श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यह त्योहार मनाया जाता है। इस दिन बहनें व्रत, पूजा, कथा आदि कर भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं और उनके माथे पर टीका लगाती हैं। इसके बदले भाई भी उनकी रक्षा का संकल्प लेते हुए उपहार देते हैं। यह त्योहार रक्षाबंधन की तरह ही महत्व रखता है।
!!भैया दूज की शुभकामना!!
स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज ने कविता के माध्यम से बहन भाइयों को शुभकामना संदेश दिया है।
रोली अक्षत थाली रखकर
आशीष का दीप जलाया।
प्रतीक्षा में बेठी है बहिना
मेरा भाई मेरे द्धारे आया।।
आँखों में प्रसन्नता किरणें
जिनमें प्रकाशित दिव्य प्रेम।
भाई के विध्न मिट जाये सारे
संकल्पित ऐसा बहिन योग क्षेम।।
स्नेह से निकट बैठा भाई को
बहिन मंगल गाये गीत।
मिले सदा हम दोनों ऐसे
बिछडें भाई बहिन ना प्रीत।।
सदा बसा रहे भाई घर है
और सुखी रहे भाई परिवार।
मंगल कामना आज यही है
मेरा भाई सुख मेरा सार।।
भाई भी बहिन घर यो आता
करे प्रयास बहिन सब सुख।
मेरी बहिन सम्मान है मेरा
कभी बहिन पाये ना दुःख।।
ईश्वर से यही प्रार्थना करते
भाई बहिन रहे ईश आशीष।
शुभ कर्म सदा हम रहे करते
लक्ष्य पाएं आत्मगत ईश।।
सूर्य के दो पुत्र एक पुत्री
शनि,यमराज और एक यमुना।
जो इनकी आज पूजा करता
उस भाई बहिन कृपा सदा अंगना।।
कार्तिकेय गणेश दो है भाई
इनकी एक बहिन अशोक सुंदरी।
भैया दूज स्मरण इन्हें करके
सदा भाई बहिन शीश रहे सुख चुंदरी।।
राम लखन भरत शत्रुघन
चारो भाई की एक शांता बहिना।
जो भैया दूज स्मरण इन्हें करता
कभी कष्ट उस घर ना रहना।।
कृष्ण बलराम सुभद्रा तीनों
इनका पर्व पूजन है आज।
जो भाई बहिन स्मरण इन्हें करते
उनके कभी ना बिगड़े काज।।
दो संतान पूर्णिमाँ देवी
भाई अमोघ बहिन है हंसी।
भैया दूज स्मरण इन्हें करता
दोनों घर सदा सुख बजे बंसी।।
!!भाई दूज की शुभकामनाएं!!
इस दूसरी कविता के माध्यम से भी स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी जनसंदेश दे रहे हैं की-
भाई एक अनेक हो
बिन बहिन के सब अधूरे।
संगत बहिन परिवार संग
हो सबके सपने पुरे।।
बहिन बड़ी हो भाई से
माँ स्नेह आभाव हो पूर्ण।
बहिन भाई से छोटी हो
तो मित्र संगत सम्पूर्ण।।
सदा आशाती भाई को
और मात पिता प्रेम संग।
रिश्ते बढ़े परिजन समाज
और प्रेम बढ़े बहु रंग।।
घर भी लगता बहिन से
और बढ़े सदा शालीनता।
तन धन मन वृद्धि सभी
सदा रिश्ते पाये अभिन्नता।।
विनम्रता सीखें मात पिता
और सीखे भाई नमन।
पवित्र रिश्ता भाई बहिन का
बहिन ईश्वत जगत चमन।।
भाई दूज पूजा और तिलक का शुभ मुहूर्त:-
सुबह पूजा का मुहूर्त: 9:20 से 10:35 बजे तक।
दोपहर में पूजा का मुहूर्त: 1:20 से 3:15 बजे तक।
संध्या काल में पूजा मुहूर्त: 4:25 से 5:35 बजे तक।
शाम के समय पूजा मुहूर्त: 7:20 से रात 8:40 बजे तक।
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स्वामी सत्येंद्र सत्यसाहिब जी
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः
Jay satya om siddhaye namah