Breaking News
BigRoz Big Roz
Home / Breaking News / नोटबन्दी और देश का भविष्य, श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज का कविता रूपी सन्देश

नोटबन्दी और देश का भविष्य, श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज का कविता रूपी सन्देश

 

 

 

 

!!नोटबन्दी और देश भविष्य!! 8 नवम्बर 2016 की तत्कालिक स्थिति पर कही अपनी कविता के माध्यम से स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी कह रहे है कि-

 

 

 

चारों और मची है
नोटबन्दी अफरा तफरी।
खड़े लाइन में सब है
मस्त है झूटे खबरी।।
पुराने नोट बदल कर
नये नोट दो हजार।
मुसीबत सभी बढ़ी है
मंदी बढ़ी सभी बाजार।।
भरे सभी बाजार है
कोई नही खरीददार।
नोट है पर लेन देन नही
हाथ जोड़ जताये सब आभार।।
जमा अधिक हो रहा है
निकल नही रहे नोट।
धैर्य छूट रहा है
सरकार निकाल रहे है खोट।।
अंकुश कालाधन है
सिर पर खड़े चुनाव।
टिकिट बिक़े करोड़ के
इस कालोस कहाँ बहाव।।
आतंकवादी सोच रहे है
कैसे हो ये तोड़।
विदेश से आया पैसा
किस आतंक में दे हम जोड़।।
उधारी जिन जिन पर थी
वे लोटा रहे उधार।
लेनदार यूँ खुश है
आई लक्ष्मी रहे निहार।।
चोर लुटेरे तंग है
किसका करें अपरहण।
ठग भी चिंतित न्यारे
ठगी धन दे किसकी शरण।।
सबसे चिंतित विपक्ष है
और संग बहुत सा पक्ष।
टिकिट दलाल चिंतित बहुत
लिए धन कैसे करें रक्ष।।
छापे पड़ रहे धनदार पे
अथाय गयी सम्पत्ति।
पंडित जी ने नही बताई
कब कैसे आई ये विपत्ति।।
विवाह वाले भी ढूंढ़ रहे
इस अशुभ बताये महूर्त।
पंडित भी तोड़ ढूंढ़ रहे
जिजमान छिपाये कहाँ निज सूरत।।
इतनी उलट फेर की
थी नही किसी को उम्मीद।
लक्ष्मी प्रसन्न या नाराज है
भाग्य चल रहा किस सीध।।
देव देवी मन्दिर में
पड़ा भक्त आकाल।
क्या चढ़ाए वहाँ धन है
भक्त खुद है बड़े कंगाल।।
भिखारी बड़े दुखी है
अब ले या दे धन दान।
अब अर्ज है उनकी खुद को
हे भगवान करो कल्याण।।
ममता माया मुलायम
संसद में रहे चीख़।
आगामी चुनावी नारा इनका
वापस करें वोट धन भीख़।।
सोना चाँदी लुढ़के
सब्जी फल संग दाल।
आनाज मंडी भरी इन
जो बजा रहे बैठ गाल।।
फ़िल्मी शायर व्यस्त सब
नई लिख रहे बैठ कहानी।
नया मसाला मिल गया
नए गाने चले रवानी।।
मंदिर मस्ज़िद गुरुद्धारे
और लगे टेक्स हर चर्च।
धर्मधन सद उपयोग हो
राष्ट उन्नति में हो खर्च।।
चिकित्सा दवाई पर नियम हो
कानून बड़ा हो सख़्त।
खबरें दिखाए सही अर्थनीतियां
प्रसाशनिक न्याय सही हो वक्त।।
अर्द्ध सरकारी स्कूलों पर
समान शिक्षा नियम हो नीति।
हर वर्ष तरहां तरहां वसूली की नियम रोक सरकार समिति।।
जनता ये नही सोच रही
हम दबे अथाह कर्ज।
कालाबजारी ना बन्द हुयी
भविष्य अंधकार भरा इस हर्ज।।
धन लेते तो हम जा रहे
धन देने का नही नाम।
कर्ज पटायेगी नई पीढ़ी।
नरक देखेगी कर काम।।
फैलेगी भुखमरी
नही होंगे नए रोजगार।
शिक्षा होगी बिन नोकरी
लूट मचाएंगे बेकार।।
चारों और मचेगा
हाहाकार सहित गृहयुद्ध।
छीना झपटी होगी
मनुष्यता शैतानियत बनेगी रुद्ध।।
नास्तिकता बढ़ेगी धर्म बन
और धार्मिक होंगे अल्प।
बलात्कार बढ़ेंगे इस कदर
नई दुनियां बने इस कल्प।।
यो जागो नागरिक जागो
और देश बचाओं और समाज।
मोदी नीति चल रही सत्य पर
संग दो हम है आवाज।।
स्वागत-नोटबंदी से भारत स्वर्णयुग की और
परेशान है केवल भृष्टाचारी
और कालाधन के व्यापारी..
शोर मचा रहे वही लोग है
जो आतंकवाद के है आभारी..
पुराना लौटा आज जमाना
अनाज बदले मिले सामान..
फर्क पड़ा नही नोटबंदी से
जनता इस फैसले दे रही सम्मान..
कैशलेस का बढ़ा जमाना
यही भारत में आजमाना..
काले धन पर लगेगा अंकुश
स्वर्ण युग भारत है आना..

 

******

स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी

जय हिन्द जय भारत

जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः

www.satyasmeemission.org

Follow us :

Check Also

कथित Dog Lovers ने जयेश देसाई को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी

आजकल एनिमल लवर्स का ऐसा ट्रेंड चल गया है कि जरा कुछ हो जाये लोग …

Leave a Reply

error

Enjoy khabar 24 Express? Please spread the word :)

RSS
Follow by Email
YouTube
YouTube
Set Youtube Channel ID
Pinterest
Pinterest
fb-share-icon
LinkedIn
LinkedIn
Share
Instagram
Telegram
WhatsApp