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राई यानि सरसों के अद्भुत चमत्कारी टोटके, जिनके करने से बन जाएंगे ये काम : श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज

 

 

 

 

“राई यानि सरसों के द्वारा कुछ ऐसे टोटके किये जाते हैं जो बेहद कारगर सिद्ध होते हैं, ऐसे ही टोटके के बारे में स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज बता रहे हैं।”

 

राई यानि सरसों का अद्धभुत चमत्कारी टोटका यानि उपाय:-

बिन अर्थ जाने, व्यर्थ सब।
अर्थ जाने, मिटे अनर्थ सब।

अर्थात जो भी इस संसार में है,उस वस्तु की अपनी उपयोगिता है और उसके नकारात्मक और सकारात्मक अर्थ होते है,जो जानता है,वो उससे सब पाता है और जो नहीं जानता है,वो पाये हुए को भी खो देता है-यही अर्थ-काम धर्म और मोक्ष में से प्रथम अर्थ का अर्थ है।

ऐसे ही है-शनिदेव यानि भाग्य के देव या काली माँ यानि काल की देवी और उनके साहयक भैरव जो सभी भयानकता या सभी प्रकार की नकारात्मकता के देव रूप है,और इन सबकी प्रिय वस्तु है- राई यानि बारीक़ सरसों के दाने।
और जो जिसकी प्रिय वस्तु होती है,यदि उसका उपयोग आप करेंगे,तो अवश्य ही आपको जो चाहिए वो लाभ प्राप्त होगा।

राइ का पहला विश्वनीय उपाय:-

यदि घर में निर्धनता का बुरा समय चल रहा हो तो, दरिद्रता दूर करने के लिए एक सफल उपाय करें और निश्चित मानो की- आपके घर में और व्यापार में धन के सारे रुके हुए मार्ग खुलने लगेंगे।

कैसे करें राई का उपाय:-

मंगल या शनिवार के दिन एक पानी भरे घड़े या बाल्टी में कुछ राई के पत्ते डाले,यदि पत्ते नहीं मिले तो, एक मुट्ठी में कुछ राई के दाने ले कर उस जल में जरा जरा से दाने गिराते हुए अपने गुरु मंत्र या इष्ट मंत्र से 108 बार जपते हुए हाथ के सारे दाने घड़े या बाल्टी में दाल दे और अब उस जल में गुरु और इष्टदेव का ध्यान करते हुए 7 बार फूंक मारे,इस प्रकार से अभिमंत्रित करके इस जल से जिस भी किसी व्यक्ति को स्नान कराया जाएगा उसकी दरिद्रता रोग नष्ट हो जाते हैं।
विशेषकर ये उपाय अमावस्या को या पूर्णिमां के दिन करें,तो अति उत्तम होगा।
अन्यथा सामान्य तौर पर केवल 5 या 7 मंगल या शनिवार ये उपाय करें।

केसी भी बुरी नजर के लगने से उत्पन्न असाध्य रोग को ठीक करने का उपाय यानि नजर उतारना:-
क्या है नजर लगना:-
जिन पुरुष या स्त्रियों की ऑंखें कुछ भूरापन लिए होती है,उनके अंदर केतु ग्रह की नकारात्मक शक्ति का प्रभाव अधिक होता है,वो देखने में बड़ी आकर्षक नजरें होती है,पर वे नजरें किसी भी मनुष्य को उनकी जरा से प्रसंशा भरी नजर से देखने भर से अनिष्ट से भर देती है और यही अनिष्ट जाने किस संकट या कष्ट में बदल जाये? ये आप पता नहीं लगा सकते है।उनकी नजर के इस दोष में उनका खुद का पति हो या पिता या भाई या बच्चा हो या उनके घर के भैंस या गाय आदि तक सभी आ जाते है,तुरन्त बुखार आ जायेगा,पशु दूध नहीं देगा,पति की बढ़ती आय या स्वास्थ खराब हो जायेगा या अन्य अनजान लोग भी इस नजर के प्रभाव में आ जाते है।
वे बुरे इंसान नहीं होते है,बस उनमे ये नकारात्मक शक्ति का प्रभाव अधिक होता है,उनके शरीर में पूवजन्मों के गलत ढंग से की गयी किसी भी जप साधना से या तो X या Y की शक्ति बढ़ी हुयी होती है।यो ये ही केतु का दोष उनमें बढ़ा हुआ होता है।
ये महिला या पुरुष यदि तांत्रिक क्रिया करें तो शीघ्र सफलता पा सकते है।
और कुछ ईर्ष्यालु लोगों की निरन्तर बदुआ भी होती है,जो उनके परिवार या पड़ोस या रिश्तेदारी के लोगों को उनकी नजर बनकर कष्ट देती है।
और कुछों की वाणी में ऐसा क्रोध भरा ईर्ष्यालु नकारात्मक प्रभाव होता है,कि उनकी किसी बात की किसी ने उपेक्षा की या अवज्ञा की-बस वे अंदर से क्रोध से भर बैठेंगे और झिड़कते शब्दों को कहते हुए ही,शाप सा दे देंगे या दे देंगी।ये स्त्री या पुरुष चाहे कितने धार्मिक क्यों न हो,पर अंदर सेआक्रोशित होने से इनके मन में शुद्धि नहीं होती है,यो इनका धार्मिक स्वभाव भी नकारात्मक शक्ति ही फेंकता है।यो इसको भी नजर का प्रभाव कहते है।यो इसका उपाय बताता हूँ।

बुरी नजर उतारने के लिए राई के सात दाने, नमक की सात छोटी-छोटी डली, सात साबुत लाल मिर्च को लेकर नजर से पीड़ित बच्चे या व्यक्ति के सिर के उपर से सात बार उल्टा उतारकर जलती आग में दाल दें। ध्यान रहे ये क्रिया करते समय किसी की भी टोक नहीं होनी चाहिए। समस्त कार्य बाएं हाथ से करना चाहिए।
आग के लिए लकड़ी देसी आम की होनी चाहिए।
अन्यथा तो एक कंडे पर घी डाल कर आग जला ले और उसमें ये डाल दे और कंडे के ठंडे होने पर उसकी राख को बहते पानी या नहर में डाल दे।

मुख्यतया जन्मकुंडली में चंद्रमा जब राहु से पीड़ित होता है, तब व्यक्ति को बार बार नजर लगती है।यहां ये उपाय में मिर्च मंगल का, राई शनि का और नमक राहु ग्रह का प्रतीक है। इन तीनों को आग (सूर्य का प्रतीक) में डालने से नजर दोष दूर हो जाता है। यदि इन तीनों को जलाने पर तीखी गंध न आए तो नजर दोष समझना चाहिए। यदि आए तो फिर कोई और उपाय करने चाहिए।

शनिदेव की ढईया हो या साढ़े साती या महादशा हो तो राइ का दान करें…

शनिवार के दिन असाध्य रोगी के वजन के बराबर की राइ लेकर उस में से थोड़ा सी राइ उसके ऊपर से 7 बार उलटा उतार कर शनिदेव की मूर्ति के पास रखे और बाकी राइ को वहाँ रख दे,ऐसा तीन शनिवार करें तो अवश्य रोग में शांति मिलेगी।

गुरु मंत्र गुरु ध्यान कर,
और गुरु की करें जो सेवा !!
सभी ग्रह दोष मिटते चले,
सुखी जीवन की पाये मेवा !!

 

“इस लेख को अधिक से अधिक अपने मित्रों, रिश्तेदारों और शुभचिंतकों को भेजें, पूण्य के भागीदार बनें।”

अगर आप अपने जीवन में कोई कमी महसूस कर रहे हैं? घर में सुख-शांति नहीं मिल रही है? वैवाहिक जीवन में उथल-पुथल मची हुई है? पढ़ाई में ध्यान नहीं लग रहा है? कोई आपके ऊपर तंत्र मंत्र कर रहा है? आपका परिवार खुश नहीं है? धन व्यर्थ के कार्यों में खर्च हो रहा है? घर में बीमारी का वास हो रहा है? पूजा पाठ में मन नहीं लग रहा है?
अगर आप इस तरह की कोई भी समस्या अपने जीवन में महसूस कर रहे हैं तो एक बार श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज के पास जाएं और आपकी समस्या क्षण भर में खत्म हो जाएगी।
माता पूर्णिमाँ देवी की चमत्कारी प्रतिमा या बीज मंत्र मंगाने के लिए, श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज से जुड़ने के लिए या किसी प्रकार की सलाह के लिए संपर्क करें +918923316611

ज्ञान लाभ के लिए श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येन्द्र जी महाराज के यूटीयूब

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श्री सत्यसाहिब स्वामी सत्येंद्र जी महाराज

जय सत्य ॐ सिद्धायै नमः


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