते हैं और राजीव कुमार का नाम लेकर कहते हैं कि इसे हम देख लेंगे। इसके दो दिन बाद सीबीआई 40 अफसरों को लेकर कोलकाता पुलिस प्रमुख के घर पहुंच जाती है.। असल में पीएम मोदी बौखला गए हैं। जिनकी छाती 56 इंच की है वो 356 यानि राष्ट्रपति शासन लगाना चाहते हैं। गार्गा चटर्जी ने आरोप लगाया कि मुकुल रॉय भी चिटफंड घोटाले में आरोपी हैं। सीबीआई उनसे पूछताछ क्यों नहीं कर रही है?
सीबीआई बनाम पुलिस और केंद्र सरकार बनाम पश्चिमी बंगाल की लड़ाई ने अपना विकराल रूप धारण कर लिया है। एक ओर जहां पूरा विपक्ष ममता बनर्जी के समर्थन में उतर आया है तो एनडीए का एक धड़ा भी ममता बनर्जी की ओर खड़ा है। शिवसेना ममता बनर्जी का खुला समर्थन कर रही है।
सीबीआई के मुद्दे पर अलग-थलग पड़ी भाजपा को अब सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद है कि वहां से उसके पक्ष में कुछ फैसला आये।