श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज हमेशा अपने परम ज्ञान से समस्त भक्तों एवं लोगों के जीवन से अंधकार को दूर करने का कार्य करते आये हैं। स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज हमारे जीवनकाल की ऐसी छोटी से छोटी, महत्वपूर्ण बातें विस्तारपूर्वक बताते हैं जिससे लोगों का भ्रम और अज्ञानता दूर हो जाती है।
तो आज स्वामी जी वक्री बुध के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दे रहे हैं।
तो आइए जानते हैं क्या है वक्री बुध और इसके होने से क्या होगा जीवन पर असर :
वर्की बुध – गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व से पूर्व
आज सुबह 10 बजकर 32 मिनट पर 26 जुलाई 2018 को बुध के कर्क राशि में वक्री होंगे और 19 अगस्त 2018 की प्रातः 9 बजकर 55 मिनट तक वक्री रहेंगे तथा इसके बाद मार्गी रहेंगे और 2 सितम्बर की रात्रि 08:59 तक यही रहेंगे,तब सभी 12 राशियों और उनके जीवन पर क्या होगा इसका असर:-
वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को वाणी तथा बुद्धि, तर्क शक्ति, गणित, अनुसंधान,व्यवसायिकता, सांख्यिकी और भ्रमण या यात्रा का कारक ग्रह माना जाता है।
वैसे तो किसी ग्रह का वक्री होना विशेष शुभ नहीं माना जाता है, परंतु यह भी आवश्यक नहीं है कि,कोई भी वक्री ग्रह सदा अशुभ ही परिणाम दें। क्योंकि कभी-कभी ग्रहों का वक्री होना बहुत लाभकारी भी होता है।वक्री ग्रह अपना जो शुभ या अशुभ फल अपनी महादशा या दशा या अंतर्दशा के अंत में देता,वो इस अवस्था में दशा के शुरू में ही दे देता है। अचानक शुभ या अशुभ फल को व्यक्ति झेल नहीं पाने के कारण उस फल का उपयोग गलत कर बैठता है,यो वक्री ग्रह होने पर सावधान रहने और समझदारी से उसे जानकर कार्य करने को कहा गया है।
विशेषकर ज्योतिष ज्ञान,अन्तर्द्रष्टि,बुद्धि और व्यापार के कारक ग्रह बुध का कुंडली में वक्री होना कई तरह की शक्तियां अचानक प्रदान कर सकता है।
अब हम जानते हैं बुध के कर्क राशि में वक्री होने पर विभिन्न राशियों पर पड़ने वाला प्रभाव:-
मेष:-
बुध के चोथे स्थान में वक्री होने से आपको अपने घरेलू जीवन में,(विशेषकर माता और सास से सम्बंधों में) शांति और सद्भाव बनाये रखने के लिए अधिक प्रयास करने होंगे। वहीं कार्यक्षेत्र में भी इच्छानुसार परिणाम पाने के लिए अधिक मेहनत करनी होगी। नये घर या भवन के निर्माण कार्य की शुरुआत करने में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।आपकी पूजा में पढ़ते में मंत्र दोष और किसी देवी देवी के चित्र परिवर्तन से मन उच्चाट सम्भव है।यो ध्यान दे।थोड़ा रुक कर निर्णय करें।अगस्त और अक्टूबर के मध्य सप्ताह में वाहन देख कर चलाये।प्रेम में अथवा अपने जीवन साथी को बुधवार के दिन कोई पसन्द की अच्छी से भेंट करें।
उपायः-पूर्णिमासी को पूर्णिमां माता के चित्र या मन्दिर में खीर का भोग लगाये और उन्हें गुलाब की माला चढ़ाये तथा अखण्ड ज्योति जलाये साथ ही बुधवार के दिन गाय को या भेड़ को हरा चारा दे और मन्दिर में ब्राह्मण को फल दान में दें।पूर्णिमां चालीसा का दैनिक पाठ करें।गुरु दर्शन को अवश्य जाएँ।
वृषभ:-
वक्री बुध का तीसरे घर में पराक्रम घर में गोचर से, आपकी भाषा और संवाद शैली में कुछ घमंड, कटुता और अपशब्दों से आपके मित्रों और परिजनों को क्षुब्तता मिल सकती है, इसलिए जो भी बोलें सोच-समझकर बोलें। अच्छी आय अर्जित करने के लिए अपने कार्य में निरंतर प्रयास करने होंगे ओर अच्छा धन लाभ पाएंगे।सामान्य दूरी की यात्राओं के योग बनेंगे।पूजापाठ तथा दार्शनिक और आध्यात्मिक विषयों में,विशेषकर ज्योतिष में आपकी रूचि बढ़ेगी। छात्रों को आने वाली परीक्षा में अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए अधिक मेहनत में लग जाना चाहिए।नया वाहन या सामान देख कर खरीदें।भोगविलास पर नियंत्रण रखें।प्रेम में भाषा का नियंत्रण रखे ओर अनावश्यक सन्देह और ज्यादा अधिकार दिखाने से बचें।
उपायः-पूर्णिमां माता के मन्दिर या चित्र के सामने पूर्णमासी को अखण्ड ज्योति करें और कनेर के फूल और हरे पत्तो की माला बनाकर उन्हें पहनाएं और खीर का प्रसाद बांटें तथा बुधवार को अवश्य गौ माता या बेल को हरा चारा से या हरी दाल और गुड़ दे।
मिथुन:-
वक्री बुध दूसरे घर में गोचर करने से आपकी भाषा और व्यवहार में विनम्रता की कमी और उद्विग्नता देखने को मिल सकती है।यो अपनी वाणी से परिजनों और दूसरों को अपनी बात मनवाने के लिए उनका दिल जीतने के लिए आपको अधिक प्रयास करने पड़ सकते हैं।वेसे तो बुध की इस वक्री अवस्था में आपका साहस बढ़ेगा,परंतु किसी भी नए स्थानप्रिवर्तन से पाये स्थान या पद के कार्य को पूरा करने के लिए आपको अत्याधिक परिश्रम करना होगा।कार्यक्षेत्र में सहयोगियों से या पड़ोसियों से विवाद होने की संभावना भी बन सकती है इसलिए सभी से मधुर व्यवहार बनाये रखने की कोशिश करें।यात्रा में अपना पर्स,मोबाईल आदि का ध्यान रखें।कागज पर पढ़कर साइन करें।गुरु मन्त्र जप करें और गुरु दर्शन अवश्य करें।
उपायः- भगवान सत्यनारायण और पूर्णिमां माता की पूजा करें और उन्हें सफेद फूल और सफेद चंदन चढ़ाएँ।खीर का भोग लगाकर भक्तों में बांटे।मछलियों को अपना गुरु मन्त्र जपते हुए बहते पानी में आटे की गोलियां बनाते हुए डालकर खिलाये।
कर्क:-
आपकी ही राशि में यानि प्रथम घर में बुध वक्री गति कर रहा है, इसलिए यह समय आपके लिए 19 अगस्त तक तो थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है। यदि आप स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित हैं तो अपने खान पान केअनियंत्रण से और परेशानी और बढ़ सकते है, इसलिए खाने के चटोरेपन को नियंत्रण में रखें।आपके परिवारिक और व्यवसायिक जीवन में अचानक कुछ बुरे रूप में उतार-चढ़ाव होने की संभावना है,यो अपनी वाणी पे नियंत्रण रखें । विदेशी या सदूर के सम्बंधों से मिलने वाले लाभ में कुछ अड़चनें देरी आ सकती हैं। इस अवधि में आपको अपने द्धारा ही किये और कराये गए विशेष जप पूजापाठ अनुष्ठान से ही सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होगी।गुरु आश्रम में गुरु दर्शन ओर दान को अवश्य जाएँ।
उपायः-पूर्णिमां माता के चित्र पर पूर्णिमासी को अखण्ड ज्योत करें और सत्यनारायण की कथा कहें और खीर का प्रसाद बांटें और बुधवार के दिन घी,घुपबत्ती और कपूर दान करें।
सिंह:-
बुध के बारहवें घर में वक्री होने से आपके दैनिक ख़र्चों में और भी बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। घर के किसी सदस्य के विदेश यात्रा या लम्बी यात्रा पर जाने के प्रबल योग बनेंगे। इस अवधि में परिवारिक सम्पत्ति या ऐसी ही किसी बात को लेकर विवाद की स्थिति बन सकती है, इसलिए व्यर्थ के विवादों से बचने की कोशिश करें। यदि विवाहित हैं तो संतान का सुख या संतान से सहयोग मिलेगा।कार्यक्षेत्र से धन और मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। कामकाज के सिलसिले में लंबी दूरी की यात्रा पर भी जाना पड़ सकता है यो उसमें अपने कागज सावधानी से रखकर चले।कोई दवाई चल रही है,तो उसपर डाँक्टर से पुनः राय ले।
उपायः-पूर्णिमां माता की पूर्णिमासी और सोमवार ओर बुधवार को शुद्ध घी एवं कपूर से पूजा करें।और खीर बांटे।बच्चों को पेन्सिल रबड़ और टॉफी दें।
कन्या:-
वक्री बुध के ग्यारहवें घर में गोचर से आपके स्वभाव में अचानक निराशा और हताशा व् धैर्य की कमी बढ़ सकती है, इसलिए धैर्य और संयम बनाये रखें।अपने समाज से जुड़े कार्यों में और धार्मिक कार्यक्रमों में अधिक सक्रिय रहेंगे।जीवनसाथी और दोस्तों के साथ छोटी-मोटी बात पर तकरार हो सकती है। छात्रों के लिए बुध की यह अवधि मन के भर्मित रहने की संभावना देता है यो इस दौरान छात्रों को सफलता पाने के लिए अधिक मेहनत करनी होगी।किसी पूर्व कार्य से इस समय में धन प्राप्ति के योग भी बनेंगे।यात्रा में सावधानी बरते।खर्चे देख कर करें।प्रेम में विवाद सम्भव है।
उपायः-पूर्णिमां माता के चित्र या मन्दिर में सोमवार और बुधवार घी और घुपबत्ती का दान करें और खीर का प्रसाद पूर्णिमासी के दिन को बांटें।
तुला:-
वक्री बुध दसवें घर में गोचर करने से आपके पिता या सुसर और वैवाहिक जीवन में सुख और सहयोग बढ़ेगा। इस अवधि में आप अपनी नोकरी या कार्यक्षेत्र में और घरेलू जीवन में भी अच्छा सुकून का अनुभव करेंगे।आपके किसी विदेश से संबंधित योजना से मिलने वाले लाभ में कुछ परेशानियां आ सकती हैं। आपको अपनी भाषा शैली में कटुता बढ़ने से मित्रों या परिजनों को परेशानी देखने को मिल सकती है।आपके परिश्रम से समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा, हालांकि आपको मिलने वाली कोई सफलता में थोड़ी देरी हो सकती है।नई खरीददारी में विचार करके पैसा लगाये।
उपायः-पूर्णिमा के दिन पूर्णिमां माता की पूजाकरके अपनी बुआ या भाभी या बहन अथवा चाची को कोई अच्छा सा उपहार भेंट करें।यदि ऐसा नही कर सके तो किसी भी मन्दिर में पूर्णिमां माता के नाम से ब्राह्मणी स्त्री को साडी दे।
वृश्चिक:-
वक्री बुध के नवम घर में गोचर के कारण इस अवधि में वृश्चिक राशि के जातकों को शेयर या लॉटरी के माध्यम से धन प्राप्ति होने की संभावना है। आप अपने परिश्रम से अपनी नोकरी या व्यवसायिक कार्यक्षेत्र में ख्याति प्राप्त करेंगे।अपने गुरु या ऐसे ही किसी मित्र की संगत से रहस्यमयी विद्या को सीखने में रूचि दिखाएंगे। उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले छात्रों को अभी कुछ समय के लिए इंतजार करना पड़ सकता है।आपकी आमदनी के स्त्रोत में कुछ वृद्धि होगी। इस अवधि में यात्रा में चोरी या वाहन चलाते में या उतरते चढ़ाते में और सहयात्री से विवाद से बचें।
उपायः-पूर्णिमासी का व्रत रखे अखण्ड ज्योति जलाये और खीर का प्रसाद बांटे पूर्णिमां माता को लाल फूलो की माला चढ़ाये और बुधवार के दिन 5 रोटी और हरी सब्जियां दान में दें।
धनु:-
बुध आपके आठवें स्थान पर गोचर करेंगे यो आपके वैवाहिक जीवन में सुसराल पक्ष के कारण विवाद बढ़ने की संभावना बनेगी, इसलिए सोचकर बोलते हुए, धैर्य से काम लें।अच्छा होगा कि जीवनसाथी के साथ भी और इसके परिजनों के साथ भी अच्छा व्यवहार करें।आपके स्वप्न में कुछ अलग अनुभवो के चलते या ऐसा कुछ पढ़ने के कारण आपको ज्योतिष या अन्य रहस्यमयी विद्या को जानने में आपकी रूचि बढ़ सकती है।आप किसी गुरु की संगत भी कर सकते है। किसी भी परिस्थिति में बोलते समय शब्दों का चयन सोच-समझकर करें। इस अवधि में आपको रुके धन से या नए प्रोजेक्ट या किसी की पार्टनरशिप से अप्रत्याशित लाभ होने की प्रबल संभावना है।परन्तु वहीं आपके पिता जी या बड़े भाई या ताऊ या बड़े मामा को धन हानि हो सकती है।
उपायः-पूर्णिमां माता को पीले फूल की माला चढ़ाये और पूर्णमासी को अखण्ड ज्योत जलाकर खीर का प्रसाद बांटें और गाय को हरा चारा एवं गुड़ खिलाएँ।गुरु दर्शन करें।
मकर:-
परिवारिक या व्यवसायिक जमीन-जायदाद से जुड़े मामलों में अभी आगे न बढ़ें,विचार करें, वरना विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।आपके और जीवन साथी के स्वास्थ्य की दृष्टि से बुध का वक्रीय होना परेशानी बढ़ा सकता है, इसलिए समय पर दवाई लेकर सेहत का विशेष ध्यान रखें।व्यवसायिक और नौकरी पेशा जातकों को मिलने वाली सफलता में थोड़ी देरी हो सकती है। इस दौरान किसी के साथ बहसबाजी या विवाद करने में अपनी भाषा पर थोडा अधिकार रखें या बीच में बोलने से बचें वरना आपकी छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। दाम्पत्य जीवन में भी जीवनसाथी से किसी बात को लेकर विवाद करने से बचें।अगस्त में और अक्टूबर में सामूहिक यात्रा में सावधानी से वाहन चलाये।
उपायः-बुधवार या किसी भी दिन की किन्नरों का दक्षिणा देकर आशीर्वाद लें।और पूर्णमासी का व्रत रखे और घर में अखण्ड ज्योति जलाये और खीर का प्रसाद बांटे।गुरु दर्शन करें।
कुंभ:-
घर में और व्यवसाय में धन संबंधी मामले परस्पर तनाव का कारण बन सकते हैं। आपके सामाजिक और धार्मिक खर्चों में बढ़ोत्तरी होने की संभावना है। यदि अदालत में कोई मुकदमा चल रहा है तो, उसका फैसला आने में देरी हो सकती है।और जमीन जायजाद सम्बंधित कागजों को सम्भाल कर रखे।समय पर नहीं मिलने से परेशानी सम्भव है और आपकी और आपकी बड़ी संतान की सेहत और ज्यादा खराब हो सकती है इसलिए स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।इस समय छात्रों को प्रतियोगी परीक्षा में उत्तम सफलता के लिए अधिक प्रयास करने होंगे। इस अवधि में अपने भाषा और वाणी पर काबू रखने की कोशिश करें।अनावश्यक विवाद सम्भव है।रचनात्मक कार्यों में मन लगाये,तो बहुत लाभ होगा।ध्यान को समय बढ़ाये।
उपायः बुधवार को पूर्णिमां माता के मन्दिर में या उनके नाम से किसी भी मन्दिर में ज्योति के लिए शुद्ध घी और धूपबत्ती का दान करें।गुरु दर्शन करें।
मीन:-
परिवार ओर समाज में होने वाले धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यक्रमों में रूचि बढ़ेगी। आप अपने कार्यक्षेत्र के विरोधियों पर हावी रहेंगे और उन्हें साम दंड भेद से परास्त कर देंगे। आप ध्यान की नई विधि और अपने गुरु या इष्ट मंत्र जप में व्रद्धि करेंगे, वाणिज्य और गणित जैसे विषयों को सीखने में अधिक रूचि दिखाएंगे। वहीं छात्रों को आने वाली परीक्षाओं के 2-5-7 वां पेपर के अध्ययन के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए अधिक मेहनत करनी होगी।आपके पार्टनर और जीवन साथी को कोई पद,प्रतिष्ठा भरी उपलब्धि हासिल हो सकती है।अपने लिवर का ध्यान रखें।
उपायः-पूर्णिमासी का पूर्णिमां माता का व्रत रखें।जल सिंदूर से तिलक करके अपने भी नित्य तिलक करें और उन्हें मोदक एवं दूर्वा (घास) चढ़ाएँ।गुरु दर्शन करें।
गुरु दर्शन, गुरु मंत्र जपे,
और करे दान, गुरु की सेवा।
गुरु ज्ञान प्रचार करें सदा
नव ग्रह बने सदा भक्त खेवा।।
“इस लेख को अधिक से अधिक अपने मित्रों, रिश्तेदारों और शुभचिंतकों को भेजें, पूण्य के भागीदार बनें।”
अगर आप अपने जीवन में कोई कमी महसूस कर रहे हैं? घर में सुख-शांति नहीं मिल रही है? वैवाहिक जीवन में उथल-पुथल मची हुई है? पढ़ाई में ध्यान नहीं लग रहा है? कोई आपके ऊपर तंत्र मंत्र कर रहा है? आपका परिवार खुश नहीं है? धन व्यर्थ के कार्यों में खर्च हो रहा है? घर में बीमारी का वास हो रहा है? पूजा पाठ में मन नहीं लग रहा है?
अगर आप इस तरह की कोई भी समस्या अपने जीवन में महसूस कर रहे हैं तो एक बार श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज के पास जाएं और आपकी समस्या क्षण भर में खत्म हो जाएगी।
माता पूर्णिमाँ देवी की चमत्कारी प्रतिमा या बीज मंत्र मंगाने के लिए, श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज से जुड़ने के लिए या किसी प्रकार की सलाह के लिए संपर्क करें +918923316611
ज्ञान लाभ के लिए श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज के यूटीयूब
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श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येंद्र जी महाराज
जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः