पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के चलते भाजपा ने इस बार 850 से ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। भाजपा ने यह दिखाने की भी कोशिश भी की है कि वो सभी धर्म वर्गों को बराबर की नज़रों से देखती है। बंगाल में हर बार मुंह की खाने की वजह से इस बार भाजपा ने यह बड़ा दाव खेला है।
आपको बता दें कि पश्चिमी बंगाल में चुनाव होने वाले हैं। इसके लिए पार्टियां टिकट बांट रही हैं। कोई मुस्लिमों को ज्यादा टिकट देकर लुभाने की कोशिश कर रहा है तो कोई अन्य जातियों पर अपना दांव लगा रहा है। इसी के चलते भारतीय जनता पार्टी ने भी अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं।
पश्चिम बंगाल में भाजपा ने 850 से भी ज्यादा मुस्लिमों को अपना उम्मीदवार बनाया है। यह आंकड़ा अब तक का सबसे अधिक है जब इस तादात में भाजपा ने मुस्लिमों को अपना उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने 2013 में सबसे ज्यादा करीब 100 मुस्लिम उम्मीदवारों को पंचायत चुनाव में अपना प्रत्याशी बनाया था। बता दें कि राज्य में 14 मई को पंचायत चुनाव होने वाले हैं।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि पार्टी ने राज्य में करीब 2,000 अल्पसंख्यक लोगों को उम्मीदवार बनाया है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी बंगाल में ही नहीं पूरे देश में सबका साथ सबका विकास के साथ काम कर रही है। यहां के मुस्लिम भी जानते हैं कि बीजेपी सभी के विकास में विश्वास रखती है।
घोष ने कहा कि हम केंद्र में सरकार चला रहे हैं, साथ ही 20 से ज्यादा राज्यों में आज भाजपा की सरकार है। इन सभी राज्यों में मुस्लिम शांति के साथ रह रहे हैं, किसी को कोई परेशानी नहीं है। उन्होंने कहा कि 2019 में भी उम्मीदवारों की जीत के आधार पर टिकट दिए जाएंगे। हम धर्म या जाति के कराण लोगों को टिकट नहीं देंगे बल्कि उम्मीदवार की जीत के आधार पर लोगों को टिकट देंगे।
वहीं तृणमूल कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पार्थ चटर्जी ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी पर अल्पसंख्यकों को पूर्ण भरोसा है। उन्हें ममता बनर्जी पर भरोसा है। लेकिन भाजपा जातिवाद की राजनीति करती है और वह राज्य में दंगों को बढ़ावा दे रही है। वहीं बंगाल भाजपा
उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय ने भी महसूस किया है कि बीजेपी उनकी दुश्मन नहीं हैं। भाजपा के एक और वरिष्ठ नेता ने कहा कि 2016 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने 294 उम्मीदवारों में से केवल 6 मुस्लिम उम्मीदवारों को चुना था। लेकिन अब इतने उम्मीदवारों को टिकट दिया है। यह एक बड़ा बदलाव है।