विजय शर्मा न तो सरकारी मदद ली और न गैरसरकारी मदद।
विजय शर्मा ने बिहार के लोगों के जीवन में बहुत कुछ बदला लेकिन इसका उन्होंने न तो बखान किया और न ही इसका श्रेय लिया। मीडिया से भी हमेशा दूरी बनाए रखी। क्योंकि सुर्खियों में आना विजय शर्मा को पसंद नहीं था। लेकिन एक दिन हमें उनके बारे में जानकारी हुई तब हमने विजय शर्मा से मिलने का निश्चय किया लेकिन जैसे ही उन्हें ज्ञात हुआ कि हम मीडिया से हैं और उनके किये गए कार्यों के लिए उनका इंटरव्यू करना चाहते हैं तो उन्होंने मिलने से साफ इंकार कर दिया। लेकिन हमने दोबारा संपर्क किया और कहा कि आपका साक्षात्कार नहीं लेंगे और न ही आपके किये गए सामाजिक कार्यों का बखान करेंगे तब वो हमसे मिलने को राजी हुए।
विजय शर्मा जब पहली बार हमसे मिले तब हमने उन्हें समझाया कि वो बिना किसी की मदद या मीडिया में आये बिना कुछ नहीं कर सकते हैं। उन्हें समझाया कि आप जो कर रहे हैं बहुत अच्छा है लेकिन आपके द्वारा किये गए उन्नत कार्यों को अगर किसी को नहीं बताएंगे और बताने से मना करेंगे तब दूसरे लोग इससे कैसे प्रेरणा लेंगे। विजय शर्मा से हमने कहा कि देश को आप जैसे लोगों की जरूरत है। क्योंकि आप जैसे लोग निस्वार्थ भाव से जरुरतमंद लोगों की मदद करते हैं। तब जाकर विजय शर्मा साक्षात्कार के लिए राजी हुए।
विजय शर्मा के समाजसेवी बनने की कहानी। कैसे हुआ विजय शर्मा की जिंदगी में बदलाव?
विजय शर्मा ने हमसे बातचीत करते हुए बताया कि वे एक किसान परिवार से हैं और उनका जन्म नालंदा जिले में हुए। उनके 3 भाई किसान हैं। और विजय खुद कारोबारी हैं। विजय शर्मा ने अपनी जिंदगी में बहुत कुछ झेला है। किसान परिवार से होने के बाबजूद उन्होंने अपना कारोबार खड़ा किया। जिसमें उनको ढेरों सारी कठिनाइयों का सामान करना पड़ा।
“कहते हैं कि जब हौसलों में जान हो, सपने पूरे करने का गुमान हो, मन में विश्वास हो.. तो सपने पूरे होकर रहते हैं।
बस मन में कुछ करने की हिम्मत होनी चाहिए। रास्ते अपने आप आसान होते चले जाते हैं।”
लेकिन 2 जनवरी 2011 विजय शर्मा की जिंदगी में एक तूफान लेकर आया जब इनके बड़े भाई की एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गयी। विजय शर्मा उस वक़्त अपने बड़े भाई सरोवर के साथ कहीं जा रहे थे कि भयानक हादसे में काल ने उनके भाई को लील लिया और खुद विजय शर्मा बहुत बुरी तरह से जख्मी हो गए। 4 दिन बाद जब होश आया तब जाकर तो उन्हें अपने भाई के बारे में जानकारी हुई। विजय शर्मा पूरी तरह से टूट चुके थे। दुर्घटना की वजह से विजय शर्मा की टांग में गंभीर चोट आई। डॉक्टरों ने बोला कि उन्हें चलने फिरने में बहुत परेशानी आएगी लेकिन विजय शर्मा ने छड़ी को अपना सहारा बना लिया और अपने भाई को अपने मन में बसा लोगों के लिए मदद करने के लिए बढ़ चले। उन्होंने अपने भाई के नाम से “सरोवर सेवा आश्रम” का गठन किया और इसी नाम से लोगों की मदद का प्रण लिया। विजय शर्मा ने “सरोवर सेवा आश्रम” के नाम से एनजीओ बनाया और अकेले ही कार्य करना शुरू कर दिया। जो भी जरूरतमंद उन्हें दिखाई पड़ता वो उसकी मदद करते।
लेकिन कार्य इतना बड़ा और अकेले विजय शर्मा। जब उनपर हमारी नज़र पड़ी तो हमने उनके साथ चलने का फैसला किया। विजय शर्मा का मानना है कि जब तक देश में गरीबी, भुखमरी, अशिक्षा, बेरोजगारी, भेदभाव का अभिशाप है तब तक देश कभी तरक्की नहीं कर सकता हैं। विजय शर्मा कहते हैं कि वे बिहार को इस अभिशाप से मुक्ति दिलाकर रहेंगे।
राजनीति में आने के सवाल पर विजय शर्मा :
हमने उनसे सवाल किया कि वो राजनीति में क्यों नहीं आ जाते? तब विजय शर्मा ने कहा कि उन्हें राजनीति से कोई परहेज नहीं है और वे उचित समय आने पर इस पर विचार करेंगे।
“विजय शर्मा ने बिहार में हो रही राजनीति को लेकर अपनी बेबाक राय दी। और साथ ही चिंता जाहिर की कि जिस तरह की राजनीति इस वक़्त बिहार में हो रही है इससे कहीं विकास बाधित न हो जाये।”
विजय शर्मा ने कहा जिस तरह से आजकल राजनीति हो रही है इसे देखकर लग रहा है कि कहीं न कहीं विकास बाधित हो रहा है। उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को साथ में आकर विकास की बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वो युवाओं को आमंत्रित करे और बिहार के विकास के लिए उनसे उनकी राय माँगे, जिससे कि बिहार का युवा अपने प्रदेश के प्रति जागरूक बनें, और सजग बनें। इससे बिहार समृद्ध बनेगा और खुशहाल बनेगा।
राज्य की सरकार अगर युवाओं से बिहार के विकास के बारे में उनसे उनकी राय मांगेगी इससे युवाओं का सरकार के प्रति रवैया भी बदलेगा और युवा बढ़चढ़कर अपनी राय जाहिर करेगा। इससे प्रदेश के विकास में काफी मदद मिलेगी। साथ ही युवाओं के प्रति सरकार की जागरूकता से बिहार के युवाओं का पलायन भी रुकेगा।
विजय शर्मा के मुताबिक बिहार एक ऐसा राज्य है जहां देश के सबसे ज्यादा युवा आईएस, आईपीएस और बैंक अधिकारी बनते हैं। यहाँ का युवा बहुत पढ़ा लिखा है, और वो अपने भविष्य के प्रति काफी सजग भी है।
सरकार की बिहार के हर नागरिक के प्रति जिम्मेदारी बनती है अगर प्रदेश को समृद्ध और शक्तिशाली बनाना है तो बिहार के युवाओं को साथ में रखकर चलना होगा। उनके लिए बिहार में रोजगार पैदा करने होंगे। उनका भरोसा जीतना होगा ताकि बिहार का युवा अपने प्रदेश के प्रति और जिम्मेदार हो जाये साथ ही पलायन रुक जाए। इस पलायन की वजह से देश विदेश में बिहार की जो बदनामी होती है। युवा कम से कम रोजगार के लिए बिहार से बाहर नहीं जायेगा। उनके लिए यहीं पर रोजगार के सृजन होने चाहिए।
विजय शर्मा ने जिस तरह से अपनी बेबाक राय दी हम आशा करते हैं कि उनका सपना अवश्य पूरा हो और वो हर क्षेत्र में आगे बढ़े।
जिस तरह वे “सरोवर सेवा आश्रम” के माध्यम से लोगों की मदद करते हैं। उसी तरह वो राजनीति में आकर बिहार के युवाओं और बिहार के विकास के लिए और कार्य करें। क्योंकि हमने देखा कि विजय शर्मा साभी जाति धामों के लोगों में लिकप्रिय हैं और वे पिछड़े, अति पिछड़े लोगों के लिए हर संभव मदद करते हैं।
विजय शर्मा की युवाओं में काफी प्रसिद्धि है और सभी वर्गों के लोगों में उनकी काफी लोकप्रियता है।
****
ख़बर 24 एक्सप्रेस
Discover more from Khabar 24 Express Indias Leading News Network, Khabar 24 Express Live TV shows, Latest News, Breaking News in Hindi, Daily News, News Headlines
Subscribe to get the latest posts sent to your email.