यही तो है जो इंसान की सभी जरूरतों को पूरा करता है। कल्पना कीजिये अगर यह किसी के पास न हो तो क्या हो?
खैर हम बात कर रहे हैं रुपये के गिरने की लेकिन बात निकली तो बात बोल दी गयी। जमीन पर रुपया गिरना और बाजार में रुपये का गिरना दोनों में बड़ा अंतर है। अब आप सोच रहे होंगे कि आज मनीष को ये हो क्या रहा है?
तो एक बात साफ कर दूं कि जमीन पर गिरा हुआ रुपया जब एक मिनट के लिए नीचे गिरा हुआ नहीं रह सकता तो बाजार में रुपये की गिरावट उठ क्यों नहीं रही है।
प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी जी ने कांग्रेस के भ्रष्टाचार को देखते हुए, भ्रष्टाचार को खत्म करने की ना जाने कौन-कौन सी नई पुरानी सौगंधे खायी थी।
और आज उनकी सरकार को चार साल बीत गए… इन चार सालों में रुपया रोज गिर रहा है और वो इतना गिर रहा है कि लोगों के पसीने छूट रहे हैं। महँगाई आसमान छू रही है। घरेलू गैस के दाम बढ़ते जा रहे हैं, पेट्रोल डीजल के दाम बेलगाम हो चले हैं।
अगर हम आम आदमी की बात करें तो शायद कोई हो जो इस महंगाई से त्रस्त ना हो।
आपको बता दें कि आज डॉलर के मुकाबले रुपया 71.37 के अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया।
कच्चे तेल के दाम वैश्विक बाजार में 78 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गए हैं। जिसकी वजह से भारतीय बाजार में तेल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं।
विश्लषेकों के मुताबिक, रुपये की कीमत में गिरावट की सबसे बड़ी वजह डॉलर की बढ़ती मांग और कच्चे तेल की बढ़ी कीमतों को माना जा रहा है।
डॉलर के मुकाबले रुपया 72 के पार जा सकता है। आर्थिक विशेषज्ञों के मुताबिक इसकी पूरी संभावना है कि डॉलर आने वाले दिनों में काफी मजबूत होगा। रुपये में ज्यादा गिरावट होने से सबसे पहला असर महंगाई पर पड़ेगा। तुर्की की मुद्रा लीरा में हुई गिरावट के चलते भारत सहित कई देशों की मुद्रा गिर गई है। इसकी वजह से डॉलर काफी मजबूत हो गया है। भारत में रुपया 72 के पार जा सकता है।
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मनीष कुमार
खबर 24 एक्सप्रेस