श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज जब कोई भी चीज बताते हैं या करते हैं तो सबसे पहले वो खुद उस चीज पर पूरा रिसर्च कर लेते हैं, उसके बाद सबको बताते हैं।
या अपनी शक्तियों से वो ज्ञान हासिल कर लेते हैं जो बड़े-बड़े महात्मा-ज्ञानी जिंदगी भर हासिल नहीं कर पाते। तो इसमें फिर कोई संशय ही नहीं रह जाता कि ऐसा हो नहीं हो सकता?
श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज आज एक ऐसी ही चीज पर अपना यह लेख प्रस्तुत कर रहे हैं जिस पर आपको विश्वास मानने पर मजबूर होना पड़ेगा।
तो आइए जानते हैं कैसे स्त्रियों के नाखूनों को देखकर उनके व्यक्तित्व के जाना जा सकता है? जानते हैं सब स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज से : –
स्त्रियों के नाखून देखकर कैसे जानें उनका व्यक्तित्व का ज्ञान:-
भारतीय सामुद्रिकशास्त्र में हस्तरेखा के अंतर्गत में मैं आज आपको बताऊंगा-स्त्री के नाखूनों से इनके व्यक्तित्त्व कैसा होता है:-
जो स्त्रियां अधिकतर नाखूनों की अधिक सजावट में लगी रहती है,वे जीवन के गहराई की केवल कल्पना भर करती है,बल्कि इसके भौतिक और उथलेपन को ही जीने की इच्छा और दूसरे को प्रभावित करके, अपने प्रति ही लगाव में विश्वास रखती है।
और जो नाखूनों के सजावट को केवल विवाह या किसी बड़े फ़ंगशन में ही महत्त्व देती है,तो वे जीवनसाथी या प्रेम के व्यवाहरिक और स्वतन्त्रता के प्रति ज्यादा विश्वासी और लगनशील होती है।उनमे आध्यात्मिक जीवन का व्यवहारिक पक्ष अधिक देखने या अपनाने में आता और सुखी रहती है।
जो नाख़ून का कुछ ही आगे का भाग रखती है,वे मृदुल और सहज,परम्परावादी स्वभाव की होती है।अपने रिश्ते,पति,बच्चों के प्रति ज्यादा ध्यान देती है।
और जो नाख़ून को तरहां तरहां नई सजावट में रखती है।उन्हें प्रेम में केवल भौतिकवादी भोगवादी और परिवतर्नशीलता ही पसंद होती है,वे उसके गहरे पक्ष में विश्वास नहीं करती और न ही उसे निभाती है।उन्हें बातें बनाना और सुनना,ऐसी संगत ही पसंद होती है।अच्छा स्वभाव होते हुए भी,ये अधिक व्यवहारिक नहीं होती और इनकी मित्रता भी दिखावे भरी तथा स्थायी नहीं होती है।
नाखून गहरे गुलाबी से लाल हों:-
यदि किसी स्त्री के नाखून गहरे गुलाबी से लाल हो, वह स्त्री शारीरिक रूप से लगभग स्वस्थ्य, सावली या गहरा रंग होने पर भी सौन्दर्यवान, धनवान व भाग्यवान मानी जाती है।पर पति की आयु को मध्यायु में बीमारी या दुर्घटना से खतरा रहता है। ये अपने परिजन हो या ससुराल के परिजन और सास-श्वसुर की सेवा करने वाली होती है तथा इनका वैवाहिक जीवन मध्य अवस्था के बाद सुखमय व्यतीत होता है।
पीले रंग के नाख़ून:-
यदि किसी स्त्री के नाखून पीले रंग या कुछ पीलापन लिए हो,तो वह स्त्री प्रेम में और काम भाव में दिखावे वाली और कम सन्तान वाली होती है। ऐसी स्त्रियों को अधिकतर खून की कमी से, पीलिया एंव सिर दर्द सम्बन्धित शिकायत बनी ही रहती है।यो स्वभाव में चिड़चिड़ापन होने के कारण इनके दाम्प्तय जीवन में भी तनाव बना रहता है।
नाखूनों पर सफेद व काले रंग के धब्बे:-
यदि किसी स्त्री के नाखूनों पर सफेद व काले रंग के धब्बें हो, वह स्त्री अपने परिजनों से या प्रेम में या पति से कुतर्क करती जल्दी जल्दी झगड़ा करने वाली होती है। इनका दिमाग अनावश्यक तेज होता है,किंतु उसका उपयोग गलत कार्यों में ही करती है। ये अपने सास व श्वसुर,पड़ोसी और नोकरो का कभी सम्मान भी नहीं करती है।बस सब पर अधिकार ही इनका मुख्य व्यवहार होता है।
सामान्य गुलाबी रंग के नाख़ून:–
यदि किसी स्त्री के नाखून सामान्य गुलाबी रंग के तथा सुन्दर हो, वह स्त्री भोगवादी और भौतिक जगत के सभी सुखों में रस लेने वाली,प्रेम से भोग करने वाली होती है। ऐसी स्त्रियों के पति उच्चकोटि के व्यावसायी या राजनेता होते है। ये अधिकतर अधिक शिक्षित होने या बहुत व्यवहारिक होने के कारण स्वयं भी उच्च पद को प्राप्त कर लेती है।
सफेद और सपाट से नाख़ून:-केवल अपनी ही उन्नति की सोचवाली और उसी उपयोग के लिए इनके सभी रिश्ते होते है।देने के नाम पर रोना और लेने के नाम पर आस्वासन की बातें बनाकर काम निकाल लेना,इनकी छिपी आदत होती है।खून की कमी बनी रहती है।लो ब्लड प्रेशर रहता है।ईश्वरवाद के ज्ञान पक्ष में ज्यादा दिखावे वाली मान्यता रखती है।नाख़ून उभरे भी हो,बस इतना अंतर आता है की-अपनी उपयोगिता के लिए अच्छी दानी होती है।
खुरदरे नाख़ून:-
यदि किसी स्त्री के नाखून धारीदार से खुरदरे व बेढ़गे हो, वह स्त्री जल्दबाजी से सोचना, क्रोधी,बेकार की तेज-तर्रार,व्यवहार में चालाकी व अधिक बातें करने वाली और झगड़ालू आदत की होती है।अधिकतर ऐसी स्त्रियों का पति काफी समझदार व अच्छी आदत का या दब्बू होता है।तुरंत बात का उत्तर बिन सोचे बोलने से अधिकतर लोग इनके विरोधी बन जाते है। पूजापाठ में प्रदर्शन करना अच्छा लगता है।विरोधी अधिक होने से इन्हें हानि ही उठानी पड़ती है।
छोटे नाखून और आगे से उभरे या टूटने वाले हो:-
जिन स्त्रियों के नाखून सदैव छोटे बने रहते हैं,वे दूसरे को आक्रषित जल्दी करती है।और प्रेम सम्बन्ध नहीं चलते है,कारण छोटी से बातों पर भी, जल्दी क्रोधित हो जाती है, धैर्य की कमी होती है। बहुत जल्दी उत्साहित हो जाती हैं और गहरे विचार वाली नहीं होती,बल्कि छोटी मानसिकता वाली होती है। दूसरों की कमियां खोजती रहती हैं।अधिकतर प्रेम में सफलता नहीं मिलती है। इन्हें हृदय रोग एवं नसों में दर्द संबंधित रोग लगने का भय बना रहता है।
कुछ अधिक ही छोटे नाखून:-
यदि किसी के नाखून अधिक ही छोटे हैं, तो ऐसी महिलाएं बहुत संदेही आदत की,पर मुस्कराकर बात सुनने वाली,पर थोड़ी दिनों तक कोई बाहर का व्यक्ति चापलूसी करें तो,उसकी बातों में जल्दी आ जाती हैं।ऐसी महिलाएं अपने पति पर हावी रहने की कोशिश सदा करती रहने से,आपस में, घर में कलह या दुरी बनी रहती हैं।
चौड़े और कुछ लंबे नाखून:–
यदि किसी महिला के नाखून चौड़े व लंबे हैं तो, वह महिला बात की गहराई को समझने में लगी रहने से, गंभीर स्वभाव की होती है।सदा प्लानिंग के साथ काम करती है।घर हो या बाहर हो,सभी जगहां सफाई और तहजीब पसंद होती है और अपने चुने क्षेत्र में थोड़ी देर से सफलताएं प्राप्त करती हैं।
छोटे परंतु कुछ चपटे नाखून:-
यदि किसी महिला के नाखून छोटे और थोड़े से चपटे हैं, तो किसी की भी कही बातों को जल्दी अपने ह्रदय पर लेने से, उन्हें हृदय रोग लगने की आशंका सदा बनी रहती है।ऐसे ही कारणों के चलते आगे चलकर भरी मानसिक तनाव से इनकी मृत्यु भी हृदय संबंधित रोग से होती है। ऐसी महिलाएं अंदर ही अंदर गुस्से को पाले रखती हैं।स्नेह की भूखी होती है।जो देता है,उसी पर अपना सब लूटा देती है।
छोटे किंतु भारी नाखून:-
यदि किसी महिला के नाखून छोटे हो पर भारी यानि वजनी से दीखते हो, तो वो जल्दी से बोलने में भावो से रहित शब्द तीर की तरहां बोलकर,दुःख पहुँचातीं है।और उसे समझाने पर अपनी गलती कभी नहीं मानतीं।ये तुरंत ही अपनी गलतियां या झूठ को दूसरों पर थोपने में जरा भी देर नहीं लगातीं।सदा दूसरे पर नजर रखती हुयी,उसकी गलतियां निकालने में भी बढ़कर आगे रहती हैं।
चौड़े व वर्गाकार नाखून:-
जिन स्त्रियों के नाखून चौड़े एवं समान्यतोर पर वर्गाकार होते हैं, वह स्त्रियां सभी बातों को सभी और से देख,तौलकर सोचने से सभी के प्रति साफ दिल की होती हैं।प्रेम के विषय में जल्दी उत्तेजित हो जाती है।यो उन्हें स्ने वाले से जल्दी सहानभूति होने से, उसका का दिल नहीं दुखातीं।अपनी और से पहल करके अड़ियल प्रेम की वर्षा करती हैं।पर प्रेम मिलता पर सुख नहीं।
अधिक चौड़े और छोटे नाखून:-
किसी स्त्री के नाखून यदि बहुत छोटे पर चौड़े हैं तो, वह अपने कार्य में तर्कशील योजना से आगे चलकर उस विषय में ख्याति प्राप्त करती हैं।सामान्यतया उसे अन्यों से अधिक संगीत में अधिक रुचि रहती है।जीवन के सभी पक्षों को सुलझाने को लेकर सदा तनाव भी ज्यादा लेती जीती हैं।
लंबे और पतले नाखून:-
यदि किसी महिला के नाखून लंबे और पतले हैं तो वह भावुकता लिए,जल्दी खबराने वाली और उसका दिल थोड़ा नाजुक होता हैं।यो बीमार भी ज्यादा रहती है। उन्हें दूसरों पर अधिक खुद पर कभी भरोसा कम रहता है।
लंबे और आगे की और हल्के झुके नाखून:-
यदि किसी महिला के नाखून लंबे और हलके झुके हुए हैं, तो वह सभी परिस्थितियों में प्रसन्न रहती हैं।अन्य महिलाएं की अपेक्षा तेजी से सोचती हैं और पुरुषों की पंचायत या चौकड़ी में अधिक रुचि रखती हैं।
लम्बे और उभरे कम चौड़े नाख़ून:- ये स्त्रियां अपनी और से प्रेम का प्रदर्शन करके अपनी भोगवर्ति की पूर्ति मुख्य उद्धेश्य होता है और यो ही सन्तुष्टि नहीं मिलने से और प्रेम के आभाव रखने से, अनेक सम्बंधों से गुजरती है।परिजनों के दबाब के चलते इनका विवाह पसन्द का नहीं ही पाता और उसे चलाती हुयी सुखी प्रतीत होती है।बुद्धिशाली बहुत होती है।कार्य को बड़ी तेजी से निपटाती है।
फूले हुए और उठे हुए नाखून:-
जिन महिलाओं के नाखून फूले एवं ऊपर की तरफ उठे हुए होते हैं,पर लम्बे हो तो,वे महिलाएं बात को समझें बिना जल्दी गुस्सा होती हैं,पर जल्दी ही मनवाने पर मान भी जाती हैं।और जो चौड़े नाख़ून और उभरे फूले हो तो, ऐसी महिलाएं भावनात्मक प्रसंसा और दिखावे के बहकावे में बहुत जल्दी आ जाती हैं।और बाद में पछताती है।
नाखूनों में यदि चंद्रमा नही हो:-तो ऐसी स्त्रियां परम्परावादी विचारधारा की होती है।चाहे कितनी कलात्मक या कल्पनाशील या कवित्व या खोजी हो,इनकी कल्पना में नयापन नहीं होकर प्रचलित मान्यताएं ही अधिक दिखती देती है।घरेलू होती है।प्रेम में भोगवाद ही प्रमुख होता है।स्मरण शक्ति या रटन्त उत्तम होने से उत्तम नम्बर और सफलता मिलती है।ह्रदय और पेट के रोग अधिक होते है।
चंद्रमा वाले नाख़ून:-बुद्धि में नई खोज,नई परम्परावादी को मानने अपनी समझ से जल्दी विस्वास करना,परम्परावादी धर्म और सिद्धांत में नए तर्कपूर्ण, नए चिंतन,नई कल्पनाशीलता को जानकर मानना,पर स्मरण शक्ति यानि रटन्त कम होती है, तीक्ष्णता कम होती है।पर विश्लेषण की क्षमता अधिक होती है,ज्ञान या परम्परा के व्यवहारिक पक्ष को अधिक देखते और बोलते है।चिंतक होने से अपच और ह्रदय रोग में हाई ब्लडप्रेशर की शिकायत रहती है।सदा कुछ न्या करने में लगे रहती है।ये आदर्शवादी प्रेम के व्यवाहरिक पक्ष में और प्रेम की स्वतन्त्रता मानने में विस्वास करने के कारण,इन्हें प्रेम नहीं मिलता और अनेक प्रेम रिश्ते बनते छुट्टे है तथा सामान्य विवाह या विवाह के बाद के अंतिम वर्षों में उसे त्याग कर अपनी खोज में एकांत जीवन व्यतीत करती है।
स्त्रियों में चंद्रमा बहुत कम ही मिलता है।या केवल अंगूठे के नाख़ून में कम चंद्रमा होता है।तो इनकी संतान सफल होती है।चन्द्रमा नवीनता और नवीन कलात्मकता,नवीन खोज,नवीन चिंतन का प्रतीक है।जिसके नहीं होता है,वो उच्चता प्राप्ति पर भी, परम्परावादी ही बनी रहती है।
यहाँ संछिप्त में विषय बताया है। कुछ शेष आगे बताऊंगा।
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इस लेख को अधिक से अधिक अपने मित्रों, रिश्तेदारों और शुभचिंतकों को भेजें, पूण्य के भागीदार बनें।”
अगर आप अपने जीवन में कोई कमी महसूस कर रहे हैं घर में सुख-शांति नहीं मिल रही है? वैवाहिक जीवन में उथल-पुथल मची हुई है? पढ़ाई में ध्यान नहीं लग रहा है? कोई आपके ऊपर तंत्र मंत्र कर रहा है? आपका परिवार खुश नहीं है? धन व्यर्थ के कार्यों में खर्च हो रहा है? घर में बीमारी का वास हो रहा है? पूजा पाठ में मन नहीं लग रहा है?
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श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येंद्र जी महाराज
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः