कठुआ गैंगरेप और हत्या मामले को सीबीआई को सौंपा जाए या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को कोई फैसला सुना सकता है। साथ ही मामले की सुनवाई राज्य से बाहर चंडीगढ़ शिफ्ट करने पर भी आदेश पारित किया जा सकता है।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले की सुनवाई पर सोमवार तक के लिए रोक लगा दी थी। पीड़िता के पिता ने मामले की सुनवाई चंडीगढ़ में कराने की याचिका दायर की है जबकि आरोपियों ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की कोर्ट से अपील की है।
उल्लेखनीय है कि कठुआ बलात्कार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया हुआ है। इससे पहले पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत में चल रही सुनवाई पर रोक लगा दी थी। इस दौरान केस ट्रांसफर करने वाली याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आरोपियों को भी अपना पक्ष रखने का अधिकार है। कोर्ट ने आरोपियों को अपना जवाब दाखिल करने के लिए 7 मई तक का समय दिया है।
बता दें कि इस मामले में अदालत के पास इसका ट्रायल चंडीगढ़ शिफ्ट करने और मामले को CBI को देने संबंधी याचिकाएं मिली हैं। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस मल्होत्रा की पीठ ने कहा कि वो दोनों याचिकाओं को सुनेंगे।
कठुआ गैंग रेप मामले में पीड़ित की पिता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस जारी किया था। पीड़ित के पिता सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर केस को जम्मू कश्मीर से बाहर ट्रांसफर करने की मांग की है।
याचिका में पिता ने मांग की है कि केस को चंडीगढ़ ट्रांसफर कर दिया जाए क्योंकि जम्मू में केस का ट्रायल सही से नहीं हो पाएगा। याचिका में यह भी मांग की गई है कि नेताओं को नाबालिग आरोपी से मिलने से रोका जाए। जांच की प्रगति रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के सामने रखी जाए और साथ ही यह भी मांग की गई है कि कठुआ की अदालत तब तक इस मामले की सुनवाई न करे जब तक सुप्रीम कोर्ट केस को ट्रान्सफर करने को लेकर दाखिल याचिका का निपटारा न कर दें।
कोर्ट कठुआ गैंगरेप के मुख्य आरोपी संजी राम और उसके बेटे विशाल की याचिका पर भी सुनवाई करेगा। आरोपी संजी राम ने याचिका में केस को जम्मू-कश्मीर से ट्रांसफर करने का विरोध करते हुए कहा है कि केवल शिकायतकर्ता की सुविधा के लिये केस को जम्मू से बाहर ट्रांसफर नहीं किया जा सकता। याचिका में उसने यह भी कहा है कि उसे गलत तरीके से फंसाया जा रहा है। उसने कोर्ट से दरख्वास्त की है कि केस को जम्मू से किसी दूसरे राज्य में ट्रांसफर करने से पहले उसका पक्ष भी सुना जाना चाहिए।